आज के दौर में कोई कंपनी खोलने के लिए या बिजनेस चालू करने के लिए सबसे पहले किसी चीज की जरूरत है तो वो एक अदद डोमेन नेम है. माने जीएसटी से लेकर बाकी प्रोसेस बाद में होगी. पहले डोमेन नेम बुक करो. बोले तो .com या .in बुक करो. ऐसे में बात अगर इस इलाके की सबसे बड़ी कंपनी की हो तो फिर बात करने जैसा कुछ रह नहीं जाता. बात गूगल की जिसने google.com. google.in तो छोड़िए, इसके पास और दूर के डोमेन भी रजिस्टर कर रखे हैं. gogle, goagle, gogle जैसा हर डोमेन कंपनी ने रजिस्टर कर रखा.
गूगल को इंडियन बंदे ने महज ₹804 में खरीद लिया, फिर Google ने जो किया वो डबल मजेदार है
एक बार ऐसा भी हुआ जब डोमेन (Google Domain Purchase) के गेम में Google को उसके 'Men' ने ही मात दे दी. इंडियन बंदे ने अरबों-खरबों डॉलर वाला google.com महज 12 डॉलर में खरीद लिया. चंद सेकंड में कंपनी का मालिकाना हक इधर से उधर हो गया.

मगर एक बार ऐसा भी हुआ जब डोमेन के गेम में गूगल को उसके ‘मेन’ ने ही मात दे दी. इंडियन बंदे ने अरबों-खरबों डॉलर वाला google.com महज 12 डॉलर में खरीद लिया. चंद सेकंड में कंपनी का मालिकाना हक इधर से उधर हो गया. फिर क्या हुआ?
गूगल की नाक के नीचे खेला हुआबात है साल 2015 की. गूगल में काम करने वाले Sanmay Ved, 29 September की देर रात गूगल पर गूगल सर्च कर रहे थे. मान सकते हैं कि तफरी मार रहे थे. सर्च के दौरान उन्होंने google.com डोमेन सर्च किया और ये क्या? ये डोमेन उपलब्ध था. तकनीकी तौर पर पर ऐसा होना असंभव है. क्योंकि जैसा हमने कहा कि इस नाम के दूर तक का डोमेन गूगल बाबा के पास ही है.
तकनीकी तौर पर नहीं मगर तकनीकी ग्लिच की वजह से ऐसा हो सकता है. सही बात तो ये है कि ग्लिच या एरर की वजह से तो कुछ भी हो सकता है. खैर Sanmay को लगा भले डोमेन उपलब्ध है लेकिन मिलेगा नहीं. मतलब पेमेंट करने पर लेनदेन रद्द हो जाएगा. मगर शायद उस दिन किस्मत उनके ऊपर मेहरबान थी. उनके क्रेडिट कार्ड से 12 डॉलर माने तब के 804 रुपये में कट गए. google.com के नए मालिक का नाम Sanmay Ved हो गया था. अब जो होना था सो हो गया. गूगल ने क्या क्या.
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गूगल ने दिया इनामजल्द ही गूगल को इसका पता चल गया. गूगल ने इस तकनीकी ग्लिच का पता करने के लिए Sanmay की खूब तारीफ की. अब बड़ा सिक्योरिटी लूप होल पकड़ा तो इनाम के तौर पर 6,006 डॉलर (लगभग 4.07 लाख रुपये) भी दिए.कंपनी ने इस राशि को डबल कर दिया जब उसे पता चला कि Sanmay इस राशि को भारत में स्कूल को दान में देने वाले हैं. गूगल ऐसा लगातार करती है. माने कोई भी कंपनी के सिस्टम में झोल पकड़ेगा तो मोटा पैसा मिलेगा.
अंत भला तो सब भला. मगर कुछ घंटों के लिए गूगल का भूगोल तो बदल ही गया था. हां अगर आपके मन में सवाल हो कि क्या होता जो Sanmay डोमेन देने से मना कर देते. कानूनी लड़ाई तो होती मगर जीतता आखिर में गूगल. कैसे, नीचे लिंक पर क्लिक करके जान लीजिए.
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