गूगल ने पासवर्ड के अंत की घोषणा कर दी है. और ये सच हो चुका है. कहते हैं बड़े-बुजुर्ग कुछ कहें तो मान लेना चाहिए. हर बड़े-बुजुर्ग की मानने को नहीं कह रहे. बड़ा-बुजुर्ग मतलब प्रभावी व्यक्ति, संस्थान, या कोई कंपनी. जैसे टेक जगत में गूगल. उसकी बात में दम होता है, सो मानी जाती है. गूगल ने कह दिया है- 'The beginning of the end of the password'. मतलब पासवर्ड का दौर खत्म होने वाला है.
पासवर्ड्स वाली दुनिया के अंत की शुरुआत हो गई, गूगल के passkeys फीचर ने धमाल मचा दिया
अगले साल से पासवर्ड का झंझट खत्म, जानें कैसे.

अब गूगल ऐसा कोई तुक्के में तो कहेगी नहीं. दरअसल आज है 'वर्ल्ड पासवर्ड डे' और गूगल ने अपने शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद फीचर 'passkeys' को रोलआउट कर दिया है. वो फीचर जिसके बाद पासवर्ड याद रखने, अलग-अलग पासवर्ड बनाने से मुक्ति मिलने वाली है.
पासवर्ड की नई चाबी passkeysआगे बढ़ने से पहले एक दिलचस्प बात. ये एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिस पर गूगल, ऐप्पल और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर काम कर रहे हैं. मतलब जो आपस में लड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते, वो इस प्रोजेक्ट के लिए गलबहियां घूम रहे हैं. तीनों दिग्गज Fast IDentity Online ( FIDO Alliance) नाम के प्रोग्राम के तहत इस फीचर पर साझा तौर पर काम कर रहे हैं.
इस प्रोग्राम की शुरुवात 2013 में हुई थी और इसका उद्देश्य लोगों की पासवर्ड की समस्या खत्म करना है. तीनों मिलकर इसलिए काम कर रहे हैं ताकि ये फीचर क्रॉस प्लेटफॉर्म पर भी काम कर सके. इनकी दोस्ती को यहीं विराम देते हैं और तकनीक को समझते हैं.
कैसे काम करेगा?ऐप्स से लेकर वेबसाइट पर साइन करने का सबसे नया तरीका. पुराने तरीके में अभी हम हर वेबसाइट और ऐप के लिए अलग-अलग पासवर्ड चुनते हैं. लेकिन नए तरीके में आपके फोन का पासवर्ड ही हर अकाउंट का पासवर्ड होगा. आसान भाषा में कहें तो स्क्रीन लॉक, फिंगरप्रिन्ट लॉक या फिर फेस अनलॉक ही एक पासवर्ड का काम करेगा. इसके इतर अगर आप सिर्फ नंबर लॉक या पासकोड, जैसे 1234, का इस्तेमाल करते हैं तो भी एक यूनिवर्सल पासवर्ड होगा. कहने का मतलब एक मजबूत सा, 16-20 डिजिट वाला लंबा पासवर्ड बना लीजिए और टेंशन खत्म.
गूगल अपने प्लेटफॉर्म क्रोम और एंड्रॉयड पर इस तकनीक का परीक्षण पिछले कुछ सालों से कर रहा है. Kayak, PayPal, Shopify जैसे प्लेटफॉर्म इसका रियल लाइफ इस्तेमाल कर चुके हैं. इसके साथ ही Yahoo Japan ने भी इसके लिए सिस्टम तैयार किया है.

पासवर्ड तो खत्म नहीं होगा, लेकिन पासवर्डस जरूर खत्म हो जाएंगे. गूगल के मुताबिक इस फीचर को गूगल यूजर्स के लिए आज से ही उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि अभी ये फीचर ऑप्शनल है, लेकिन फ्यूचर इसी का है. कंपनी अपने ब्लॉग में लिखती है कि शायद अगले वर्ल्ड पासवर्ड डे पर आपको पासवर्ड की जरूरत ही नहीं पड़े.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पासवर्ड से जुड़े बाकी तरीके अभी भी वैसे ही काम करेंगे. मसलन 2-Step Verification (2SV). वैसे ये तकनीक सिर्फ गूगल के पास है ऐसा भी नहीं हैं. दुनिया में कई और कंपनियां अपने स्तर पर इस फीचर पर काम कर रही हैं. ऐसी ही एक कंपनी से जुड़े सिद्धार्थ गांधी से हमने बात की जो 1Kosmos के COO हैं. ये कंपनी अपने कस्टमर्स को पासवर्डलेस फीचर मुहैया कराती है. सिद्धार्थ के मुताबिक,
पासवर्ड के साथ सिक्योरिटी का रिस्क हमेशा बना रहता है. वजह चाहे कमजोर पासवर्ड की हो या फिर एक ही पासवर्ड को कई जगह इस्तेमाल करने की. ऐसे में यूजर की पहचान सुनिश्चित करने के लिए मल्टी-फेक्टर ऑथेंटिकेशन से अच्छा कुछ नहीं. 1Kosmos भी ऐसी ही सुविधा अपने यूजर्स को मुहैया करा रही है.
कहने का मतलब पासवर्डलेस दुनिया का सपना शायद साकार होता नजर आ रहा है. तकनीक अभी अपने बाल्यकाल में है, इसलिए जल्द ही इसको टेस्ट करके इसके नफा-नुकसान के साथ फिर हाजिर होंगे.
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