The Lallantop

ये नियम जानें बिना बाइक मॉडिफाई कराई तो टशन का टेंशन बनना तय है

बाइक के असल स्वरूप से किसी भी किस्म की छेड़छाड़, जिसे स्पीड की भाषा में मॉडिफिकेशन कहते हैं, करना गैर कानूनी है. जो Illegal नहीं भी है, वो करने के लिए भी RTO से परमिशन चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया तो स्पीड पर ब्रेक भले ना लगे, जेब पर जरूर लगेगा.

post-main-image
बाइक मॉडिफिकेशन पड़ेगा भारी

“Reebok नहीं तो रीबूक ही सही”. ये Tanu Weds Manu Returns का डायलॉग है, जब कंगना, कंगना से मिलती हैं. इस सीन में एक ओरिजनल ब्रांड के सामने एक डुप्लिकेट या कहें कमतर ब्रांड जैसा नाम बोला गया है. लेकिन जैसा कहते हैं कि फिल्लम में अक्सर वही दिखाया जाता है तो हकीकत के आसपास होता है. Reebok से रीबूक बनाने का काम हम भी अक्सर करते हैं. अपनी फटफटी के साथ. कैसे, अरे भाई फट-फट करने वाला साइलेंसर लगाकर या फिर रंगे-चंगे स्टीकर चिपकाकर. कुछ बहादुर तो बाइक का रंग भी बदल डालते हैं.

लेकिन ऐसा नहीं करना होता है, क्योंकि बाइक के असल स्वरूप से किसी भी किस्म की छेड़छाड़, जिसे स्पीड की भाषा में मॉडिफिकेशन कहते हैं, करना गैर कानूनी है. जो Illegal नहीं भी है, वो करने के लिए भी RTO से परमिशन चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया तो स्पीड पर ब्रेक भले ना लगे, जेब पर जरूर लगेगा. पहले गियर में खूब बाइक चला ली. अब पांचवां गियर डालते.

# साइलेंसर से आवाज नहीं मांगता: अब जिसके नाम में साइलेंट है उसके अंदर से आवाज निकले तो कैसा लगेगा. बाइक के साइलेंसर की आवाज 80 decibels से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. कहने का मतलब बाजार से जो फटाक-फटाक करने वाले, चिंगारी कोई भड़के वाले exhaust लगवा लेते हैं वो गैर कानूनी हैं. ये फटाक-फटाक जेब पर बड़ा फटका लगवा सकता है.

five illegal motorcycle modifications that can land you in big trouble
सांकेतिक तस्वीर

# रैप गाने में अच्छा: रैप मतलब जो बाइक पर रबर जैसा रैपर लगता है. पूरी बॉडी रैप करना तो एकदम ही गैर कानूनी है. हां, टंकी वगैरा पर थोड़ा बहुत चलता है वो भी अगर ट्रैफिक पुलिस वाले अच्छे मूड में हों तो. इसके साथ किसी भी किस्म के स्टीकर, मतलब रौला जमाने वाला कार्यक्रम भी नहीं हो सकता है. आजकल तो बाइक वैसे भी शानदार ग्राफिक्स के साथ आती हैं तो उनका मजा लेना ही समझदारी है.

ये भी पढ़ें: रेलवे के ये 5 नियम याद कर लीजिए, ट्रेन के सफर में कभी 'Suffer' नहीं करेंगे

# तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा: बाइक बोले तो दो लोगों के बैठने का जुगाड़. अब इसकी सीट को ‘बड़ा’ किया तो गलत बात. गाड़ी पर मोहल्ले को बिठाना तो दूर बच्चे को भी साथ ले जाना मना है. माने कि अगर पति-पत्नी के साथ चार साल से छोटा बच्चा है तो वो सेफ़्टी गियर में होना चाहिए. चार से बड़ा है तो फिर हेलमेट जरूरी. नियम के हिसाब से वो दूसरी सवारी हुआ. आमतौर पर बच्चे के साथ होने पर कोई कार्रवाई होती नहीं, मगर नियम है तो पालन करना बनता है.

five illegal motorcycle modifications that can land you in big trouble
सांकेतिक तस्वीर

# कांच को आंच नहीं: बाइक के कांच को कान के जैसे खींचने की गलती करना बड़ा नुकसान करवा सकता है. मतलब अगर साइड मिरर निकालकर ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’ गाया तो फिर जुर्माना लगने पर किसी को शक्ल दिखाने के लायक नहीं रहेंगे.

# रंग बदलने की फितरत अच्छी नहीं: आज काला, कल गुलाबी और परसों पीला. क्या करें गैराज वाले भईया दोस्त जो ठहरे. ये दोस्ती भारी पड़ेगी क्योंकि बाइक का कलर बदलवाना भी गैर कानूनी है. आपकी बाइक का जब रजिस्ट्रेशन हुआ तब उसका कलर भी दर्ज हुआ. वो एक किस्म की पहचान है. हां, अगर वाकई में ऐसा करवाना है तो RTO से मंजूरी लेना पड़ेगी. प्रोसेस के बाद नया रजिस्ट्रेशन आएगा और फिर कलर हो सकता है.

लुब्ब-ए-लुबाब ये कि बाइक जैसे स्वरूप में आई वैसे ही गियर डालिए और मजे लीजिए. कुछ भी ऊपर नीचे हुआ तो एक दिन आपकी जुर्माने वाली रील भी वायरल होगी. फिर मत कहना हमने बताया नहीं.

वीडियो: क्या ED वाले खोल ही लेंगे अरविंद केजरीवाल का iPhone?