Facebook को हमारी और आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बने 18 साल बीत चुके हैं. हर साल इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कारवां बड़ा होता गया. नए यूज़र्स जुड़ते गए. एक्टिव यूज़र्स की संख्या भी बढ़ती रही. मगर अब इस पर विराम लग गया है, कम से कम बीते साल की आखिरी तिमाही में. यह जानकारी Meta यानी फ़ेसबुक की पेरेंट कंपनी ने दी है. सोशल मीडिया कंपनी फ़ेसबुक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ और ये खबर आते ही कंपनी के शेयर भी 20 प्रतिशत नीचे आ गए. Meta ने जानकारी दी है कि पिछली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2021) के दौरान फ़ेसबुक के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1.929 बिलियन रही, जबकि (जुलाई-अगस्त 2021) तिमाही में आंकड़ा 1.930 बिलियन पर था. इसके अलावा फ़ेसबुक के कुल मासिक एक्टिव यूजर्स की संख्या में भी कोई इजाफा नहीं हुआ. यह आंकड़ा 2.91 बिलियन पर स्थिर रहा. कंपनी का कहना है कि अब पहले की तरह युवा यूज़र्स उसके प्लेटफॉर्म से नहीं जुड़ते हैं. एक तरह से इसके लिए सीधे तौर पर TikTok को जिम्मेदार ठहराया गया है. बता दें कि टिकटॉक एक शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है और इसे भारत में बैन किया जा चुका है. कंपनी के शेयर गिरने की वजह सिर्फ एक्टिव यूज़र्स कम होना नहीं था. दरअसल, Meta की कमाई भी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है. कंपनी ने इसके लिए मुख्य तौर पर एक और दिग्गज टेक कंपनी Apple की प्राइवेसी पॉलिसी (App Tracking Transparency) को जिम्मेदार ठहराया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐप्पल ने iOS 15 में यूजर्स की प्राइवेसी को और मजबूत करने के लिए कई बदलाव किए हैं जिसमें ट्रेकिंग की इजाजत एक प्रमुख फीचर है. इस वजह ब्रांड्स टार्गेटेड एडवर्टाइजिंग नहीं कर पा रहे हैं. जानकारों का मानना है कि फेसबुक ने भले ही अपनी कंपनी का नाम Meta कर लिया. लेकिन इसका असर सीधे तौर पर बिजनेस नहीं पड़ा. फ़ेसबुक अपनी बादशाहत को कायम रखने के लिए कई कदम उठा रही है. नाम बदलना और मेटावर्स इसी दिशा में अहम कदम हैं. लेकिन कंपनी को अभी इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा. अब आने वाले समय में कंपनी अपनी कमाई कैसे बढ़ाएगी और गिरते यूजर बेस से कैसे निपटेगी, ये देखना वाकई में दिलचस्प होगा.
18 साल में पहली बार हुआ Facebook को नुकसान, ठहराया TikTok को जिम्मेदार
फ़ेसबुक का यूजर बेस पहली बार घटा है.

फ़ेसबुक युवा यूज़र्स को लुभाने में नाकाम रहा.
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