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फेसबुक का 'लाइट ऐप' यूज करते हैं फिर तो ये खबर जरूर जाननी चाहिए

2018 में फ़ेसबुक ने इसे लॉन्च किया था.

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फ़ेसबुक लाइट ऐप. (फ़ोटो: ऐपल ऐप स्टोर)
फ़ेसबुक का ऐप बहुत भारी भरकम है. इसे चलाने के लिए शानदार फोन और अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट की जरूरत होती है. मगर फ़ेसबुक के पास अपने ऐप का एक लाइट वर्ज़न भी है. मगर अब लगता है कि फ़ेसबुक लाइट (Facebook Lite) के दिन लदने वाले हैं, कमज़-कम आइओएस के लिए या फ़िर उन इलाक़ों के लिए जहां इंटरनेट स्पीड की कोई शिकायत नहीं है. और शुरुआत हो चुकी है ब्राज़ील से.
फ़ेसबुक लाइट के नाम से ही पता चलता है कि ये फ़ेसबुक का हल्का फ़ुल्का ऐप है. इसे 2018 में फ़ेसबुक के ही मेसेंजर लाइट ऐप के साथ लॉन्च किया गया था. ये उन लोगों के लिए बनाया गया था जो या तो बहुत पुराना फ़ोन रखते हैं या फिर ऐसे एरिया में रहते हैं जहां इंटरनेट अच्छा नहीं चलता. मगर अब फ़ेसबुक ने ब्राज़ील में ‘फ़ेसबुक लाइट’ के आइओएस वर्ज़न को ग़ायब कर दिया है.
मैकमैगज़ीन की रिपोर्ट के मुताबिक़, ब्राज़ील में अब ऐपल के ऐप स्टोर पर फ़ेसबुक लाइट ऐप नहीं है. इसके साथ ही जो लोग फ़ेसबुक लाइट इस्तेमाल कर रहे हैं उनको एक नोटिफ़िकेशन आ रहा है जिसमें लिखा है:
“आइओएस के लिए फ़ेसबुक लाइट ऐप अब बंद हो जाएगा. आप अपने दोस्तों और परिवार वालों से जुड़े रहने के लिए ओरिजिनल फ़ेसबुक ऐप इस्तेमाल कर सकते हैं.”
क्यों बंद हो रहा है फ़ेसबुक लाइट?
फ़ेसबुक के एक प्रवक्ता ने MacRumours पब्लिकेशन को बताया कि आइओएस प्लैटफ़ॉर्म पर लाइट ऐप को इतना ज़्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. इसलिए लिमिटेड अडॉप्शन और इम्प्रूव्मेंट की वजह से फ़ेसबुक लाइट को बंद किया जा रहा है. फ़ेसबुक ने अभी तक लाइट ऐप को इंडिया में बंद करने की कोई बात नहीं कही है. लेकिन अगर फ़ेसबुक लाइट ब्राज़ील में आइओएस के लिए बंद हो रहा है तो यहां भी बंद हो सकता है. फ़िलहाल ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर फ़ेसबुक लाइट को बंद करने की भी कोई ख़बर नहीं आई है.
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(फ़ोटो: फ़ेसबुक)

क्या फ़र्क़ है फ़ेसबुक और फ़ेसबाक लाइट में?
फ़ेसबुक लाइट ऐप में फ़ीचर कम हैं. इस वजह से ये जल्दी लोड होता है, डेटा भी कम ख़र्च करता है और पुराने फ़ोन पर भी चल जाता है. रियल टाइम में रीऐक्शन, लाइक काउंट या कॉमेंट नहीं काम करते. विडियो ऑटोप्ले बंद रहता है. पिक्चर्स की क्वालिटी कम पर सेट रहती है. और ये पुराने टाइम के फ़ेसबुक की तरह स्टैटिक रहता है. आइओएस पर इसका साइज़ 10MB से भी कम है.
उधर दूसरी तरफ़ फ़ेसबुक के ओरिजिनल ऐप में सारे फ़ीचर तो हैं लेकिन इसका साइज़ काफ़ी बड़ा है. आइफ़ोन 11 पर ये लगभग 250MB जगह लेता है. ऊपर से इतना बड़ा साइज़ होने के बावजूद भी आपको मैसेज पढ़ने के लिए अलग से मैसेंजर ऐप इंस्टॉल करना पड़ता है.


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