सोशल मीडिया कमाल जगह है. यहां हर दिक्कत का, हर मर्ज का, हर दर्द का इलाज उपलब्ध है. वो भी सिर्फ एक मिनट की रील में. उदाहरण के लिए वजन घटाना है तो एक मिनट वाली रील जिन्दाबाद. बढ़ाना है तो भी एक रील जिन्दाबाद. ठंड में गर्मी का अहसास करवाने वाली रील और और गर्मी में हिमालय का फ़ील देने वाली रील. हां ये अलग बात है कि ऐसी रीलों में बताए गए उपाय कितने कारगर हैं वो बहस का विषय है. ऐसी ही एक रील या कहें रीलों पर हमारी नजर पड़ी.
टंकी को कवर करने से पानी ठंडा हो ना हो, आपकी जेब हल्की जरूर हो जाएगी, रील वाले नुस्खे का सच जान लीजिए
पानी की टंकी पर पहनाया जाने वाला सफेद कलर का लबादा (Water Tank Insulation Cover) क्या वाकई में पानी ठंडा करता है. ऐसी कई रील वायरल हैं. रील जिसमें गर्मी की सबसे बड़ी दिक्कत का माकूल इलाज बताया जा रहा है. वैसे तो हमें दावा लिखना चाहिए मगर रीलवीर तो उसको इलाज कह रहे तो हम भी वही कह देते.
रील जिसमें गर्मी की सबसे बड़ी दिक्कत का माकूल इलाज (Water Tank Insulation Cover) बताया जा रहा है. वैसे तो हमें दावा लिखना चाहिए मगर रीलवीर तो उसको इलाज कह रहे तो हम भी वही कह देते. इलाज गर्मी के मौसम में टंकी से आने वाले गर्म पानी का. वही गर्म पानी जो सुबह बम लाल कर देता है तो नहाते समय पूरे शरीर को. इलाज एक सफेद कलर का लबादा जिसको टंकी पर पहना दो और फिर मस्त ठंडु-ठंडु पानी लो. वाकई में ऐसा है क्या.
थोड़ा सा सच और बाकी फंसानाऐसी रील में सफेद कलर के जिस टंकी कवर को दिखाया जा रहा है. उसे कोई सिल्वर का बना बता रहा तो कोई जादुई मटेरियल का. कहा जा रहा कि गर्मी में ठंडा पानी मिलेगा और ठंडी में गर्म. हमने प्रोडक्ट को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर खंगाला. सिल्वर की चर्चा तो नहीं हुई मगर कई जगह पॉलिएस्टर के इस्तेमाल की बात लिखी दिखी. एक वीडियो में तो थर्माकॉल लगा होने का भी जिक्र है. मतलब बेसिक साइंस की समझ से भी समझना मुश्किल नहीं कि कोई मैजिक नहीं है.
अगर सिल्वर फॉइल भी लगी होती तो क्या होता. वही होता जो रसोई में रोटी के साथ होता है. मतलब गर्मी बाहर नहीं जाती लेकिन यहां तो बाहर से गर्मी भर पल्ले आ रही. अब अगर टंकी पर कुछ लगा भी दिया तो थोड़ा ही फर्क पड़ेगा. बहुत थोड़ा मतलब बहुत थोड़ा. ये एकदम वैसा ही जैसे घर की छत पर चूना पोतना. चूना पोत लो और फिर कूलर की जरूरत नहीं. हकीकत सभी को पता है. एक बात और अगर वाकई में ऐसा कछु जुगाड़ होता तो टंकी बनाने वाली कंपनी सबसे पहले इसको बनाती और टंकी के साथ आपको पहनाती. लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि भरी गर्मी में ठंडे पानी का जुगाड़ नहीं.
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Chillers लगा लीजिएनाम से समझ आ रहा कि ठंडा करने की बात हो रही. आमतौर पर इनका इस्तेमाल बड़े वाणिज्यिक भवनों या फैक्ट्री में होता है. भारत में इनका इस्तेमाल भले निजी तौर पर नहीं होता हो मगर दुबई जैसे देशों में जहां गर्मी ही गर्मी होती है, वहां इनका खूब इस्तेमाल होता है. ये दो प्रकार के होते हैं: वाटर कूल्ड चिलर और एयर कूल्ड चिलर. एयर चिलर आमतौर पर लगाने में कम खर्चीले होते हैं और उन्हें कूलिंग टावर की ज़रूरत नहीं होती. मतलब घर के लिए ठीक. अगर आपके पास जगह और हवा का प्रवाह कम है, तो वाटर चिलर एक बेहतरीन समाधान है. हालाँकि, वाटर चिलर के लिए कूलिंग टावर की ज़रूरत होती है. एयर कंडीशनिंग सिस्टम की तरह इसमें एक इवेपोरेटर, कंडेनसर और कंप्रेसर लगा होता है. इसको फिट कीजिए और फिर ठंडा ठंडा कूल कूल रहिए.
हालांकि ये भी एक खर्चीला और मेंटेनेंस वाला सौदा है. इसलिए हमारी सलाह होगी की देसी तरीका अपनाइए. बाथरूम में पानी स्टोर करके रखिए. गर्मी भी कुछ दिन रहकर चिल करने चली जाती है.
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