18 दिसंबर 2024 को एक खबर आई थी कि PhonePe का नकली क्यूआर कोड बनाकर नोएडा के एक शख्स ने 2 लाख रुपये का सामान खरीद लिया. उसके एक दिन पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब पुणे के सासवाड में 40 साल के एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने एक बेकरी शॉप पर भुगतान करने के लिए QR कोड स्कैन किया और उसे 2.3 लाख रुपये की चपत (QR Code Scam) लग गई. ये पिछले दिनों के वाक्ये हैं मगर इस प्रकार की ठगी कोई नई बात तो है नहीं. UPI पेमेंट और क्यूआर कोड के बिना आजकल काम नहीं चलता.
QR Code Scam से बचना है तो पूछने में क्या जाता है वाला मीम याद कीजिए
QR Code Scam से बचने के लिए क्या करें क्योंकि ठग तो हर जगह पहुंच रहे. फिर बात चाय की दुकान की हो या पान के ठेले की. बड्डे-बड्डे शोरूम में भी QR कोड लगे होते हैं. ऐसे में अगर आपके मन में करें तो करें क्या वाला मीम आ रहा तो उसको भूल जाइए बल्कि पूछने में क्या जाता है वाला मीम याद कीजिए.
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इससे बचने के लिए क्या करें. ठग तो हर जगह पहुंच रहे. फिर बात चाय की दुकान की हो या पान के ठेले की. बड्डे-बड्डे शोरूम में भी QR कोड लगे होते हैं. ऐसे में अगर आपके मन में करें तो करें क्या वाला मीम आ रहा तो उसको भूल जाइए बल्कि पूछने में क्या जाता है वाला मीम याद कीजिए.
पूछने में क्या ही जाएगाजो आपको लग रहा हो कि हर QR कोड स्कैन करने से पहले हमसे पूछना होगा या फिर QR कोड बनाने वाली पेमेंट कंपनी से, तो जनाब ऐसा बिल्कुल नहीं है. पूछना तो पेमेंट लेने वाले से है मगर पहले जरा QR कोड से ठगी का तरीका जान लीजिए. QR कोड से ठगी के दो तरीके हैं. पहला कि नकली या डुप्लीकेट QR कोड चिपका दिया जाए. माने दुकान A के नाम से है और कोड B के नाम से चिपका दिया गया हो. अब आप जब भी पेमेंट करेंगे तो वो ठग के अकाउंट में जाएगा. दूसरा तरीका है APK फाइल का इस्तेमाल करके.
इसमें कोड स्कैन करते ही अमाउंट ट्रांसफर के लिए मोबाइल पर एक OTP यानी वन टाइम पासवर्ड आता है. इसको इंटर करते ही फोन में एक APK फाइल इंस्टॉल हो जाती है और फिर ऐप का कंट्रोल ठग के हाथ में आ जाता है. APK फ़ाइल, मतलब Android Package Kit जिसका इस्तेमाल गूगल प्ले स्टोर पर नहीं मिलने वाले ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए होता है. इसके बारे में आप नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
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शॉर्ट में बता दिया अब पूछते हैं# पूछने से मतलब है जब भी कोई QR कोड स्कैन करते हैं तो स्क्रीन पर नाम भी नमूदार होता है. दुकान वाले से पूछ लीजिए भइया ये आपका ही QR कोड है. अगर हां पेमेंट कर दीजिए.
# UPI आईडी और मोबाइल नंबर पूछ लीजिए. माने जो कुछ गड़बड़ लग रही तो कोड स्कैन करने की जगह सीधे मोबाइल नंबर पूछ लीजिए या UPI आईडी. ये मिलने में कोई दिक्कत और देरी नहीं होती.
# मोबाइल में QR कोड पूछ लीजिए. जो आप कोई बड़ी रकम अदा करने जा रहे हैं तो मोबाइल पर संबंधित ऐप का कोड पूछ लीजिए. चंद सेकंड में स्क्रीन पर फड़फड़ाएगा और ठगी से बचे रहेंगे.
इसके साथ एक और काम कर सकते हैं. UPI पेमेंट के लिए एक अलग अकाउंट रखें और उसमें बैलेंस भी जरूरत का रखें. ऐसा करना कोई मुश्किल नहीं क्योंकि आजकल हर किसी के दो बैंक अकाउंट होते हैं. ऐसा करने के बाद अगर ठगी हुई भी तो नुकसान कम होगा.
हाल-फिलहाल तो यही तरीके हैं जब तक ठगी के इस तरीके को पकड़ने की कोई तकनीक नहीं आ जाती.
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