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WiFi से फोन जुड़ा और बैंक अकाउंट खाली, समय ऐसा आ गया कि आपको समझनी होगी ये हैकिंग

पब्लिक प्लेस वाले मुफ़्त-मुफ़्त-मुफ़्त वाईफाई के चंद सेकंड के इस्तेमाल से आपका अकाउंट खाली हो सकता है. आप तो DNS हैकिंग (DNS hijacking) का शिकार बन सकते हैं. क्या है ये तरीका और बचने के लिए क्या करना होगा, जानें.

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साइबर ठगी का एक और तरीका (तस्वीर: copilot)

रियल लाइफ का एक सीन याद करते हैं. आप एक दुकान के बाहर खड़े हैं या किसी बड़े से मॉल में शॉपिंग निपटाने के बाद बिलिंग के लिए खड़े हैं. जेब से दन्न से फोन निकालते हैं और फ़न्न से कोड स्कैन करते हैं. पता चलता है कि मोबाइल में डेटा नहीं आ रहा है, फिर सर्वर डाउन-डाउन जैसा कुछ हो रखा है. आप परेशान होते उसके पहले ही कोई आपको वाईफाई देने की पेशकश कर देता है. आप पेमेंट करते हैं और राजी-खुशी वापस आ जाते हैं. थोड़े दिनों के बाद या थोड़ी देर बाद आपका अकाउंट खाली हो जाता है.

इतना पढ़कर जो आपको लगे कि दुकानदार ने, या मॉल वालों ने कोई कांड कर दिया है तो नहीं जनाब. आप तो DNS हैकिंग (DNS hijacking) का शिकार बन गए हैं. मुफ़्त-मुफ़्त-मुफ़्त वाले वाईफाई ने आपको चूना लगा दिया. क्या है ये तरीका और बचने के लिए क्या करना होगा. बताते हैं.

क्या है DNS हैकिंग?

इसे DNS Hijacking या DNS Redirection भी कहते हैं. इसमें वाईफाई राउटर को हैक करके पूरा कांड किया जाता है. आमतौर पर इस किस्म का साइबर अपराध पब्लिक वाईफाई को हैक करके किया जाता है. पब्लिक वाईफाई मतलब जो मॉल, दुकान, होटल से लेकर कॉफी शॉप में लगा हो सकता है. पता है आपका सवाल आ रहा है हमारी तरफ.

जो वाईफाई राउटर हैक कर लिया है तो संबंधित जगह पर साइबर डाकू डाका क्यों नहीं डालते? जनाब सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को कौन मारता है! अगर इस राउटर से कांड किया तो फिर उसको बदल दिया जाएगा. हो सकता है वाईफाई सर्विस ही बंद कर दी जाए या फिर जबरदस्त ऑनलाइन सिक्योरिटी का प्रबंध कर दिया जाए. इसलिए शांति से राउटर हैक करो और 'अंडे' खाते रहो.

DNS hijacking: dangerous of using public wifi network
सांकेतिक तस्वीर 

राउटर कैसे हैक होता है वो हमने हजार बार बता दिया. अपराधी को घुसने का रास्ता चाहिए जो वो कहीं से भी बना लेता है. सिस्टम में मालवेयर भेजकर, सीधे राउटर के कनेक्शन में सेंधमारी करके या फिर इंटरनेट सर्वर में घुसकर. एंट्री कैसे भी हो वो महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है इससे बचना, लेकिन उसके पहले इसी अपराध का एक और तरीका भी जान लीजिए.

आप पब्लिक वाईफाई से कनेक्ट हैं और आप कोई वेबसाइट देख रहे हैं तो हो सकता है कि वो भी नकली हो. अब नकली वेबसाइट तो बनी ही है आपका डेटा उड़ाने के लिए. दूसरा मतलब आपके मोबाइल पेमेंट ऐप में घुसने वाला तो हमने आपको बता दिया. मोटा-माटी तरीका बता दिया. अब बताते इससे बचना कैसे है.

बहुत आसान है. कभी भी किसी भी पब्लिक वाईफाई से कनेक्ट होने पर कोई सा भी पेमेंट, बैंकिंग, या लेनदेन नहीं करना है. नहीं मतलब नहीं. अगर करना पड़ रहा तो अपने मोबाइल नेटवर्क से करो. नेटवर्क नहीं तो फिर रहने दो.

काम की बात. ये जानकारी अपने परिवार, रिश्तेदारों, यारों से साझा कीजिए. 

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