एक बाइक में कितने पार्ट्स लगे होते हैं, अगर ये बताने बैठे तो स्टोरी की स्पीड पर जोर से ब्रेक लग जाएगा. इसलिए हम आज बाइक के एक ऐसे पार्ट के बारे में बात करेंगे जो पहला गियर डलने से पहले सबसे जरूरी काम करता है. बिना गियर वालों को भी गाल फुलाने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये पार्ट उसमें भी फिट होता है. बात करेंगे फटफटी में लगने वाले स्पार्क प्लग की. आप कहोगे भईया इसमें क्या बताना. स्पार्क तो स्पार्क होता है. बाइक भले रोज चले, मगर इससे तो राब्ता भी सालों में एक बार होता है. क्या बात करोगे.
बाइक में ये वाला स्पार्क प्लग लगाइए, राइडिंग का 'स्पार्क' कई गुना बढ़ जाएगा!
गियर लगा है नॉर्मल स्पार्क प्लग और Iridium वाले स्पार्क प्लग का. नॉर्मल स्पार्क प्लग जो आमतौर पर ज्यादातर बाइक में लगा होता है. वहीं इरिडियम वाला स्पार्क प्लग हाई एंड बाइकों में. लेकिन जो इसको आपने अपनी बाइक में फिट कर लिया तो फिर लाइफ झिंगालाला. इसलिए अभी अपनी बाइक के ब्रेक लगाइए और अंतर जान लीजिए.

जनाब हम बात करेंगे नॉर्मल स्पार्क प्लग और Iridium वाले स्पार्क प्लग की. नॉर्मल स्पार्क प्लग जो आमतौर पर ज्यादातर बाइक में लगा होता है. वहीं इरिडियम वाला स्पार्क प्लग लगता है हाई एंड बाइकों में. लेकिन जो इसको आपने अपनी बाइक में फिट कर लिया तो फिर लाइफ झिंगालाला. इसलिए अभी अपनी बाइक के ब्रेक लगाइए और अंतर जान लीजिए.
नॉर्मल स्पार्क प्लगइंजन के ऊपर मौजूद हेड में खुसा हुआ ये प्लग दो अलग-अलग इलेक्ट्रॉयड को विभाजित कर इग्निशन सिस्टम को करंट देता है. साथ ही ये स्पार्क (चिंगारी) बनाने का काम करता है. ये इलेक्ट्रॉयड कॉपर के बने होते हैं. बाइक में ignition coil इंजन के अंदर crankshaft के घूमने से बिजली पैदा करती है. इग्निशन कॉइल इस बिजली को लगभग 20000 से 30000 वोल्ट के बीच में बदल देती है. इसलिए इस प्लग से बहुत भयंकर वाला झटका लगता है.
यह हाई वोल्टेज करंट बाइक में लगे स्पार्क प्लग के central electrode तक पहुंच जाता है और बहुत छोटी चिंगारी को पैदा करता है. इस प्रोसेस के बाद ही इंजन में मौजूद पेट्रोल जलना स्टार्ट होता है और इससे बनी गैस पिस्टन को मूव करती है. तब जाकर गाड़ी चलती है. ये प्रक्रिया चलती ही रहती है जब तक बाइक बंद नहीं होती. इस प्रोसेस में जो महाभयंकर गर्मी निकलती है उसको बचाने का काम भी प्लग में चारों तरफ लगा कॉपर करता है.

वही काम करता है, मगर लंबे और बहुत लंबे समय तक. इसमें कॉपर की जगह इरिडियम का इस्तेमाल होता है. यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है. दरअसल इरिडियम एक बहुत ही मजबूत केमिकल एलीमेंट है. एटोमिक नंबर 77 वाला ये पदार्थ प्लेटिनियम से भी ज्यादा मजबूत है. जहां कॉपर 1085 डिग्री सेल्सियस पर गल जाता है तो इरिडियम 2426 डिग्री सेल्सियस तक अपनी जगह से नहीं हिलता. इसमें आसानी से जंग भी नहीं लगता. इसलिए कॉपर वाले स्पार्क प्लग कुछ सालों में या कहें कुछ हजार किलोमीटर पर खराब हो जाते हैं, वहीं इरिडियम वाला स्पार्क प्लग कई सालों तक चलता ही रहता है.
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फायदा सिर्फ लंबे समय तक चलने भर का नहीं है. इरिडियम स्पार्क प्लग से प्रत्येक इग्निशन सामान्य स्पार्क प्लग की तुलना में ज्यादा अच्छे से होता है. मतलब ऊर्जा की बचत होती है. मजबूत होने की वजह से इलेक्ट्रॉयड पर टूट-फूट भी कम होती है. इसलिए महंगी बाइक में तो यही प्लग लगा होता है.
कीमत में अंतरपांच गुना, मगर चिंता नक्को क्योंकि ये पॉकेट पर भारी नहीं पड़ेगा. क्योंकि जहां नॉर्मल स्पार्क प्लग 250 रुपये के अल्ले-पल्ले आता है तो इरिडियम वाला 1000 रुपये का. इसलिए अगर आप खूब बाइक चलाते हैं तो इतना खर्च करना बनता है.
लाइफ और बाइक दोनों में स्पार्क बने रहना चाहिए.
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