CoWIN ऐप से करोड़ों भारतीयों का डेटा लीक हुआ है. क्या नेता, क्या अभिनेता और क्या आम जनता. सभी की निजी जानकारी टेलीग्राम पर उपलब्ध हैं. हालांकि सरकार ने ऐसे किसी भी डेटा लीक से इनकार किया है. मगर डेटा लीक एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई माकूल इलाज नहीं है. ऐसे में अक्सर एक सवाल जेहन में कौंधता है कि लीक हुए डेटा जैसे आधार कार्ड डिटेल्स, पैनकार्ड नंबर, पासपोर्ट का होगा क्या? कैसे इसका गलत फायदा उठाया जा सकता है? हम आज कुछ ऐसे ही संभावित फर्जीवाड़ों के बारे में बात करेंगे.
CoWIN ऐप डेटा लीक: आपका आधार-पैनकार्ड फ्रॉड को मिला तो क्या नुकसान हो जाएगा?
CoWIN ऐप से लेकर दूसरी कई वेबसाइट से अक्सर डेटा लीक की खबरें आती रहती हैं. जानें इसका कितना गलत फायदा उठाया जा सकता है.
आधार कार्ड आजकल हर जगह इस्तेमाल होता है. बैंक में खाता खोलने से लेकर सिम लेने तक के लिए. सरकारी योजनाओं का तो तकरीबन पूरा काम ही आधार के जरिए होता है. ऐसे में अगर इसका डेटा किसी गलत हाथ में पड़ जाए तो मुश्किल हो सकती है. मसलन कोई आपके नाम से फर्जी सिम ले सकता है. शायद बड़े शहर के टेलिकॉम काउंटर पर ऐसा होना संभव नहीं हो लेकिन सुदूर गांव के किसी छोटे सेंटर से ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं. फर्जी लोन लेने से लेकर दूसरी गतिविधियों में भी इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. मगर यहां गौर करने लायक एक बात जरुर है. किसी सामान्य व्यक्ति के लिए ऐसा कोई फर्जीवाड़ा करना बहुत कठिन है. संगठित गिरोह और संबंधित एजेंसी में सेटिंग से जरूर खेल किया जा सकता है.
पैनकार्ड का गलत इस्तेमालएक जमाना था जब पैनकार्ड से जुड़े फ्रॉड बहुत आम थे. कई लोगों के पास एक से अधिक पैनकार्ड होना कोई बड़ी बात नहीं थी. हालांकि जब से पैनकार्ड रिलीज करने के प्रोसेस को डिजिटल किया गया तब से फर्जीवाड़े पर काफी लगाम लगी है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कांड होते नहीं. हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले देखने को मिले जब किसी दूसरे के पैनकार्ड पर कंपनियां रजिस्टर्ड की गईं. हालांकि इस तरह के फर्जीवाड़ों में अमूमन हमारी गलती ही होती है. जैसे पैनकार्ड या आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस अपडेट नहीं होना. पुराने नंबर का फायदा अक्सर अपराधी उठाते हैं, ऐसे में अपने-अपने डिटेल अपडेट रखना बहुत जरूरी है.
पासपोर्ट एक ऐसा दस्तावेज है जो बनने से पहले ही बेहद कठिन प्रोसेस से गुजरता है. सारे डिटेल्स पुलिस और संबंधित एजेंसियों द्वारा बारीकी से चेक होते हैं. ऐसे में पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल होगा, उस पर संदेह है. लेकिन अपराधी तो अपराधी हैं. हर चीज का तोड़ निकाल लेते हैं. आपके पासपोर्ट की जानकारी का इस्तेमाल भले नहीं करें, मगर आपको ब्लैकमेल तो कर ही सकते हैं. ऐसे में निजी जानकारी का बाहर आना एक दर्द ही है.
हमारे डॉक्युमेंट्स का गलत इस्तेमाल भले नहीं हो, लेकिन आप और हम कभी नहीं चाहेंगे कि हमारी कुंडली सोशल मीडिया और गूगल पर बांची जाए. दुनिया जहान को आपकी मेडिकल और ट्रैवल हिस्ट्री की पूरी जानकारी हो. मोबाइल नंबर और घर का पता सभी को पता हो. माने कि डेटा लीक होना एक समस्या है और सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है.
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