फ्लिपकार्ट (Flipkart), वनप्लस (OnePlus), रिटेलर, सर्विस, स्मार्टफोन. नाम पढ़कर जो आपको लगा, एकदम सही लगा. बेकार सर्विस, कस्टमर को परेशानी, एक्स्ट्रा चार्जेस की एक और कहानी. कितने ही किस्से हैं ऐसे कारनामों के, मगर इस बार इसमें कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) भी शामिल हो गया. कोर्ट ने एक कस्टमर की शिकायत को वाजिब पाया और तीनों को कसकर रगड़ दिया. सिर्फ रगड़ा ही नहीं बल्कि जुर्माना भी लगा दिया. इतना पढ़कर आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि क्या माजरा है. लेकिन फिर भी आपको पूरा मामला समझना चाहिए. ताकि भविष्य में अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो तो आप कह सकें कि सुनो-
फ्लिपकार्ट और वनप्लस ने बेच दिया पुराना फोन, पता है कोर्ट ने क्या किया?
फोन में दिक्कतों को लेकर सर्विस सेंटर के पल्ला झाड़ने के बाद परेशान कस्टमर ने नया फोन खरीदा और फिर चंडीगढ़ के कंज्यूमर कोर्ट का रुख किया.
तुम्हें Ashwani Chawla वाला मामला याद है. पहली बात तो मुझे सही प्रोडक्ट दो और जो एक्स्ट्रा पैसा लिया वो भी वापस करो. नहीं तो मैं भी कोर्ट जाता हूँ.
दरअसल, फ्लिपकार्ट ने एक ग्राहक को यूज किया हुआ फोन भेज दिया. आप सही पढ़े. इसके साथ एक ही डिवाइस के लिए दो अलग-अलग बिल अलग-अलग अमाउन्ट के भी बना दिए. एक बिल में 49 रुपये हैंडिलिंग चार्जेस के नाम पर अलग से लिया गया. बार एण्ड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ के अश्वनी चावला ने फ्लिपकार्ट से OnePlus 11R 5G डिवाइस ऑर्डर किया था. तारीख 17 जुलाई 2023. कुछ दिनों बाद ही डिवाइस में दिक्कतें आना स्टार्ट हो गईं. परेशान अश्वनी पहुंचे वन प्लस के सर्विस सेंटर. तारीख 8 अगस्त 2023. यहां उनको जोर का झटका जोर से लगा. मालूम चला कि डिवाइस तो चार महीने पहले से एक्टिवेट हो रखा है. तारीख निकली 2 मार्च 2023.
सर्विस सेंटर ने अपना पल्ला झाड़ा जो अमूमन होता ही है. और ग्राहक को मोबाइल बेचने वाले रिटेलर Bathla Teletech, फोन बनाने वाली कंपनी वन प्लस और फ्लिपकार्ट से बात करने को कहा. तीनों ने अपने कान में रुई लगाई मतलब कोई जवाब नहीं दिया. परेशान कस्टमर ने नया फोन खरीदा और फिर चंडीगढ़ के कंज्यूमर कोर्ट का रुख किया.
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ये तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि कोर्ट ने क्या एक्शन लिया. लेकिन अपने फैसले में जो कहा वो जरूर पढ़ लीजिए.
“रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत यह साबित करते हैं कि शिकायतकर्ता को परेशान होकर दर-दर भटकना पड़ा. तीनों पार्टियों को ग्राहकों की शिकायत के निवारण की कोई चिंता नहीं. बस जनता को गुमराह करके मुनाफा कमाने पर ध्यान केंद्रित है.”
कोर्ट ने दो बिल बनाने वाली प्रोसेस को भी गलत ठहराया. नतीजतन कुल 40,941 रुपये प्लस 49 रुपये वापस करने का निर्देश दिया गया. ये तो हुई फोन की कीमत और हैंडिलिंग चार्जेस. इसके बाद 10 हजार रुपये सर्विस में कमी के लिए, 10 हजार कानूनी खर्चे के लिए और 10 हजार Consumer Legal Aid Account में जमा करने का भी आदेश दिया. कुल जुर्माना 30 हजार. ये रकम तीनों मिलकर भरेंगे.
फ्लिपकार्ट के लिए कोर्ट की विशेष टिप्पणी: जब आप अपने प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी सेलर को माल बेचने की अनुमति देते हैं तो आप भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते.
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