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ना लोन, ना सर्विस-मेंटनेंस का झंझट, बिना मोटी रकम खर्च किए नई कार रखने का जुगाड़

हम बात कर रहे हैं Car subscription मॉडल की. अपनी पसंद की कार की सवारी करने का नया तरीका जो आजकल देश में खूब रफ्तार पकड़ रहा है. इस माडल में यूजर बिना तगड़ी रकम खरच किए कार चला सकते हैं. चला सकते हैं, मालिक नहीं कहलाएंगे. आप कहोगे ये क्या बात हुई. चलिए बताते हैं.

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कार चलाने का नया तरीका. (तस्वीर- Unsplash.com)

सब्सक्रिप्शन शब्द पढ़कर सबसे पहले दिमाग में क्या आता है? एकदम सही कहे आप. भईया जेब ढीली होने का टाइम आ गया है. सब्सक्रिप्शन मतलब किसी भी सर्विस के लिए पैसे का भुगतान करना. आज के जमाने में इस शब्द को OTT प्लेटफॉर्म से सबसे नजदीक से जोड़ा जा सकता है. हालांकि सब्सक्रिप्शन तो और भी कई चीजों का लोकप्रिय है. मसलन, YouTube से लेकर रोजाना दूध और सब्जी की डिलीवरी तक का. लेकिन आज हम एक ऐसे सब्सक्रिप्शन की बात करने वाले हैं जो इन सबसे अलग (Car subscription) है. मार्केट में नया है मगर रफ्तार तेज है.

हम बात कर रहे हैं कारों के सब्सक्रिप्शन मॉडल की. अपनी पसंद की कार की सवारी करने का नया तरीका जो आजकल देश में खूब रफ्तार पकड़ रहा है. इस मॉडल में यूजर बिना तगड़ी रकम खर्च किए बिना कार चला सकते हैं. चला सकते हैं मगर मालिक नहीं कहलाएंगे. आप कहोगे ये क्या बात हुई. चलिए 'चला' कर देखते हैं.

क्या है सब्सक्रिप्शन मॉडल?

एकदम वैसे ही जैसे किसी ऐप या सर्विस का होता है. इस में आप कार को महीने भर के लिए, तीन या छह महीने के लिए या फिर साल भर के लिए सब्सक्राइब कर सकते हैं. कार सब्सक्रिप्शन सीधे कंपनियों की तरफ से होता है. उदाहरण के लिए मारुति या टोयोटा. मतलब कोई थर्ड पार्टी वाला चक्कर नहीं. एक किस्म की रेन्टल कार जो आपके पास रहेगी. अच्छी बात ये है कि इस कार की मेंटेनेंस और सर्विस का जिम्मा भी कंपनी का होता है. आपके जिम्मे आता है इसका ईंधन और पार्किंग से लेकर टोल का खर्चा. जितने दिन चलाना हो उतने दिन चलाइए और फिर वापस कर दीजिए. एकदम ब्रांड न्यू कार मिलेगी आपको.

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करना क्या होता है?

एक फिक्स डिपॉजिट पे करना होता है. हालांकि ये लोन से ली जाने वाली कार के डाउन पेमेंट जितना नहीं होता. मतलब नई कार के लिए एक बड़े बजट की जरूरत नहीं. इसके बाद हर महीने आपको एक तयशुदा राशि बतौर सब्सक्रिप्शन चुकानी होती है. हालांकि इसमें कोई लोन नहीं होता, लेकिन प्रोसेस एकदम वैसा ही होता है. बोले तो यूजर के बैकग्राउंड से लेकर बैंक तक सब देखा जाता है. ये एक किस्म का एग्रीमेंट है तो जाहिर सी बात है कि मालिकाना हक कंपनी का होगा. कार का डिपॉजिट और सब्सक्रिप्शन कितने का होगा वो कार के मॉडल पर निर्भर करेगा. सब सही रहा तो कुछ ही दिनों में आपके मन की कार आपके द्वार खड़ी हो जाती है.

AI जनित तस्वीर 
फायदे और नुकसान

जैसे हर सर्विस के कुछ फायदे और नुकसान हैं वैसे ही कार सब्सक्रिप्शन का मामला भी है. सबसे पहला फायदा तो हमने बता ही दिया. डाउन पेमेंट की झंझट ही नहीं. फाइनेंस की चिंता नहीं और साथ में हर महीने लोन, ब्याज और EMI भरने से भी मुक्ति. इसके साथ समय के साथ कार की कीमत गिरने की चिंता भी आपको नहीं होने वाली.

बात करें नुकसान की तो मालिक आप नहीं बल्कि कंपनी है. इसके साथ कंपनियां कुछ और शर्ते भी रखती हैं. मसलन, महीने में कार कुल कितने किलोमीटर चलेगी. क्योंकि गाड़ी आपकी नहीं तो किसी भी तरीके का बदलाव या कस्टमाइजेशन तो भूल ही जाइए. इसके साथ कई बार महीने का सब्सक्रिप्शन EMI से ज्यादा होता है, विशेषकर तब जब आप कोई महंगी कार चुनते हैं.

फायदे और नुकसान हमने बता दिए, अब गियर किसका डालना है ये आप तय करो.

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