टेक जगत की पांच बड़ी कंपनियां. ऐप्पल, मेटा, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ऐमज़ॉन. दशकों से कई क्रान्तिकारी प्रोडक्ट्स लॉन्च कर चुकी हैं. कमाल बात ये कि इन सभी के अधिकतर फ़्लैगशिप प्रोडक्ट्स बम्पर हिट हैं. ऐसा लगता है कि मानो इनके हाथ में मिडास टच है. जिसको भी टच करेंगे वो सोना बन जाएगा. मगर सिक्के का दूसरा पहलू भी है. इन्ही कंपनियों ने कई बार ढोल-नगाड़े बजाकर नए प्रोडक्ट लॉन्च किये. बल भर प्रमोशन किया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात. मतलब प्रोडक्ट रॉकेट की जगह फुस्सी पटाका निकला. हम आपको कुछ ऐसे ही टेक ब्लंडर्स के बारे में आज बताएंगे.
ये 4 प्रोडक्ट लॉन्च कर कंपनियों ने अरबों रुपए स्वाहा कर डाले, लोग हंसे सो अलग!
ऐमज़ॉन, गूगल, ऐप्पल जैसी कंपनियां ऐसा बंटाधार कर चुकी हैं...
1998 में अस्तित्व में आने के बाद गूगल ने बहुत सारे प्रोडक्टस लॉन्च किये. गूगल सर्च, क्रोम सुपर डुपर हिट हैं. इतना ही नहीं गूगल ने एंड्रॉयड और यूट्यूब को भी खरीदा और नतीजा बताने की जरूरत नहीं. लेकिन एक प्रोडक्ट जिससे बहुत किरकिरी हुई, वो है गूगल ग्लास. 2013 में जब कंपनी ने इस प्रोडक्ट को लॉच किया था तो टेक वर्ल्ड दंग रह गया. आंख में पहना जाने वाला वीआर हेडसेट. फ़ोन से कनेक्ट करने के बाद आप ग्लास में ही मैसेज, इमेल्स, मौसम की जानकारी ले सकते थे. गूगल ग्लास को वॉयस कमांड और टचपैड से ऑपरेट भी किया जा सकता था. ग्लास से कॉल करना, फोटो खींचना, म्यूजिक सुनने जैसे काम भी संभव थे. बोले तो ऑल राउंड प्रोडक्ट. कंपनी इस प्रोडक्ट से स्मार्टफोन मार्केट को तितर-बितर करने का सपना पाले थी. लेकिन 2014 में मार्केट लॉन्च के तुरंत बाद गूगल ग्लास कांच की तरह बिखर गया. वजह इसकी 1500 डॉलर वाली कीमत. एक लाख रुपये वाले ग्लास को किसी ने नहीं पहना. डिज़ाइन में खोट भी एक कारण बना. आखिरकार 2017 में गूगल ने इस प्रोजेक्ट को डब्बा बंद कर दिया.
'हॉकी पक' ने पूरा राउंड घुमा दिया2.5 ट्रिलियन डॉलर्स की वैल्यूएशन के साथ ऐप्पल आज दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी है. ऐप्पल प्रोडक्ट्स के लिए दीवानगी जग जाहिर है. ऐप्पल देरी से भी कोई प्रोडक्ट लॉन्च करे, जनता बौरा जाती है. हाल ही में लॉन्च ऐप्पल विजन प्रो को ही देख लीजिए. 10 साल की रिसर्च के बाद आया और दुनिया दीवानी. लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता. 'हॉकी पक' एक ऐसा ही डिज़ास्टर है. कितना बड़ा फ्लॉप था कि शायद आपने नाम भी नहीं सुना हो. 'हॉकी पक' ऐप्पल का माउस है जो 1998 में लॉन्च हुआ. बाजार में उपलब्ध माउस से अलग इसका शेप राउंड था. दिखने में भले सुंदर था लेकिन हाथ में फिट होने में बहुत दिक्कत थी. माउस में सिर्फ एक बटन होने से इसको ऑपरेट करना भी बेहद मुश्किल था. नतीजा 'हॉकी पक' मार्केट में एक राउंड भी पूरा नहीं कर पाया.
ई-कॉमर्स वेबसाइट ऐमज़ॉन को पता नहीं क्या सूझा जो उसने अपना स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया. 'फायर फ़ोन' को गाजे-बाजे के साथ लॉन्च किया गया था. फोन मार्केट का तापमान बढ़ाता उसके पहले ही उसके ऊपर फ़ोम गिर गया. पूरी दुनिया में सिर्फ 35 हजार यूनिट्स की बिक्री हुई. फ़ोन की सबसे बड़ी खामी इसमें गूगल प्ले स्टोर का नहीं होना था. 'फायर फ़ोन' ने ऐमज़ॉन के करीब 170 मिलियन डॉलर आग में फूंक दिए.
विंडोज 8 की बंद खिड़कीदुनिया के 70 फीसदी कम्प्यूटर्स में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज इस्तेमाल होता है. विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, एक्सबॉक्स जैसे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज ने माइक्रोसॉफ्ट को खूब शोहरत दी है. लेकिन विंडोज 8 ने सब खराब कर दिया. 2012 में लॉन्च होने के साथ ही यूजर्स ने इसको बिग नो बोल दिया. माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 8 को टैबलेट फ़्रेंडली बनाना चाहा और इस चक्कर में टास्कबार से स्टार्ट बटन हटाने जैसे अजीब बदलाव किए.
इन बदलावों ने विंडोज 8 को इस्तेमाल में बहुत कठिन बना दिया. कंपनी ने जल्दी अपनी गलती मानी और विंडोज 8.1 लांच किया जिसमे स्टार्ट मेन्यू वापस आया. लेकिन डैमेज हो चुका था.
कंपनियों के इन प्रोडक्ट्स के चक्कर में अरबों डूबे और बदनामी हुई सो अलग. लिस्ट आगे भी जारी रहेगी.
(इस खबर के लिए रिसर्च हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे अक्षत ने की है.)
वीडियो: विंडोज कंप्यूटर का कीबोर्ड आपको माउस से छुटकारा कैसे दिला सकता है?