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बैंक अकाउंट तो होगा ही, P2P ट्रेडिंग वाले से लेनदेन किया तो बुरा फंसेंगे, फिर आगे क्या?

आजकल कई सारे लोगों के बैंक अकाउंट फ्रीज (Bank account freeze) हो रहे और ऐसा केवाईसी अपडेट होने की वजह से नहीं हो रहा. बल्कि किसी स्टेट की साइबर क्राइम यूनिट ने आपके बैंक को ऐसा करने को कहा है. आपने तो कोई अपराध किया नहीं तो फिर हो क्या रहा.

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बैंक अकाउंट फ्रीज हो रहे

कल शाम को जब आपने अपना बैंक अकाउंट चेक किया था तो सब सही था. आपकी सेविंग से लेकर बैलेंस तक, सब बरोबर था. ठंड की सर्द रात में आप रजाई तानकर चैन से सोए, मगर सुबह मोबाइल में मैसेज की आवाज ने चौंका दिया. आज जो होम लोन की EMI कटनी थी वो बाउंस हो गई. आपने फिर से बैंक बैलेंस चेक किया तो पता चला वहां तो पैसे ही पैसे हैं. आपने होम लोन वाले पर गुस्सा दिखाया तो उसने कहा- सर बैंक से EMI क्लीयर नहीं हुई. आप बैंक पहुंचे तो पता चला अकाउंट फ्रीज है (Bank account freeze).

ये किसी फिल्म का कोई सीन नहीं है बल्कि हकीकत है. आजकल कई सारे लोगों के बैंक अकाउंट फ्रीज हो रहे हैं और ऐसा KYC अपडेट होने की वजह से नहीं हो रहा, बल्कि किसी स्टेट की साइबर क्राइम यूनिट ने आपके बैंक को ऐसा करने को कहा है. आपने तो कोई अपराध किया नहीं तो फिर हो क्या रहा?

P2P ट्रेडिंग का कांड

ऐसा नहीं है कि बैंक अपने ग्राहकों का अकाउंट फ्रीज नहीं करते. मगर उसका कारण KYC अपडेट नहीं होना होता है. माने जो आपका आधार, पैन या पता अपडेट नहीं तो बैंक ऐसा करते हैं. वैसे अगर अकाउंट हवाला से लेकर आतंकवादी गतिविधि में शामिल है तो जांच एजेंसी के कहने पर भी अकाउंट फ्रीज होता है. वित्तीय फ्रॉड के मामले में भी ऐसा हो सकता है. मगर आप तो आम आदमी. फ्रॉड के 'F' और ठगी के 'ठ' से भी आपका दूर-दूर तक लेना देना नहीं. फिर ऐसा क्या होगा गया जो जीवन भर की कमाई पर बर्फ जम गई.

फर्जी KYC मैसेज से बचें, लेकिन re-KYC भी समझ लें वरना अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है

आप P2P ट्रेडिंग के लेनदेन का शिकार हो गए हैं. आसान भाषा में कहें तो आपके अकाउंट में कहीं से कोई ऐसा पैसा आया जो सही चैनल नहीं था. जैसे कि आपने किसी को उधार पैसे दिए थे या फिर जरूरत पड़ने पर किसी से मांगे थे. दोनों ही कंडीशन में आपका पैसा आपके अकाउंट में आ गया, मगर कहां से. पैसा आपके अकाउंट में किसी P2P ट्रेडिंग करने वाले अकाउंट से ट्रांसफर हुआ है. P2P मतलब Peer-to-peer ट्रेडिंग जिसमें दो ट्रेडर्स के बीच बिना किसी सेंट्रल एजेंसी की जानकारी के क्रिप्टो एक्सचेंज होता है. बिटकॉइन से लेकर दूसरी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग के लिए इस प्रकार के अकाउंट का खूब इस्तेमाल होता है.

P2P ट्रेडिंग
P2P ट्रेडिंग 

जहां आम ट्रेडिंग और बैंकिंग के लिए आरबीआई समेत दूसरी एजेंसियां होती हैं, वहीं P2P ट्रेडिंग में सब लेनदेन दो लोगों के बीच होता है. अब ऐसे ही किसी अकाउंट से पैसा आपके अकाउंट में आया और फिर वो सरकारी एजेंसी के फंदे में फंसा तो आपने भी उसके लपेटे में आना ही है. बोले तो मनी ट्रेल, मतलब लेनदेन की पूछ पकड़ी गई तो आप भी लटकेंगे. अब जो अगर ऐसा हो तो फिर क्या करें.

आपने घबराना नहीं है

अपने बैंक से अकाउंट फ्रीज होने के सारे डिटेल्स कलेक्ट कीजिए. मसलन, कब हुआ और कौन सी साइबर पुलिस के कहने पर हुआ. कौन से लेनदेन के लिए ऐसा किया गया. सारे डिटेल्स लेकर नजदीकी साइबर पुलिस से संपर्क कीजिए. वहां आपको सबूतों के साथ ये बताना होगा कि ये पैसा कैसे आया या किसलिए आया. मतलब आपने उधार मांगा था या वापस आया था. इस बातचीत के स्क्रीन शॉट हैं तो और बढ़िया. पूरा केस समझाइए और साथ में अकाउंट फ्रीज करवाने वाली पुलिस से संपर्क कीजिए. अगर कोई हल नहीं मिलता तो फिर कानूनी कार्रवाई करना ही आखिरी विकल्प है.

इसके साथ हमेशा दो अकाउंट रखिए. एक सेविंग्स के लिए और एक लेनदेन के लिए. अगर कभी कुछ घटा तो पूरा पैसा ब्लॉक नहीं होगा.

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