एक नया स्मार्टफोन लेते समय आप क्या-क्या देखते हैं. आप कहोगे ये भी कोई पूछने वाली बात है. लेटेस्ट तकनीक और स्पेसिफिकेशन. जवाब तो आपका सही है लेकिन आमतौर पर ऐसा होता नहीं है. क्योंकि अधिकतर लोग नया स्मार्टफोन एक 'बीमारी' के चलते खरीदते हैं. क्या हुआ चौंक गए. दरअसल इस ‘बीमारी’ का नाम है ‘नया फोन मैं पहले मैं खरीदूंगा सिंड्रोम’. वैसे इसके और भी रूप हैं, जिनके चक्कर में आप नया फोन तो खरीद लेते हैं और बन जाते हैं इमोशनल फूल. हमने ऐसी ही पांच गलतियों की एक लिस्ट बनाई है जिनका ध्यान आपको नया स्मार्टफोन लेते समय करना चाहिए.
अगर ये सब देखकर नया फोन लेने जा रहे हैं तो खुद को 'उल्लू' बना रहे हैं!
क्योंकि जो देखकर आप नया फोन खरीद रहे हैं उसका तकनीक से कोई लेना देना नहीं है.
ये सबसे बड़ी गलती है जो आप और हम आमतौर पर करते हैं. फोन मार्केट में आया भी नहीं उसके पहले प्री-बुक करने की जल्दी. अरे भइया, थोड़ा ठंड रखिए. फोन कौन सा भगा जा रहा. ऐसा भी नहीं है कि आज के बाद मिलेगा ही नहीं. थोड़ा रुकिए. कम से कम टेक एक्सपर्ट और मार्केट के रीव्यू का इंतजार कीजिए. वैसे भी आजकल स्मार्टफोन में कुछ ऐसा नहीं आता जो आपके पुराने फोन में नहीं हो. कहने का मतलब कोई क्रांतिकारी बदलाव तो सालों से नहीं दिखे. आपके एक साल पुराने फोन और नए फोन में कुछ ज्यादा बदला नहीं है. लॉन्च पर लेंगे तो दाम भी खूब लगेगा. अब ये बताने वाली बात तो है नहीं कि लॉन्च के कुछ महीने बाद ही ज्यादातर फोन के दाम कम होते हैं. बैंक ऑफर से लेकर दूसरे कई और डिस्काउंट भी मिलने लगते हैं. इसलिए पहले मैं नहीं बल्कि पहले आप का फार्मूला अपनाइए.
तेरी शर्ट मेरी शर्ट से सफेद कैसेदिखावा, रईसी लेकिन असल में बेवकूफी. पड़ोसी ने नया फोन लिया तो अब मैं भी लूंगा. क्यों बंधु क्यों. उसके पास ढेर पैसा तो उसको लेने दो. आप काहे अपनी शर्ट सफेद करने के चक्कर में ज्यादा साबुन घिस रहे. दिखावे का चक्कर छोड़ो बाबू भईया और अपनी अक्ल लगाओ.
अखबार में देखा फुल पन्ने का विज्ञापन और फट से ऑर्डर कर दिया. पहले जरा सर्विस सेंटर और वारंटी का तो पता कर लो. कंपनी का कोई ठौर ठिकाना है या नहीं. बस फोन बेचा और फिर पल्ला झाड़ लिया. ऐसी कई कंपनियां हैं जो लॉन्च के कुछ महीने बाद गायब हो गईं. छोटी मोटी कंपनियों का तो छोड़िए. गूगल जैसी बड़ी कंपनी में भी ये दिक्कत है. फोन तो बेच रहे लेकिन सर्विस सेंटर का कोई पता नहीं. हम खुद भुक्त भोगी हैं. इसलिए हमेशा एक स्थापित कंपनी का फोन लें.
लुक्स ने लूट लियाफोन दिख रहा मॉडर्न डिजाइन का. एकदम स्लिम-ट्रिम टाइप. बढ़िया ग्लॉसी (चमकदार) फिनिश है. आपने खरीद लिया लेकिन फिर हाथ में पकड़ने में दिक्कत हो रही. भद्दे-भद्दे से कवर लगाना पड़ रहे हैं. ऐसा नकको करना रे बाबा. किलर लुक्स के चक्कर में अपनी पॉकेट को किल मत करना.
आमदनी अठन्नी और खर्चा हजारआपको लगेगा गलत कहावत क्यों बोल रहे. गलत नहीं क्योंकि जमाना ईएमआई और पे-लेटर का है. ऐसे में ना चाहते हुए भी ज्यादा खर्चा होता है. नतीजा हर महीने एक लंबा भुगतान. बचो इससे.
वीडियो: सेकंड हैंड स्मार्टफोन खरीद रहे? ये काम जरूर करिए, वरना फंस जाएंगे