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iPhone का सच, कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा!

iPhone बनाता कौन है. मोटा-माटी 12-15 कंपनियां. मतलब ये वो कंपनियां या मैन्युफैक्चरर हैं जो एक आईफोन को A से i और फिर Z तक ले जाने की जिम्मेदारी उठाती हैं. पहले इनका परिचय लेते हैं.

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एप्पल का शेफ जैसा काम

Apple ने कल यानी 7 मई 2024 को iPad की नई सीरीज लॉन्च की. शायद आप कहोगे, इसमें क्या नया है. कंपनी का काम है, प्रोडक्ट बाजार में उतारा और अब मौज करेगी. ठीक बात, लेकिन ये कंपनी सिर्फ मौज नहीं करेगी बल्कि मौज अल्ट्रा प्रो मैक्स करेगी. काहे से एप्पल कछु नहीं करती. करती तो दूसरी कंपनियां हैं और नाम एप्पल का होता है. आज बात इन्हीं कंपनियों की जो एप्पल को खाने या कहें इस्तेमाल के काबिल बनाती हैं. तो फिर मुई एप्पल क्या करती है. इसका भी जवाब देंगे.

पहले जानते हैं कि एक iPhone बनाता कौन है. मोटा-माटी 12-15 कंपनियां. मतलब ये वो कंपनियां या मैन्युफैक्चरर हैं जो एक आईफोन को A से i और फिर Z तक ले जाने की जिम्मेदारी उठाती हैं. पहले इनका परिचय लेते हैं.

डिस्प्ले: सैमसंग और एलजी. वही सैमसंग जो कोरट में एप्पल से लड़ती है. हर बात पर उसकी टांग खींचती है. वही सैमसंग OLED पैनल की सबसे बड़ी सप्लायर है. एलसीडी पैनल का जिम्मा शार्प के पास है.

ग्लास: एप्पल हर नए मॉडल के साथ जिस मजबूत डिस्प्ले की डींग हांकती है उसको Corning नाम की अमेरिकी कंपनी बनाती है. इनका Gorilla Glass ही है जो सामने खड़े होकर सारे हमले झेलता है.

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कैमरा: खिचक-खिचक करने का पूरा मामला Sony ने सेट किया है. फलां मेगापिक्सल का सोनी सेंसर लगा है इसलिए फोटू एकदम झमाझम आते हैं.

आईफोन

मेमोरी चिप: अगर याद्दाश्त दुरुस्त नहीं हुई तो कैसे काम चलेगा बाबू. आईफोन को बादाम खिलाने का काम Kioxi and Western Digital नाम की कंपनियां करती हैं. वैसे जब जरूरत पड़ती है, मतलब बंपर सेल हो रही होती है तो एप्पल इसमें भी सैमसंग की मदद लेती है.

चिपसेट: बिना इसके कछु नहीं होता. मतलब प्रोसेसर के बिना क्या प्रोसेस होगा. एप्पल जिसे A17 या M1 कहती है उसको बनाने का जिम्मा सेमीकंडक्टर दिग्गज TSMC के पास है. वैसे यहां भी सैमसंग बाबा बरोबर हिस्सेदारी रखते हैं. कई सालों तक इसका जिम्मा इंटेल के पास हुआ करता था.

बैटरी: Sony, Amperex Technology Limited (ATL) और LG आईफोन को पावर देने का काम करते हैं.  

नेटवर्क का जिम्मा: नेटवर्क की चिप लगाने का काम Qualcomm के जिम्मे होता है. वही कंपनी जिसके प्रोसेसर स्नैपड्रेगन के नाम से एंड्रॉयड फ़्लैगशिप डिवाइस में नजर आते हैं.

ये तो कुछ नाम हैं क्योंकि भानुमती का कुनबा वाकई बहुत बड़ा है. मसलन तोशिबा, sunwooda electric, cirrus logic इत्यादि. लिस्ट तो ठीक, लेकिन इस कुनबे को जोड़ता कौन है.
# Pegatron

# Foxcon

# Tata

ये वो नाम हैं जो दुनिया जहान के अपने प्लांट में असेंबलिंग करते हैं. टाटा ने पिछले साल ही Wistron की इंडियन फैक्ट्री को खरीदा है. अब फिर वही सवाल. जब सब कुछ कोई और कर रहा तो एप्पल अंकल क्या करते हैं.

डिजाइन बाबू भईया डिजाइन

किसी भी प्रोडक्ट की कोर वैल्यू. अगर यही सही नहीं हुई तो फिर कुछ भी कर लो. मसलन, सोनी सेंसर तो कई स्मार्टफोन में लगा होता है मगर फोटू वैसे नहीं आते. सैमसंग डिस्प्ले तो और भी फोन में दिखता है मगर असल मजा आईफोन में आता है. ये सब होता है कंपनी के कैलिफोर्निया ऑफिस में. कंपनी एक मंझे हुए शेफ जैसे काम करती है. दाल और मसाले दूसरों से कुटवाती है लेकिन नमक डालने का काम अपने हाथों में रखती है.

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