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'ट्रंप टैरिफ' से एप्पल की बल्ले-बल्ले, तभी तो भारत से 600 टन iPhone उड़ा ले गई!

Apple ने इंडिया से 600 टन आईफोन एयर लिफ्ट करके अमेरिका भेजे हैं. वो भी चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट से. ये सब पिछले कुछ दिनों में हुआ है. आमतौर पर इसके लिए पानी का जहाज इस्तेमाल होता है. लेकिन अभी तो सब उड़ा कर भेजा गया है.

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टैरिफ की तनातनी में एप्पल की मौज

Trump tariffs, चीन का टैरिफ, भारत की चिंता, वैश्विक मंदी, तीन महीने का होल्ड वगैरा-वगैरा. ये सारे शब्द पिछले कुछ दिनों से हॉट की-वर्ड हैं. वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का दुनिया भर के देशों पर लगाया गया रेसिप्रोकल टैरिफ. इसकी जद में भारत, चीन समेत दुनिया के कई देश हैं. हालांकि ट्रंप ने 90 दिनों के लिए इस पर रोक लगा दी है. फिर भी अंतरराष्ट्रीय बिजनेस बिरादरी में खलबली मची है. सिवाय Apple को छोड़कर. कंपनी इस बुरे दौर में भी पैसा छाप रही. अकेले मार्च के महीने में उसने 20 हजार करोड़ का माल इंडिया से अमेरिका भेज दिया. अब इसी से जुड़ा एक और बड़ा अपडेट है.

Apple ने इंडिया से 600 टन आईफोन एयर लिफ्ट करके अमेरिका भेजे हैं. वो भी चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट से. ये सब पिछले कुछ दिनों में हुआ है. आमतौर पर इसके लिए पानी का जहाज इस्तेमाल होता है. लेकिन अभी तो सब उड़ा कर भेजा गया है. काहे और कैसे? हम बताते.

Trump tariffs का टुनटुना बजाने के लिए

दरअसल हुआ ये है कि टैरिफ की इस तनातनी का असर आईफोन की कीमतों पर पड़ने की आशंका है. अमेरिकी वाकई में इससे डरे हुए हैं. वहां Panic Buying हो रही है. एप्पल स्टोर पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं. एप्पल इसी बिक्री का फायदा उठाने और ट्रंप के टैरिफ से लड़ने के लिए भारत का सहारा ले रहा. कंपनी इंडिया में प्रोडक्ट बनाकर या असेम्बल करके पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट कर रही है. इसलिए कंपनी ने 600 टन या कहें 15 लाख आईफोन अमेरिका भेज दिए.

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सांकेतिक इमेज 

इसका सिलसिला साल 2024 से ही शुरू हो गया था जब उसने चीन से हौले-हौले अपना प्रोडक्शन इंडिया की तरफ शिफ्ट किया था. वैसे ऐसा करने के पीछे की वजह वही है जो आज ट्रंप के कुर्सी पर काबिज होते नजर आ रही है. एप्पल को अंदेशा था कि अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर होगा. हुआ भी वही. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन पर 34 फीसदी टैरिफ ठोका है. हालांकि भारत पर भी 26 फीसद का एक्स्ट्रा भार पड़ा है, मगर कंपनी को इंडिया में production-linked incentive (PLI) का फायदा मिला हुआ है. नतीजतन इंडिया में बनाए जाओ और दुनिया में भिजवाए जाओ.

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आसान भाषा में कहें तो इंडिया में बने आईफोन की लागत बेहद कम है. हवा में उड़ाकर ले जाने के बाद भी मुनाफा बंपर होगा. अमेरिका में इसके महंगे होने की यही बड़ी वजह है. मतलब आईफोन का बड़ा हिस्सा तो चीन, भारत, वियतनाम और ब्राजील में बनता है. इसलिए इन देशों पर टैरिफ का असर पड़े, उसके पहले माल उठा लो.

REUTERS की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अपने पार्टनर, जैसे Foxconn को प्रोडक्शन बढ़ाने को कहा है. रिपोर्ट कहती है कि भारत सरकार ने भी कस्टम प्रोसेस को तेजी से क्लियर करने में उसकी ‘मदद’ की है. लगता है हम एप्पल के सबसे बड़े पार्टनर जल्द बन ही जाएंगे. वैसे आपके मन में सवाल होगा कि फिर तो भारत में भी आईफोन की कीमतें बढ़ेंगी.

ना भी, हां भी
आईफोन के बेस मॉडल, मसलन 16 और 16 प्लस अभी पूरी तरह इंडिया में बनते हैं तो इनके दाम में कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा. हां प्रो मॉडल के दाम में 30-40 फीसद की बढ़ोतरी हो सकती है. डेढ़ लाख के दो लाख भी देने पड़ सकते हैं. क्योंकि वो अमेरिका या चीन से बनकर इंडिया आते हैं. आईफोन का बेस मॉडल तो अब इंडिया में सस्ता होगा. मतलब जो आप अमेरिका जा रहे तो शायद आपके दोस्त, यार, मित्र, बंधु, सखा आपसे कहें- भाई प्लीज एक आईफोन लेते आना.

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