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Google लाया स्मार्टफोन स्टोरेज के लिए जाबड़ फीचर, कब्जा जमाए ऐप्स की खैर नहीं

Google ने Android स्मार्टफोन में स्टोरेज की समस्या से निपटने के लिए इस साल अप्रेल में ‘Auto Archive’ फीचर लॉन्च किया था. हालांकि तब फीचर सिर्फ डेवलपर्स के लिए ही उपलब्ध था मगर अब फीचर हर एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध हो गया है. कैसे इस्तेमाल करें? जान लीजिये

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अब ऐप्स की खैर नहीं (तस्वीर: makememe)

गूगल (Google) i hate you, लेकिन साथ में i love you भी. हेट इसलिए क्योंकि वैसे तो तुस्सी छोटे-छोटे फीचर्स को बाकायदा मुनादी पीटकर बताते हो, लेकिन एक बहुत जरूरी फीचर को इनेबल कर दिया और हमें इतला भी नहीं की. बुरी बात... आगे से ऐसे मत करना. इंट्रो खत्म अब बात मुद्दे या कहें स्मार्टफोन स्टोरेज की. फोन चाहे iPhone हो या Android, स्टोरेज की समस्या सभी के साथ होती है. विशेषकर 64 और 128 जीबी वाले बेस मॉडल में. जुगाड़ तो बहुत सारे हैं मगर कोई ऑटोमैटिक व्यवस्था का अभी तक अभाव था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

गूगल ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में स्टोरेज की समस्या से निपटने के लिए इस साल अप्रेल में ‘Auto Archive’ फीचर लॉन्च किया था. हालांकि तब फीचर सिर्फ डेवलपर्स के लिए ही उपलब्ध था मगर अब फीचर हर एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध हो गया है.

आलसी ऐप्स को सुलाने वाला जुगाड़

एक जमाना था जब फोन में स्टोरेज के नाम पर चंद KB मिलता था. फिर जमाना बदला तो 16 और 32 जीबी मिलने लगा. आजकल तो कई कंपनियां 128 जीबी बेस मॉडल ऑफर करती हैं. हम KB से GB तक पहुंच गए, लेकिन स्टोरेज की समस्या जस की तस बनी रही. वजह शायद स्मार्टफोन का कैमरा भी हो सकता है. अक्सर स्टोरेज पर फोटो और वीडियो का भी कब्जा होता है. वैसे स्टोरेज भरने में जौनपुर वाली बुआ और दूर के मौसा का भी खूब योगदान होता है. नहीं समझे. अरे अपना प्यारा दुलारा वॉट्सऐप जहां होते हैं ग्रुप. इन ग्रुप्स पर आते हैं गुलाब के फूल और हर मर्ज की दवा वाले मैसेज. नतीजा गले तक भरा वॉट्सऐप. वैसे इसका इलाज है जो आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं. इसके बाद बारी आती है स्मार्टफोन में नींद की गोली खाकर बिना खर्राटे मारे सोने वाले ऐप्स की.

ये कड़वी सच्चाई है कि हर किसी के फोन में ऐसे ऐप्स भर-भर कर होते हैं जिनका उपयोग अमास-पूनो (पखवाड़े-पखवाड़े) तो छोड़िए, महीनों नहीं होता. सबसे माकूल उदाहरण मोबाइल कंपनी के ऐप्स. आपने उनका ऐड देखकर, एसएमएस देखकर या फिर बस चेक करने के लिए डाउनलोड कर लिया. एक बार ओपन किया और फिर भूल गए. मतलब रिचार्ज तो पेमेंट ऐप्स से हो जाता है और पोस्ट पेड बिल फट से UPI से. अब ऐप महाराज फोन में पड़े हैं स्टोरेज पर कब्जा जमाए. नजर मारेंगे तो ऐसे कई ऐप आपके स्मार्टफोन में होंगे. मान लिया कि एक दिन आपको दिव्य ज्ञान हुआ और आपने सोचा आज तो डिलीट मारकर रहेंगे. मगर फिर डेटा की चिंता. मतलब करें तो क्या करें वाली कंडीशन.

तस्वीर साभार: सोशल मीडिया

ऐसे में इंट्री होती है गूगल के ‘ऑटो आर्काइव’ फीचर की. फीचर सारे एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है. कमाल का फीचर है. इसको आपने इनेबल किया नहीं और सारे सोते हुए ऐप्स की नींद गायब. माने कि ये फीचर ऐसे ऐप्स को जो हाइबरनेशन में पड़े हुए हैं उनको शांति से स्मार्टली डिलीट कर देगा. स्मार्टली ऐसे कि ऐप डिलीट होगा मगर आपका डेटा नहीं. इससे आपके स्टोरेज की बचत हो जाएगी.    

अब आपको किसी दिन ऐप की जरूरत फिर आन पड़ी तो चिंता कोई नहीं. बस इंस्टॉल कीजिए और ऐप वहीं से स्टार्ट होगा जहां से आपने लास्ट टाइम छोड़ा था. इस फीचर को इनेबल करना भी बेहद आसान है.

# गूगल प्ले स्टोर में प्रोफ़ाइल पर टैप कीजिए.

# सेटिंग्स के अंदर जनरल.  

# यहां Automatically archive apps को हैलो बोल डालिए.

android-users-can-now-be-able-to-auto-archive-their-least-used-apps-to-free-up-space
ऑटो आर्काइव

वैसे एक बात बता देता हूं. किसी को बताना मत. वैसे तो आमतौर पर ऐप्पल एंड्रॉयड से कॉपी मारता है, मगर ये फीचर एंड्रॉयड ने ऐप्पल से उड़ाया है. 

वीडियो: आईफोन 15 को टक्कर दे रहे हैं ये टॉप 5 एंड्रॉयड स्मार्टफोन