भारत में 5G इंटरनेट लॉन्च हो गया है. टेलीकॉम कंपनियों के मुताबिक, 2023 के आखिर तक देश के हर कोने में 5जी उपलब्ध होगा. इस बात के क्या मायने हैं? क्या अब वीडियो में चक्र दिखना मतलब बफ़रिंग होना बंद हो जाएगा? क्या मोबाइल स्क्रीन पर डाउनलोड वाला साइन नजर नहीं आएगा? और ऐप्स क्या फर्राटा भरकर दौड़ेंगे? बात अगर इतनी सी है तो 4G क्या बुरा है? दरअसल, कहानी इससे कहीं बड़ी है. हम आपको आज यही कहानी सुनाएंगे.
इतनी होगी 5G की स्पीड, ये सब कुछ सेकंड में हो जाएगा
4G से बहुत तेज चलेगा 5G इंटरनेट.

ऐ जी ओ जी के हिसाब से कहें तो 5जी यानी पांचवी पीढ़ी का मोबाइल इंटरनेट. अभी चल रहा है 4G, उसके पहले था 3G और जब वेबसाइट खुलने में ‘दो-चार’ दिन लगते थे तब था 2G. वैसे तो इसको डेवलप करने की कोशिशें साल 2013 में ही शुरू हो गई थीं, लेकिन इसका असल इस्तेमाल साल 2019 से हो पाया. टेक दिग्गज सैमसंग ने जब 2013 में 5जी टेस्टिंग की थी तब इसकी स्पीड एक जीबीपीएस तक थी. लेकिन अब जब दुनिया के सत्तर देशों में 5जी नेटवर्क चल रहा है, जहां औसतन डाउनलोड स्पीड 700 एमबीपीएस है.
कहने का मतलब स्पीड भले थोड़ी कम हो, लेकिन मिलेगी खूब. आसान भाषा में कहें तो आज के 4जी की इंटरनेट स्पीड से सौ गुना तेज. आकड़ों को और खोलते हैं. अभी 4जी नेटवर्क में ये अधिकतम 100 एमबीपीएस प्रति सेकंड होती है तो 5जी कनेक्टिविटी के साथ 10 जीबी प्रति सेकंड की इंटरनेट स्पीड मिल सकेगी. मतलब एक औसत साइज की फिल्म कुछ सेकंड में डाउनलोड.

बिल्कुल, बस आपके पास 5G इनेबल स्मार्टफोन होना चाहिए. 2020 की दूसरी छमाही के बाद का कोई फोन आपके पास है तो पूरी उम्मीद है कि वो 5G सपोर्ट करेगा. 5G सर्विस लॉन्च होने से पहले स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां कई 5G फोन मार्केट में उतार चुकी हैं, इनमें फ्लैगशिप, मिड-रेंज और बजट सभी प्रकार के स्मार्टफोन शामिल हैं. 'एरिक्सन कंज़्यूमर लैब' के मुताबिक, भारत में क़रीब दस करोड़ मोबाइल उपभोक्ता ऐसे हैं जो 5जी से जुड़ने के लिए तैयार हैं. रही बात सिम बदलने की तो एयरटेल के मुताबिक उनकी सिम 5G सपोर्ट करती हैं.
इसलिए आपको कोई नई सिम लेने की जरूरत नहीं है. 5G प्लान और नेटवर्क सेटिंग्स में जाकर इसको इनेबल करना होगा. हालांकि जियो की तरफ से ऐसा कुछ अभी बताया नहीं गया है. बात करें इसकी कीमत की तो कयास लग रहे हैं कि इसके प्लान पॉकेट पर बहुत ज्यादा भारी नहीं होंगे. ये तो हुई बेसिक बातें. कहने का मतलब तेज स्पीड से नेटफ्लिक्स एण्ड चिल का मजा तो बढ़ जाएगा, लेकिन इसके आगे बहुत कुछ बदलने वाला है.

आपकी और हमारी मौज से अलग 5जी नेटवर्क का सबसे बड़ा फ़ायदा प्रोडक्शन में होगा. जैसा प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तकनीक को सिर्फ़ वॉयस कॉल या वीडियो देखने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इससे नई क्रांति होनी चाहिए. तो होगा ये कि ऑटोमेटेड व्हीकल, ह्यूमनॉइड रोबोट कल्पना से अब हकीकत में नजर आएंगे. जो आप सोच रहे हैं कहीं हम Elon Musk वाले रोबोट की बात तो नहीं कर रहे. जी बिल्कुल कुछ वैसा ही.
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) से उपकरण और मशीनें एक दूसरे से जुड़कर हाई स्पीड में रियल टाइम डाटा शेयर कर सकेंगी. डॉक्टर हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी सर्जरी कर सकेंगे. स्मार्ट शहर सच में स्मार्ट होकर एक दूसरे से जुड़ सकेंगे. बिना ड्राइवर वाली गाड़ियां सड़कों पर चलती नजर आएंगी. कहने का मतलब भारत कुमार की क्रांति के बाद असल क्रांति शिक्षा, हेल्थ और उत्पादन के क्षेत्र में आएगी. KPMG के CEO Yezdi Nagporewalla के मुताबिक,
5G भारत के 20% डिजिटल जीडीपी (2025 तक) तक पहुंचने के रास्ते में सबसे बड़ी हेल्प साबित होगा. आज दूसरों के बीच, स्मार्ट फैक्ट्री, रिमोट हेल्थकेयर, डिजिटल स्कूल के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन की पहल वास्तविक और कार्यशील है. 5G के साथ, इनमें से कई पहलें बड़े पैमाने और लक्ष्य प्राप्त होंगे.

5जी नेटवर्क स्थापित करने में कई चुनौतियां हैं, जैसे इसको हर जगह पहुंचाना और दूसरा इसका इस्तेमाल बढ़ाना. क्योंकि तकनीक काफी महंगी है तो इसके लिए मोटे पैसे की ज़रूरत है. इसका नेटवर्क स्थापित करने में कई गुना टॉवरों की ज़रूरत पड़ेगी. नेटवर्क को रोलआउट करने में खूब खर्चा और समय भी लगेगा. हम कितनी ही बातें करें, लेकिन कड़वा सच ये है कि अभी भी भारत में मौजूदा 4जी नेटवर्क में भी कई जगह डॉर्क स्पॉट होते हैं. कई बार खुले मैदान में भी स्पीड नहीं आती. ऐसे में सवाल यही है कि क्या भारत में 5जी नेटवर्क वास्तव में आम लोगों तक पहुंच पाएगा?
वीडियो: 5G के नाम पर क्या फर्जीवाड़ा चल रहा?