एक कपड़े की दुकान में राजस्थानी लोकगीत की ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. थोड़ा इस गीत के बैकग्राउंड में जाएं तो पता चलता है कि राजस्थान के बीकानेर और जोधपुर के क्षेत्र में इस गीत को होली के आसपास चंग की थाप पर गाया जाता है. इस वीडियो की सबसे ख़ास बात ये है कि इसमें आम लोग इतने अच्छे राग में गा रहे हैं. इसका कारण ये है कि ट्रेडिशनली भी जब ये गीत गाया जाता है तो इसमें कोई ट्रेंड सिंगर्स वगैरह नहीं होते. बिल्कुल आम लोग चमड़े के बने चंग की थाप पर ये गीत गाते हैं. इस टोली में बच्चे और युवा भी होते हैं. कुछ-एक बार सुनकर ये लोग भी धीरे धीरे इसे गाने लगते हैं.
ये वायरल राजस्थानी गाना आपका दिन बना देगा!
होली के दिनों में ये गीत खूब गए जाते हैं.
इस गाने के बोल ऐसे हैं - सावन आवन कह गया थे, कर गया कौल अनेक जी
गिनता गिनता घस गई म्हारे आंगलियां री रेख जी
अरे अब तो आजा सायबा थारी ओल्यूं आवे रे
मिरगानैनी रा भरतार बलम थारी याद सतावे रे
अरे म्हारे चुडले रा... ये गीत विरह का तो है, लेकिन इसे लोग लाइट हार्टेडली गाते हैं. दुःख में डूबने की बजाय इसका आनंद लेते हैं. इसका हिंदी अनुवाद हमारे सिनेमा एडिटर गजेंद्र सिंह ने किया है. उनका कहना है कि अगर कोई इस अनुवाद को और बेहतर करने के लिए आगे आएं तो उनका स्वागत है - सावन में आने का कहकर आप गए थे, अनेक वादे करके गए
लेकिन दिन गिनते गिनते मेरी अंगुलियों की लकीरें घिस गईं है
आप नहीं आए
अब तो आ जाओ सायबा, आपकी याद आ रही है
मिरगानैनी (हिरनी जैसी आंखों वाली) के सजन, आपकी याद सता रही है मुंडेर पे बैठा काला कागा ज़ोरों से बोल रहा है, शोर कर रहा है
उससे मुझे लग रहा है कि मेरे सायबा रेल में बैठकर आ र हे हैं
पर आपकी कोई खबर नहीं
अब तो आ जाओ सायबा, आपकी याद आ रही है
मिरगानैनी के सजन, आपकी याद सता रही है बागों में चंपा खिल रही है, सावन की झड़ी भी आ गई है
आपकी गोरी, सोला सिंगार करके खड़ी आपका इंतज़ार कर रही है
लेकिन आप नहीं आते
अब तो आ जाओ सायबा, आपकी याद आ रही है
मिरगानैनी के सजन, आपकी याद सता रही है पानी भरने जाती हूं तो सखियां रोज़ ताने मारती हैं
कि देख गोरी तेरे सायबा सामने से आते दिख रहे हैं
लेकिन आप नहीं आते
और अगर आप अब भी नहीं आए तो मैं अकेली मर जाऊंगी
मिरगानैनी के साजन, आपकी याद सता रही है