आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में 2300 लोगों के खिलाफ UAPA कानून के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा 954 लोग ऐसे हैं, जिन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाया गया है. UAPA में न सिर्फ सख्त सजा का प्रावधान है बल्कि जमानत मिलने के नियम भी काफी सख्त हैं. शायद यही वजह है कि UAPA के तहत केस का सामना कर रहे 2300 में से करीब 46 फीसदी लोग अब तक जम्मू-कश्मीर या दूसरे राज्यों की जेलों में बंद हैं. ऐसा ही कुछ पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत बुक किए 30 फीसदी लोगों के साथ हुआ है. वीडियो देखिए.