वर्ल्ड कप 2023 (World cup 2023). 17 अक्टूबर को धर्मशाला (Dharamshala) के मैदान पर आमने-सामने थीं साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स (SA vs NED) की टीम. 23 हजार की क्षमता वाले धर्मशाला स्टेडियम में अधिकतर दर्शक दो वजह से पहुंचे. एक तो मैदान से कमाल का नजारा देखने और दूसरा शानदार फॉर्म में चल रही साउथ अफ्रीकी टीम की धुआंधार बैटिंग देखने. उनकी पहली इच्छा तो बखूबी पूरी भी हुई. बारिश के कारण मैदान के पास शानदार नजारा देखने को मिला और इस वजह से मैच भी देरी से शुरू हुआ. लेकिन मैच शुरू होने पर मैदान पर जो हुआ, उसकी उम्मीद फैन्स ने तो क्या, साउथ अफ्रीकी टीम ने भी नहीं की होगी.
साउथ अफ्रीका छोड़ गए खिलाड़ी ने पहली बार नहीं हरवाया, पहले तो वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया था!
Van Der Merwe जो काम साउथ अफ्रीका के साथ कर रहे, वो शायद ही किसी खिलाड़ी ने पुरानी टीम के साथ किया होगा.
अंडरडॉग का तमगा लेकर मैदान पर उतरी नीदरलैंड्स ने मैच में ऐसा खेल दिखाया कि स्टेडियम में क्या, हमारे ऑफिस में बैठे सोम शेखर जैसे पार्ट टाइम क्रिकेट फैन्स को भी मौज आ गई. खैर, अब आते हैं सीधा मुद्दे पर. नीदरलैंड्स ने मैच में 38 रन की आसान जीत हासिल की. आसान इसलिए क्योंकि अधिकतर समय साउथ अफ्रीका की टीम मैच से बाहर ही नजर आई. और साउथ अफ्रीकन टीम की इस हालत के जिम्मेदार रहे, उनके ही मूल के तीन खिलाड़ी. पहले वो कौन हैं, वो आपको बता देते हैं.
कॉलिन एकरमैन (Colin Ackermann), साइब्रैंड एंगेलब्रेक्ट (Sybrand Engelbrecht), रूलोफ वैन डेर मर्व (Roelof van der Merwe). नीदरलैंड्स की प्लेइंग इलेवन में शामिल ये खिलाड़ी अलग-अलग समय पर दक्षिण अफ्रीका के लिए इंटरनेशनल या घरेलू क्रिकेट खेल चुके हैं.
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कैसा रहा इन सभी का प्रदर्शनएकरमैन ने मैच में ना सिर्फ 12 रन बनाए, बल्कि एक विकेट लिया. साइब्रैंड एंगेलब्रेक्ट ने 19 रन बनाए और एक अच्छा कैच लिया. रूलोफ वैन डेर मर्व ने पहले 19 गेंदों पर 29 रनों की पारी खेली. फिर गेंदबाजी में भी 2 महत्वपूर्ण विकेट लिए. टेम्बा बावुमा और वान डेर डुसें का.
अब वैसे तो तीनों खिलाड़ियों ने इस मैच में ठीक-ठाक योगदान दिया. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रहे रूलोफ वैन डेर मर्व. अब चर्चा हो भी क्यों ना? ये भाई वही प्लेयर हैं, जो 6 साल तक साउथ अफ्रीका के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेले. और फिर टीम में लगातार मौका नहीं मिलने के कारण गुस्सा होकर (कथित तौर पर) नीदरलैंड्स की टीम का हिस्सा बने. और अब मर्व अपनी ही पुरानी टीम के वर्ल्ड कप अभियान को पटरी से उतार चुके हैं. वो भी वर्ल्ड कप इतिहास में दूसरी बार. और साउथ अफ्रीका की हार पर ऐसे सेलिब्रेट कर रहे, जैसे कोई पुरानी दुश्मनी निकाल रहे हों. तो आइये हम आपको उसी खिलाड़ी के बारे में बताते हैं, जो साउथ अफ्रीका को बार-बार मुश्किल में डालते रहते हैं.
आपको लेकर चलते हैं फ्लैशबैक में. ज्यादा नहीं बस 11 महीने पीछे. तारीख 6 नवंबर 2022. एडीलेड के मैदान पर साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स के बीच T20I वर्ल्ड कप का मैच खेला जा रहा था. साउथ अफ्रीका को ग्रुप-2 से सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद कायम रखने के लिए जीत की दरकार थी. काम ज्यादा मुश्किल भी नहीं लग रहा था.
नीदरलैंड्स ने पहले बैटिंग की और स्कोरबोर्ड पर लगाए 158 रन. साउथ अफ्रीका 159 रन के लक्ष्य का पीछा ठीक-ठाक ढंग से कर रही थी. 29 गेंद पर साउथ अफ्रीका को 47 रन की दरकार थी. क्रीज पर डेविड मिलर थे, तो काम ज्यादा मुश्किल नहीं लग रहा था. तभी ब्रैंडन ग्लोवर की तरफ से डाली गई अगली गेंद को मिलर ने पुल करना चाहा. गेंद लगी बल्ले के टॉप एज पर और डीप स्क्वायर लेग की तरफ़ उठ गई.
रूलोफ वैन डेर मर्व शॉर्ट फाइन लेग पर लगे थे. गेंद उठी तो पीछे की ओर दौड़ना शुरू किया. लगभग 20 मीटर तक दौड़े और फिर एक शानदार कैच लपक लिया. कमेंटेटर्स उछल कर बोले, 'कैच ऑफ़ द टूर्नामेंट'. और बस यहीं मैच पलट गया. साउथ अफ्रीका 8 विकेट खोकर 145 रन ही बना पाई और टूर्नामेंट से बाहर भी हो गई. मैच में कोई विकेट ना लेने के बाद भी वॉन डेर मर्व का नाम इस मैच के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहा.
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2015 में नीदरलैंड्स के लिए डेब्यूअब वॉन डेर मर्व कैसे और क्यों साउथ अफ्रीका से नीदरलैंड्स खेलने पहुंचे. आइये जानते हैं. बात है साल 29 मार्च 2009 की. तब आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ साउथ अफ्रीका को T20I मैच खेलना था. इसी मैच में रूलोफ़ वैन डे मर्व ने डेब्यू किया. मैच में उन्होंने 30 रन की पारी खेलने के साथ एक विकेट भी लिया. और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए.
2009 और 2010 में हुए T20 विश्वकप टूर्नामेंट्स में भी मर्व, साउथ अफ्रीका की टीम का हिस्सा रहे. 2009 से लेकर 2011 तक रूलोफ़ ने T20I और वनडे मिलाकर साउथ अफ्रीका के लिए 26 मुकाबले भी खेले. लेकिन लगातार टीम से अंदर बाहर होते रहे. ऐसे में साल 2011 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. फिर आया साल 2015. अब तक मर्व को नीदरलैंड्स का पासपोर्ट मिल गया था. इसी साल जुलाई में इस खिलाड़ी ने नीदरलैंड्स के लिए डेब्यू किया. वो T20I में दो इंटरनेशनल टीम्स के लिए खेलने वाले दुनिया के पांचवें क्रिकेटर भी बन गए. तब से ही रूलोफ़ वैन डे मर्व नीदरलैंड्स टीम का हिस्सा हैं. वो अब लगभग 39 साल के हो चुके हैं. लेकिन अभी भी अपनी टीम के लिए मैच विनर बनते आ रहे हैं.
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