क्रिकेटर्स और फिल्म इंडस्ट्री. इन दो के बीच बड़ा ही क्लोज़ रिश्ता है. नई पीढ़ी के लोग कहेंगे, कि ये तो अभी कुछ साल पहले शुरू हुआ है. जब से क्रिकेट ग्लैमराइज़ हुआ है. लेकिन ऐसा नहीं है. क्योंकि विराट-अनुष्का, युवराज-हेज़ल से पहले हमने टाइगर पटौदी और शर्मिला टैगोर की लव-स्टोरी भी सुनी है.
'मुस्लिम हूं, इसलिए मारना चाहते हैं' जब अपने ही प्लेयर को सुन चौंक गए टाइगर पटौदी!
टीम इंडिया का अनसुना क़िस्सा.
और काम के लिहाज़ से सुनील गावस्कर से लेकर कपिल देव, शिखर धवन सभी इस इंडस्ट्री में भाग्य आजमा चुके हैं. इनके अलावा इस इंडस्ट्री में उन क्रिकेटर्स ने भी काम किया है, जिनका नाम आज की जेनरेशन ने कम सुना है. लेकिन अपने ज़माने में वो रॉकस्टार हुआ करते थे. जैसे ..सलीम दुर्रानी साहब!
इनके बारे में आप जिससे भी बात करेंगे, तो दो-तीन चीजें पक्का चर्चा का विषय बनेंगी. पहली, फ़ैन्स के कहने पर ये इंटरनेशनल बोलर्स के खिलाफ सिक्स लगा देते थे. दूसरी, ये अपनी ही मस्ती में रहते थे. और तीसरी, बॉलिवुड मूवी चरित्र में इनका डॉयलाग.
‘जिंदगी की सबसे बड़ी ट्रेज़ेडी यही है कि लोग देवता को पहचानते हैं, शैतान को पहचानते हैं, लेकिन इंसान को नहीं.’
ऑल-राउंडर सलीम साहब ने लॉर्जर दैन लाइफ वाली जिंदगी जी. और एक-आध पैग लगाते हुए अपने टीममेट्स से जो कहा, वैसा अगले दिन मैदान में कर के भी दिखाया. साल 1971 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ इनकी दो गेंदें हमेशा याद रखी जाती है. क्योंकि इन दो गेंदों से पहले वाली शाम सलीम, कप्तान अज़ीत वाडेकर के कमरे में गए.
कप्तान से अपनी ड्रिंक मांगी और कहा, कल दो ओवर में आपको क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स की विकेट दूंगा. गुंडप्पा विश्वनाथ द्वारा शेयर किए इस क़िस्से के बारे में इंडियन एक्सप्रेस लिखता है,
‘उन्होंने सीधा अजीत से कहा कि क्या उनको ड्रिंक मिल सकती है. उनको शाम को अपनी एक-दो ड्रिंक बहुत पसंद थी. और वेस्टइंडीज़ में हम हमेशा अजीत के रूम में जाकर रिलैक्स करते थे. तभी सलीम बोले, ‘कल मैं आपको दो ओवर्स में लॉयड और सोबर्स की विकेट दूंगा. जब लॉयड स्ट्राइक पर हो तब मुझे गेंद थमा देना. और अगर कोई उस समय नॉन-स्ट्राइकर बैटर का विकेट निकाल लेता है, तो उसके साथ मत जाना. सोबर्स के खिलाफ भी मुझे ही गेंद देना.’
सलीम ने मैच के अगले दिन ऐसा ही किया. पहले लॉयड को 15 रन पर फिर सोबर्स को शून्य रन पर पविलियन लौटा दिया था. और इन विकेट्स के दम पर टीम इंडिया मैच भी जीत गई थी.
# क्रिकेटिंग करियरअफ़ग़ानिस्तान में जन्मे इंडियन ऑल-राउंडर की पर्सनैलिटी के बारे में आप थोड़ा बहुत तो समझ ही गए होंगे. चलिए, फिर अब आपको उनके क्रिकेटिंग करियर के बारे में बताते हैं. और सुनाते हैं वो क़िस्सा, जब उन्होंने अपने कप्तान से कहा कि मैं मुस्लिम हूं इसलिए मेरे टीममेट्स मुझे मारना चाहते हैं.
ये क़िस्सा प्रदीप मैगज़ीन ने अपनी किताब Not Just Cricket में शेयर किया है. इस क़िस्से के दौरान प्रदीप बताते हैं, मंसूर अली खान पटौदी उर्फ़ टाइगर पटौदी की कई खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए तारीफ होती हैं. लेकिन सलीम दुर्रानी जैसे टैलेंट की टाइगर ने केयर नहीं की, उनको अच्छे से तैयार नहीं किया. और इस बात से टाइगर भी सहमत नज़र आते हैं.
लेकिन साथ में ये भी कहते है कि कोई भी कप्तान बिना अपना आपा खोए, सलीम के नखरे नहीं झेल पाते. इसी दौरान इस क़िस्से का ज़िक्र करते हुए टाइगर बोले,
‘वो मेरे पास आए और मुझे बोले कि उनके टीम मेट्स उनको मारने का प्लान बना रहे हैं.’
ये सुन शॉक्ड टाइगर ने सलीम से पूछा कि आप ऐसा क्यों सोच रहे हैं. तो जवाब में सलीम बोले,
‘मैं एक मुसलमान हूं और बाकी सब हिंदू हैं. वो मुझे पसंद नहीं करते और मुझे मारने का प्लान कर रहे हैं.’
ये सुन गुस्से में आए टाइगर ने सलीम से कहा,
‘देखो, मुझे नहीं पता प्लेयर्स तुम्हारे साथ क्या करेंगे लेकिन मैं आपसे कह रहा हूं कि अगर आपने ऐसा ही जारी रखा, तो टीम के दो मुसलमान आपको पहले मार देंगे– टीम के कप्तान और मैनेजर.’
बता दें कि गुलाम अहमद उस समय टीम के मैनेजर हुआ करते थे. और टाइगर पटौदी अपने प्लेयर की इस बक़वास से बहुत नाराज़ हुए थे.
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