जसप्रीत बुमराह पीठ की चोट की वजह से साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ जारी T20 सीरीज़ से बाहर हो गए हैं. साथ ही 16 दिन बाद ऑस्ट्रेलिया में शुरू हो रहे T20 विश्वकप में भी उनके खेलने पर संदेह है. कहा जा रहा है कि जसप्रीत बुमराह की पुरानी चोट बैक स्ट्रेस फ्रैक्चर उबर आई है. जिसकी वजह से वो जल्द मैदान पर वापसी नहीं कर पाएंगे. बुमराह की चोट को लेकर ढेर सारी बातें हो रही हैं. किसी का कहना है कि ये चोट बुमराह का करियर खत्म कर देगी, तो कोई कह रहा है कि इस चोट के बावजूद बुमराह जल्द ही वापसी कर लेंगे.
कब होगी जसप्रीत बुमराह की वापसी पता चल गया!
स्ट्रेस फ्रैक्चर क्या है, और कैसे होता है?
इन तमाम बातों के जवाब हम आपको इस स्टोरी में देंगे. आखिर ये स्ट्रेस फ्रैक्चर बला क्या है? क्या ये चोट अचानक से लगती है या ये एक लंबे वक्त तक पनप रही कोई परेशानी होती है? इस चोट का आखिर कारण क्या होता है? और अगर ये चोट उबर आए तो खिलाड़ी कब तक वापसी कर सकता है?
ESPNcricinfo के नागराज गोलापुडी ने बुमराह को पहली बार ये चोट लगने पर फिज़ियोथेरेपिस्ट एंड्र्यू लीपस से इसकी जानकारियां इकट्ठा की थीं. एंड्र्यू भारतीय टीम और कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के पूर्व फिज़ियोथेरेपिस्ट रहे हैं. उन्होंने इस चोट के बारे में क्या कुछ बताया. आइये जानते हैं.
शरीर की हड्डी एक लिविंग टिश्यू होती हैं. जिस पर अगर बॉडी का बहुत ज़्यादा दबाव डाला जाए तो वो चोटिल हो सकती है. ऐसे में सूजन वाले सेल्स का बढ़ना या फिर हड्डियों में सूजन आना बोन स्ट्रेस इंजरी या स्ट्रेस रिएक्शन कहलाता हैं. लेकिन ये सूजन उस टाइम फ्रैक्चर में बदल जाता है, जब इस पर ध्यान नहीं दिया जाता, क्योंकि कॉर्टेक्स यानी हड्डी की बाहर वाली मोटी परत फट जाती है. तेज़ गेंदबाजों की पीठ के निचले हिस्से में ऐसा फ्रैक्चर होता है. रीढ़ की हड्डी को खींचने और उसे दबाने से इस हिस्से पर दबाव पड़ता है.
एक खास चीज़ और, अकसर ये फ्रैक्चर कमर में गेंदबाज़ की बोलिंग आर्म के दूसरे हिस्से में होता है. जैसे कि अगर कोई दाएं हाथ का गेंदबाज़ हैं तो उसकी लोअर बैक के लेफ्ट साइड में इसके होने के चांस ज़्यादा होते हैं.
ये चोट घुटना मुढ़ने से या पैर टूटने से अचानक लगी चोट जैसी नहीं होती. दरअसल स्ट्रेस फ्रैक्चर की स्थिति में हड्डी पर पहले से बहुत ज़्यादा भार पड़ रहा होता है. ऐसे में वो कमजोर हिस्से पर अचानक अधिक भार पड़ता है और स्ट्रेस फ्रैक्चर के चांस बड़ जाते हैं.
# वर्कलोड वजह या कोई और कारण?शारीरिक तनाव और आपका शरीर उसे किस तरह से ले रहा है. ये फिटनेस और थकान के बीच का संतुलन है. आप जितने ज़्यादा फिट हैं, उतना ही इसका खतरा कम रहता है. गेंदबाज़ों में इसके होने की एक वजह ये भी हो सकती है कि गेंदबाज़ अपने फ्रंटफुट पर बहुत ज़्यादा फोर्स डालते हैं. जो ज़्यादा फिट होते हैं वो इस फोर्स को आसानी से निपट लेते हैं. लेकिन जब आपका शरीर, आपके पैर थके हुए होते हैं. आपकी मांसपेशियां ठीक तरीके से काम नहीं करती तो फिर आपकी हड्डियां ज़्यादा स्ट्रेस लेती हैं. इसलिए ज़्यादा वर्कलोड बोन स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारणों में से एक है.
कुछ रिसर्च ऐसा भी बताती हैं कि वर्कलोड में अचानक से बढ़ोत्तरी होने पर इसका खतरा बढ़ता है. जो कि कुछ हफ्तों बाद भी दिख सकता है. वहीं कम वर्कलोड वाली स्थिति में भी इंजरी का रिस्क रहता है. इस चोट का एक कारण क्रिकेट के फॉर्मेट्स का बदलाव भी हो सकता है. खिलाड़ी T20 से वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में खेलते हैं. ऐसे में अलग-अलग फॉर्मेट के अलग-अलग वर्कलोड के चलते इंजरी का रिस्क ज़्यादा रहता है.
# एक्शन की वजह से लगी ये चोट?बुमराह का एक्शन काफी अलग है. एंड्र्यू का मानना है कि 2019 तक बुमराह ने सालों बिना स्ट्रेस फ्रैक्चर की परेशानी से इस एक्शन के साथ गेंदबाज़ी की है. इसलिए इसके बहुत कम चांस हैं कि उनकी ये चोट तकनीक से जुड़ी है. वहीं शोएब अख़्तर का मानना है कि बुमराह का एक्शन फ्रंटल है, ऐसे में उन्हें कमर के निचले हिस्से में चोट के चांस ज़्यादा हैं.
# कब तक ठीक होंगे बुमराह?ये है सबसे अहम सवाल. फिज़ियो के मुताबिक अगर बुमराह को सिर्फ स्ट्रैस रिएक्शन है तो वो रिहैब वाले अपने प्रोग्राम्स के साथ चार से छह हफ्ते में ठीक हो सकते हैं. लेकिन अगर उन्हें बोन स्ट्रैस इंजरी है तो फिर उन्हें ठीक होने में तीन से छह महीने का वक्त भी लग सकता है. और अगर उन्हें स्ट्रेस फ्रैक्चर दोनों तरफ हुआ तो फिर इसे ठीक होने में सालभर या उससे भी अधिक समय लग सकता है.
ऐसे में जसप्रीत बुमराह की वापसी की खबर से पर्दा तब ही उठेगा जब उनकी इंजरी को लेकर खुलकर बात सामने आएगी.
बुमराह का रिप्लेसमेंट कौन?