The Lallantop

भारत वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से बाहर, WFI ने नाम वापस लिया, ठीकरा खेल मंत्रालय पर फोड़ा

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने सारे आरोप खेल मंत्रालय पर मढ़ दिए हैं.

post-main-image
कुश्ती महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष संजय सिंह. (फोटो- आजतक)

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने विश्व चैम्पियनशिप से भारतीय टीम का नाम वापस ले लिया है. WFI ने विश्व में कुश्ती का संचालन करने वाले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को बताया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है. 12 श्रेणियों में सीनियर विश्व चैम्पियनशिप 28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में आयोजित होने वाली है. ये ओलंपिक से संबंधित नहीं है. लेकिन भारत के कुश्ती संघ ने इस चैंपियनशिप से खुद को अलग कर लिया है.

कुश्ती महासंघ में नए पदाधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान कराए जाने के तुरंत बाद 24 दिसंबर, 2023 को खेल मंत्रालय ने WFI को निलंबित कर दिया था. इसी बात का जिक्र करते हुए कुश्ती महासंघ के मौजूदा अध्यक्ष संजय ने UWW के अध्यक्ष नेनाद लालोविक को चिट्ठी लिखी. उन्होंने कहा-

दुर्भाग्य से, खेल मंत्रालय की तरफ से WFI की स्वायत्तता में हस्तक्षेप जारी है. मंत्रालय ने 24 दिसंबर 2023 को  WFI को दैनिक कामकाज बंद करने और उससे दूर रहने का आदेश दिया है. और भारतीय ओलंपिक संघ को WFI के संचालन के लिए एक तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया है.

WFI ने हाल ही में अंडर-23 और विश्व चैम्पियनशिप के लिए सेलेक्शन ट्रायल की घोषणा की थी. इस पर कुछ पहलवानों ने अदालत की अवमानना बताते हुए चुनौती दी थी. पहलवानों ने निलंबित महासंघ द्वारा चयन की वैधता पर सवाल उठाया था. इसके बाद WFI ने चयन ट्रायल नोटिस वापस ले लिया और अदालत ने 4 अक्टूबर को अवमानना ​​याचिका पर आगे कार्यवाही न करने का निर्णय लिया.

हालांकि, इस साल फरवरी में UWW द्वारा  WFI पर प्रतिबंध हटा लेने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने मार्च में महासंघ का प्रबंधन करने वाले तदर्थ समिति को भंग कर दिया था. लेकिन अदालत ने इस फैसले को पलट दिया.

संजय सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा-

हालांकि IOA की अध्यक्ष पीटी उषा ने इस मामले में WFI का समर्थन किया था, लेकिन खेल मंत्रालय समस्या पैदा कर रहा है. क्योंकि उनका 24 दिसंबर 2023 का पत्र पहलवानों के लिए कुश्ती महासंघ के प्रशासन में हस्तक्षेप करने का हथियार बन गया है.

दरअसल, चुनाव के बाद WFI ने काम करना शुरू कर दिया लेकिन बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत ने प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के लिए अदालत के समक्ष याचिका दायर की कर दी. अंतरिम आदेश में न्यायालय ने कहा कि IOA का तदर्थ समिति को भंग करने का निर्णय खेल मंत्रालय के निलंबन आदेश से मेल नहीं खाता.

न्यायालय ने कहा कि जब तक निलंबन आदेश वापस नहीं लिया जाता, तब तक तदर्थ समिति के लिए महासंघ के मामलों का प्रबंधन करना आवश्यक है. इस पर IOA ने न्यायालय से कहा कि वह पैनल का पुनर्गठन नहीं कर सकता.

कुश्ती महासंघ ने अब UWW से अपने नियमों के अनुच्छेद 6.3 को लागू करने और उचित कार्रवाई करने को कहा है. यूडब्ल्यूडब्ल्यू संविधान के अनुच्छेद 6.3 में कहा गया है कि,

"UWW के सदस्य स्वतंत्र रूप से अपने कामकाज का संचालन और प्रशासन करेंगे. वे किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक दबाव के प्रभाव के बिना अपनी स्वायत्तता को बनाए रखेंगे. सरकारें और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरण केवल राष्ट्रीय महासंघों द्वारा अपने वित्तीय अनुदानों के इस्तेमाल को जांचने करने के हकदार होंगे."

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने न्यूज़ एजेंसी PTI से बात करते हुए कहा कि यह सब मंत्रालय के निलंबन के कारण हो रहा है, निलंबन जारी रखने का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर मंत्रालय निलंबन हटा देता है, तो ये सभी मुद्दे सामने नहीं आएंगे.

वीडियो: "पहलवानों के विरोध के कारण मेडल नहीं आए" , बृज भूषण के करीबी कुश्ती संघ के चीफ संजय सिंह ने क्या कह दिया