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Olympics में कुश्ती को क्यों मिला सिर्फ एक मेडल? WFI अध्यक्ष ने उन 15-16 महीनों को दिया दोष

WFI President Sanjay Singh ने कहा कि जितने मेडल सभी खेलों को मिलाकर मिले हैं उतने तो अकेले कुश्ती में ही आ सकते थे.

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WFI के अध्यक्ष संजय सिंह. (India Today)

पेरिस ओलंपिक्स के समापन के बाद भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह का बयान आया है. न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार ओलंपिक्स में भारत के मेडल ज्यादा आ सकते थे. WFI अध्यक्ष ने कहा कि सभी खेलों को मिलाकर 6 मेडल देश के हिस्से में आए हैं, जबकि 6 मेडल तो अकेले कुश्ती में ही आ सकते थे. उन्होंने कहा कि पिछले 15-16 महीनों से कुश्ती में ‘व्यवधान’ था इसलिए कुश्ती में ज्यादा मेडल नहीं आए.

संजय सिंह जिस व्यवधान की बात कर रहे थे उसका संबंध पूर्व WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से था. इसे लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर लंबे समय तक धरना दिया था.

संजय सिंह ने विनेश फोगाट के केस पर कहा कि सभी चाहते हैं कि उन्हें सिल्वर मेडल दिया जाए. बोले कि मेडल देश का होता है, सिर्फ खिलाड़ी का नहीं. विनेश फोगाट के वजन को लेकर चल रही चर्चा पर संजय सिंह ने कहा,

“हर खिलाड़ी को ये स्वतंत्रता होती है कि वह जिस वजन की कैटेगरी में खेलना चाहे खेल सकता है. लेकिन खिलाड़ियों को अपने वजन में ही खेलना चाहिए. बार-बार वज़न घटाना नहीं चाहिए. इससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है.”

संजय सिंह ने उन आरोपों पर भी जवाब दिया कि विनेश फोगाट को जरूरी सुविधाएं नहीं मुहैया कराई गईं क्योंकि उन्होंने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर आरोप लगाए थे. WFI अध्यक्ष ने कहा,

“ये सारी बातें निराधार हैं. विनेश ने जो फीज़ियों मांगा, उन्हें दिया गया. जो डॉक्टर मांगा, उन्हें दिया गया. उन्होंने कहा कि वो हंगरी में जाकर ट्रेनिंग करना चाहती हैं, उन्हें हंगरी भेजा गया. जिस कोच की उन्होंने मांग की वही कोच उन्हें दिया गया. ये सारे आरोप वही लोग लगा रहे हैं जिन्हें कुश्ती के बारे में कोई जानकारी नहीं है.”

विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला अभी लंबित है. उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील दाखिल की थी. 53 किलोग्राम से 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से उन्हें ओलंपिक्स में कुश्ती का फाइनल मैच नहीं खेलने दिया गया था. और सबसे निचली रैंक दी गई. इसके बाद विनेश ने CAS में सिल्वर मेडल के लिए अपील दाखिल की थी. ताज़ा जानकारी के मुताबिक इस केस का फैसला 16 अगस्त की रात आएगा.

इस बार के ओलंपिक्स में कुश्ती के खेल में सिर्फ अमन सेहरावत ने 57 किलोग्राम कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. उनके अलावा कोई भी महिला या पुरुष पहलवान पदक नहीं जीत पाया. CAS में फैसला अगर विनेश के पक्ष में जाता है तो कुश्ती में भारत का दूसरा मेडल होगा और कुल पदकों की संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी.

पूरे पेरिस ओलंपिक्स की बात करें तो भारत को एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल मिले. जेैवलिन थ्रो में पिछले बार के गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा को सिल्वर मिला. मनु भाकर को शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल मिले. उन्होंने एक मेडल सरबजोत सिंह के साथ मिक्स्ड डबल्स में जीता. इसके अलावा शूटिंग में स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता. और हॉकी में टीम इंडिया ने एक बार फिर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. 

वीडियो: विनेश की तरह अमन सेहरावत भी हो सकते थे बाहर, लेकिन 4 घंटे में 4.6 किलो वजन घटाया