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'लेटर नहीं मिला...' सरकार के फैसले पर कुश्ती संघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह क्या बोले?

संजय सिंह से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वो खेल मंत्रालय के निलंबन के फैसले का मुकाबला कोर्ट में करेंगे.

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संजय सिंह ने सस्पेंशन पर क्या कहा? (PTI)

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निलंबन की खबरों के बीच अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई लेटर नहीं मिला है. हालांकि संजय सिंह कैंप की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. संजय सिंह से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक कुश्ती संघ इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे सकता है. 

इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, WFI सूत्रों का कहना है कि नई बॉडी का चुनाव नेशनल स्पोर्ट्स कोड और कुश्ती फेडरेशन के संविधान के मुताबिक हुआ है. ऐसे में खेल मंत्रालय का फैसला सही नहीं है. WFI से जुड़े सूत्रों ने बताया कि टूर्नामेंट अगर जल्दी नहीं कराया जाता तो कई खिलाड़ी ओवरएज हो जाएंगे और उनका साल बर्बाद हो जाएगा.

बृजभूषण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह 21 दिसंबर को WFI के नए अध्यक्ष बने थे. इसको लेकर खूब विवाद हुआ और कई पहलवानों ने खुलकर विरोध जताया.

इंडिया टुडे से जुड़े नितिन श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय सिंह से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वो खेल मंत्रालय के निलंबन के फैसले का मुकाबला करेंगे. उनकी कानूनी टीम इसको लेकर काम कर रही है. इन सबके बीच निलंबित किए गए WFI अध्यक्ष संजय सिंह की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. रांची में उन्होंने पत्रकारों से कहा,

“मुझे अभी तक कोई लेटर मिला नहीं है, मैं फ्लाइट में था अभी सुनने में आया है कि मेरी एक्टिविटी पर रोक लगाया गया है. आगे देखते हैं. अभी इसको लेकर कोई कॉमेंट नहीं करूंगा.''

रिपोर्ट में खेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कुश्ती संघ को बर्खास्त नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें सिर्फ सस्पेंड किया गया है.

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सभी गतिविधि पर लगाई रोक

दरअसल, 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने WFI प्रेसिडेंट संजय सिंह के सभी हालिया फैसलों पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया. साथ ही सरकार की तरफ से अगले आदेश तक WFI बॉडी निलंबित रहेगी.

हाल ही में नवनियुक्त कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी. इस टूर्नामेंट का आयोजन 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में होना था. सरकार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि नेशनल चैंपियनशिप का एलान जल्दबाजी में किया गया है और उसके लिए सही प्रक्रिया का पालन भी नहीं हुआ. मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह की प्रतियोगिता से पहले कम से कम 15 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है, ताकि पहलवान इसके लिए तैयारी कर सकें. मंत्रालय ने साथ ही ये भी कहा था कि नवनिर्वाचित संस्था पर पूरी तरह से पुराने पदाधिकारियों का ही कंट्रोल दिखाई देता है.

बताते चलें कि 21 दिसंबर को हुए भारतीय कुश्ती संघ के WFI के कुल 15 पदों पर चुनाव हुए थे. अध्यक्ष पद के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष के 4 पदों, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के 2 पदों और 5 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव हुआ. चुनाव में बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के करीबी संजय कुमार सिंह (Sanjay Singh) को आसान जीत मिली थी. संजय सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी अनीता श्योराण को 33 वोटों से मात दी. संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि अनीता श्योराण को मात्र 7 वोट मिले थे.

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