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वक़्त के मुंह पर चांटा: पूरे वानखेड़े ने मांगी माफ़ी, लगे 'हार्दिक.. हार्दिक!' के नारे

मार्च से लेकर मई तक दुनिया ने हार्दिक को क्या कुछ नहीं कहा! हार्दिक सब सुनते रहे. फिर आया जून का महीना. अपनी दमदार परफ़ॉर्मेंस और एक ओवर के बल पर पांड्या ने कितने आलोचकों के मुंह बंद करवा दिए.

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ऐसी ही तस्वीरों को ऐतिहासिक कहते हैं. (फ़ोटो - सोशल)

बारबाडॉस और भारत. 14,117 किलोमीटर की दूरी. दुनिया पूरी घूम के जाई जाए, तो दूसरी धुरी. जब टीम इंडिया इधर से जा रही थी, तब कथित क्रिक्रेट प्रशंसकों के मन में एक विलन था: हार्दिक पंड्या. हो सकता है, कोई नफ़रत न करता हो. मगर टीम में वो इकलौते थे, जिनपर संदेहवाचक चिह्न था. पूरी दुनिया घूमकर जब टीम इंडिया ने अजेय हो कर अपनी वापसी की, फ़्लाइट ली, तो सबसे ज़्यादा इंतज़ार भी उसी आदमी का है. जिस स्टेडियम में उनके ख़िलाफ़ नारे लग रहे थे, आज वही स्टेडियम खुली बाहों के साथ उन्हें बुला रहा है. उनके लिए नारे लगा रहा है. विश्व विजेता हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya). 'मुक़द्दर का सिकंदर', 'हार के जीतने वाले बाज़ीगर' टाइप क्लीशे उपमाओं से परे, हार्दिक पंड्या.

वानखेड़े का विलन, अब हीरो

हार्दिक को ट्रोल किया गया है. एक नहीं, कई बार. सबसे हाल में इस सीज़न के IPL के दौरान. क्यों? क्योंकि उन्हें मुंबई इंडियन्स का कप्तान बना दिया गया था. जनता को ये न सुहाया. कभी उन्हें फ़ील्डिंग के दौरान हूट किया जाता. कभी उनकी एंट्री के वक़्त बूकारे (जयकारे का विलोम) लगाए जाते. एक बार तो नौबत यहां तक आ गई थी कि ब्रॉडकास्टर संजय मांजरेकर ने टॉस से पहले जैसे ही हार्दिक का नाम लिया, लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. ये देख संजय को बोलना पड़ गया,

“मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या. लेडीज़ और जेंटलमेन, तमीज़ से.”

मांजरेकर की अपील के बावजूद लोग रुके नहीं. और न ये सफ़र वानखेड़े में रुका. वो जहां जाएं, जब कहीं दिख जाएं, नारों और बूकारों ने उनका पीछा किया. दूसरी टीम के कप्तान तक को कहना पड़ गया था कि ऐसा कभी कहीं नहीं देखा.

और आज? आज मुंबई में ज्यों ही टीम ने पहला क़दम रखा, हार्दिक सबसे आगे थे. उनके हाथ में ट्रॉफ़ी थी. तन कर ट्रॉफ़ी हवा में लहराई.

T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद हार्दिक ने भरी हुई आंखों और रुंदे गले के साथ कहा था,

“बीते छह महीने मेरे लिए बहुत मुश्किल थे. बहुत से लोगों ने मुझे ट्रोल किया और मुझे ख़राब महसूस करवाया. मैं तब रोना चाहता था, लेकिन मैंने ख़ुद को रोका. मैं उन्हें वो ख़ुशी नहीं दे सकता था. कभी नहीं दूंगा. आज देखिए…”

दुनिया को एक नज़र से देखा जाए, तो दम और साख के लिए संख्या सबसे बड़ी चीज़ मालूम पड़ती है. जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी लाठी. मगर दुनिया में ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जहां एक आदमी ने दुनिया को हरा दिया. कड़ी मेहनत, लगन और खू़ब सारी हिम्मत जोड़कर नफ़रत करने वाले, कुंठा थोपने वालों के मुंह बंद करवा दिए. मुश्किल समय से लड़े रहे. ज़िद पर अड़े रहे. चट्टान जैसे खड़े रहे.

मार्च से लेकर मई तक दुनिया ने हार्दिक को क्या कुछ नहीं कहा! हार्दिक सब सुनते रहे. फिर आया जून का महीना. अपनी दमदार परफ़ॉर्मेंस और एक ओवर के बल पर पंड्या ने कितने आलोचकों के मुंह बंद करवा दिए. वानखेड़े में ‘हार्दिक! हार्दिक!’ के नारे लग रहे हैं.

बुधवार, 3 जुलाई को हार्दिक ICC T20I रैंकिंग्स टॉप करने वाले पहले भारतीय ऑलराउंडर बन गए हैं. उनका सफ़र लंबा है. बिना लाग-लपेट के कहा जा सकता है, वो भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं.

वीडियो: हार्दिक ने T20 WC 2024 में रचा इतिहास, बड़ा मुकाम हासिल किया