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14 साल का लड़का, जिसे VVS लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने बनाया क्रिकेट का नया सितारा!

BCCI के U19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट में इंडिया-बी के लिए खेलते हुए एक मैच में वैभव 36 रन पर आउट हो गए थे. जिसके बाद वो ड्रेसिंग रूम में रो पड़े थे.

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वैभव ने किसी भी बॉलर को नहीं छोड़ा. प्रसिद्ध कृष्णा, राशिद खान और वाशिंगटन सुंदर जैसे बॉलरों को लंबे-लंबे छक्के लगाए. (फोटो- AP)

क्रिकेट की दुनिया में 28 अप्रैल 2025 से एक नया नाम गूंज रहा है. वैभव सूर्यवंशी का (Vaibhav Sooryavanshi). उम्र सिर्फ 14 साल, लेकिन कमाल ऐसा कि बड़े-बड़े दिग्गज तारीफ करते नहीं थक रहे. बिहार के इस लड़के ने गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ 35 गेंदों में सेंचुरी ठोककर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला. वैभव की इस कहानी के पीछे भारतीय क्रिकेट के दो महारथी है. नाम है VVS लक्ष्मण (VVS Laxman) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid). इन दो दिग्गजों ने वैभव को तराशा और क्रिकेट की दुनिया में चमकने के लिए तैयार किया. वैभव एक बार ड्रेसिंग रूम में VVS लक्ष्मण के सामने रोने लगे थे. पर क्यों? ये बताएंगे, इससे पहले उनकी शतकीय पारी के बारे में आपको बताते हैं.

28 अप्रैल की रात वैभव IPL में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. फिर क्या मोहम्मद सिराज और क्या इशांत शर्मा. वैभव ने किसी भी बॉलर को नहीं छोड़ा. प्रसिद्ध कृष्णा, राशिद खान और वाशिंगटन सुंदर जैसे बॉलरों को लंबे-लंबे छक्के लगाए. 38 गेंद में 101 रन बनाकर आउट हुए. पारी में 7 चौके और 11 छक्के लगाए. IPL में अपने डेब्यू मैच में वैभव 34 रन बनाकर जब आउट हुए, तो पवेलियन लौटते वक्त उनकी आंखों में आंसू थे. पर ये पहली बार नहीं था जब ये युवा खिलाड़ी ऐसे रोया था.

BCCI के U19 वनडे चैलेंजर टूर्नामेंट में इंडिया-बी के लिए खेलते हुए एक मैच में वैभव 36 रन पर आउट हो गए थे. जिसके बाद वो ड्रेसिंग रूम में रो पड़े थे. तभी VVS लक्ष्मण की नजर वैभव पर गई. और उन्होंने जो कहा, शायद वो वैभव के जहन में हमेशा के लिए रह गया होगा. वैभव के कोच मनोज ओझा स्पोर्टस्टार से बताते हैं,

"एक मैच में वैभव 36 रन पर रन आउट हो गया, तो वो ड्रेसिंग रूम में रोने लगा. जब लक्ष्मण ने ये देखा, तो वो उसके पास आए और बोले हम यहां केवल रन नहीं देखते हैं. हम ऐसे लोगों को देखते हैं जिनके पास लंबे समय तक खेलने का हुनर ​​है. लक्ष्मण ने बहुत जल्दी उसकी क्षमता को पहचान लिया. BCCI ने भी उसको सपोर्ट किया.”    

ये लक्ष्मण ही थे जिन्होंने वैभव सूर्यवंशी के नाम की सिफारिश राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच राहुल द्रविड़ से की थी. जिसके बाद द्रविड़ ने उन्हें अपने संरक्षण में लिया और इस IPL में उन्हें खेलने का मौका दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक द्रविड़ ने वैभव को लेकर कहा था,

“वो वास्तव में अच्छी तरह से ट्रेनिंग कर रहा है. लेकिन टीम में और भी ऐसे खिलाड़ी हैं, और हमारी जिम्मेदारी का एक हिस्सा उन्हें अच्छी तरह से तैयार करना है. उसे माहौल में थोड़ा समय देना है, उसे इसकी आदत डालने देना है और खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करने देना है. ये सब उसके लिए शानदार अनुभव हैं, बजाय उसे सीधे भीड़ के सामने लाने के. इसलिए ये उस प्रक्रिया का एक हिस्सा है जिसका हम एक खिलाड़ी को तैयार करने में पालन करते हैं और यदि कोई अवसर आता है तो हम उसे खिलाने से नहीं डरेंगे.”

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वैभव के कोच मनोज ओझा ने करियर के लिए उसे बिहार से बाहर ले जाने की इच्छा जताई थी. ओझा ने कहा,

"बिहार महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों के लिए आदर्श नहीं है. कोई भी इसकी परवाह नहीं करता. BCCI ने भी इसकी परवाह करना बंद कर दिया है. हर गुज़रते दिन के साथ ये और भी मुश्किल होता जा रहा है."

उन्होंने बताया कि एक कोच के तौर पर वो चाहते हैं कि वैभव तुरंत बिहार छोड़कर दूसरे राज्य के लिए खेले. टॉप रणजी टीमें उसे मौका दें और वो इसे स्वीकार करे. ओझा ने बताया कि वैभव को ऐसे राज्य के लिए खेलना चाहिए जहां उसे नर्चर किया जा सके और जहां उसे अच्छा समर्थन मिले.

वीडियो: 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने पहली ही गेंद से सबको दीवाना बना लिया