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विराट कोहली ने PM मोदी को बताया फाइनल मैच का सच, "मुझे कॉन्फिडेंस नहीं था..."

Virat Kohli ने कहा कि फाइनल मैच में उन्हें खुद को लेकर उतना भरोसा नहीं था. इसलिए उन्होंने बैटिंग से पहले Rohit Sharma से भी इसे बारे में बात की थी.

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प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान विराट कोहली. (फोटो- पीटीआई)

T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बातचीत का वीडियो सामने आया है. इसमें प्रधानमंत्री ने सभी खिलाड़ियों से उनके अनुभवों को शेयर करने को कहा. 4 जुलाई को भारत वापस लौटी विश्व विजेता टीम प्रधानमंत्री आवास पहुंची थी. वहां पीएम के साथ खिलाड़ियों ने ब्रेकफास्ट किया. इसी दौरान उनकी पीएम से बातचीत भी हुई. विराट कोहली (Virat Kohli) ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपने प्रदर्शन के बारे में बात की. विराट ने वो किस्सा भी बताया जब उन्होंने अपनी फॉर्म को लेकर राहुल द्रविड़ के साथ चिंता जताई थी.

विराट ने कहा कि फाइनल मैच में उन्हें खुद को लेकर उतना भरोसा नहीं था. इसलिए उन्होंने बैटिंग से पहले भी रोहित शर्मा से इसे बारे में बात की थी. उन्होंने कहा, 

“मेरा जैसा टूर्नामेंट गया था, मुझे इतना कॉन्फिडेंस नहीं था. जब मैं अंदर खेलने जा रहा था, वैसी बैटिंग हो पाएगी कि नहीं, जैसी मैं करना चाहता हूं. लेकिन जब पहले ओवर में जब तीन चौके लगाए तो मैंने रोहित से कहा कि ये क्या गेम है, एक दिन लगता है कि 1 रन नहीं बनेगा और एक दिन आप जाते हैं सबकुछ होने लगता है.”

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान सबसे पहले कोहली से ही पूछा कि विराट बताइये, इस बार आपकी लड़ाई उतार-चढ़ाव भरी रही. इस पर मुस्कुराते हुए कोहली ने कहा, 

"पहले तो बहुत-बहुत शुक्रिया आपका कि आपने हम सभी को यहां बुलाया. ये दिन मेरे लिए हमेशा मेरे जेहन में रहेगा. इस पूरे टूर्नामेंट में मैं वो योगदान नहीं कर पाया, जो करना चाहता था. एक समय पर मैंने राहुल भाई (राहुल द्रविड़) को भी बोला कि मैं अपने आपको और टीम को अभी तक न्याय नहीं दे पाया. तो इन्होंने मुझे बोला कि जब परिस्थिति आएगी तो मुझे भरोसा है कि तुम परफॉर्म करोगे."

फाइनल मैच में शुरुआती तीन झटके लगने के बारे में भी कोहली ने बात की है. भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 34 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे. तब सिर्फ 4.3 ओवर का मैच हुआ था. लेकिन कोहली मैदान पर थे.

विराट ने बताया, 

"जब विकेट गिरे तो मुझे लगा कि ऐसी स्थिति में मुझे टीम के लिए सरेंडर करना है. मेरा फोकस इस पर था कि टीम के लिए इस समय क्या जरूरी है. मुझे ऐसा लगा कि मुझे इस जोन में डाला गया. बाद में समझ आया कि जो चीजें आपके साथ होनी होती हैं, वो किसी भी तरीके से होती है. अगर आप मैच भी देखें तो जिस तरीके से जीते हैं, हम लोगों ने एक-एक बॉल को अंत में जिया है. हमारे अंदर क्या चल रहा है, वो हम बता नहीं सकते."

कोहली ने ये भी कहा कि एक समय उम्मीद छूट चुकी थी, फिर हार्दिक ने विकेट लिया, उसके बाद एक-एक बॉल करके फिर से एनर्जी बनी. कोहली इस बात से खुश नजर आए कि उन्होंने इतने बड़े दिन टीम के लिए योगदान दे पाए. उन्होंने कहा कि वे इसे जिंदगी में कहीं भी नहीं भुला सकते.

इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी ये पल होता है कि जब लोग कहते हैं कि तुम ये कर लोगे. और यही एक तरीके से ड्राइविंग फोर्स बन जाता है.

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विराट ने फॉर्म को लेकर अपनी मां के बारे में भी बताया. कहा कि दोनों जगहों के समय (टाइम जोन) में काफी अंतर है, इसलिए घर में ज्यादा बात नहीं हो पाई, नहीं तो मम्मी ज्यादा टेंशन ले लेती हैं.

एक और अनुभव को लेकर विराट ने कहा कि गेम की परिस्थिति ऐसी बन गई कि अंहकार छोड़ने की जरूरत थी, वो पीछे रखना ही पड़ा इसलिए गेम को जब इज्जत दी तो वापस इज्जत मिली. उनका यही अनुभव रहा है.

प्रधानमंत्री ने दूसरे खिलाड़ियों और कोच राहुल द्रविड़ से भी बात की. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया आत्मविश्वास से भरी हुई थी. इससे पहले 4 जुलाई को पीएम ने खिलाड़ियों के साथ फोटो शेयर की थी और लिखा था कि हमारे चैंपियंस के साथ शानदार मुलाकात.

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