साल 2023 आ चुका है. यानी साल 2022 जा चुका है. बीते साल हमारी क्रिकेट टीम ने हमें ठीकठाक रूप से निराश किया. खासतौर से बड़े इवेंट्स में हमारे वीर खाली हाथ ही लौटे. एशिया कप और T20 वर्ल्ड कप में हमारे हाथ सिर्फ निराशा लगी. और अब बीती बातें भूलकर वक्त आगे बढ़ने का है. इसी सिलसिले में BCCI ने साल की शुरुआत रिव्यू मीटिंग से की.
BCCI वालो, विराट की राह ही चलना था तो इतना नाटक क्यों किया?
लौट के BCCI ‘विराट राह’ आई!
इस मीटिंग के बाद तमाम ख़बरें मार्केट में हैं. काफी कुछ कहा और सुना जा रहा है. इसलिए आज इस मीटिंग पर चर्चा करेंगे. और इस चर्चा की शुरुआत होगी एक महान कप्तान के सालों पुराने क़ोट से. इस कप्तान से इसलिए शुरू करेंगे क्योंकि इस मीटिंग मेें निकले कई पॉइंट्स ये कप्तान सालों पहले लागू कराना चाहता था. इस कप्तान ने कहा था,
'वर्ल्ड कप हर चार साल में आता है और हम IPL हर साल खेलते हैं.'
अब ये क़ोट पढ़िए, सुनिए, देखिए और फिर याद करिए कि BCCI की हालिया मीटिंग में क्या चर्चा हुई. नहीं याद आ रहा तो बता देते हैं. इस मीटिंग में कहा गया कि वर्ल्ड कप और FTP को देखते हुए IPL के दौरान प्लेयर्स के वर्कलोड पर नज़र रखी जाएगी. और इसके लिए नेशनल क्रिकेट अकैडमी यानी NCA, IPL फ्रैंचाइज़ के साथ मिलकर काम करेगी. यानी BCCI ने साल 2023 में वो करने की प्लानिंग की है, जो कप्तान विराट कोहली साल 2019 में चाहते थे.
IPL2019 शुरू होने से ठीक पहले कोहली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था,
'हमने वर्कलोड पर डिस्कशन किया है और प्लेयर्स को स्मार्ट रहने और फ्रैंचाइज़ को इन्फॉर्म करने को कहा था. सारा वर्कलोड मॉनीटर किया जाएगा और प्लेयर्स मौका देखते हुए ब्रेक लेंगे. वर्ल्ड कप हर चार साल में आता है और हम IPL हर साल खेलते हैं. ऐसा नहीं है कि हम IPL के लिए कमिटेड नहीं हैं, लेकिन हमें स्मार्ट होना होगा. हमें बैलेंस के हिसाब से काम करना होगा और स्मार्ट फैसले लेने होंगे. सभी लोग वर्ल्ड कप के लिए कमिटेड हैं और वहां होना चाहते हैं.'
कोहली ने साल 2018 में भी भारतीय पेसर्स को IPL से ब्रेक देने की मांग रखी थी. उनका कहना था कि इस ब्रेक से भारतीय पेसर्स इंग्लैंड में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए फ्रेश रहेंगे. लेकिन उनकी सलाह नहीं मानी गई. और अब BCCI घूम-फिरकर उसी रास्ते पर आ रही है, जहां कोहली उसे साल 2018 में चाहते थे.
# Yo Yo X Virat Kohliजब भी विराट कोहली की उपलब्धियां गिनाई जाएंगी, तो उनमें टीम का फिटनेस कल्चर भी आएगा. दुनिया जानती है कि विराट कोहली ने किस तरह से टीम इंडिया के फिटनेस स्टैंडर्ड उठाए थे. और इसका फायदा भी दिखा था. लेकिन फिर BCCI ने जाने क्या सोचकर फिटनेस के नियमों में ढील दे दी. यो-यो टेस्ट को हटा दिया गया.
इसके बाद टीम इंडिया का प्रदर्शन सबने देखा ही. हमने कैच गिराए, मिसफील्ड की और कई अहम मौकों पर फिटनेस के चलते निराश हुए. और अब घूम-फिरकर BCCI दोबारा से लौटकर घर यानी यो-यो टेस्ट की ओर लौट चुका है. यानी यहां भी साफ दिखा कि विराट सालों पहले भी सही थे, और शायद आज भी सही ही हैं.
# अलग गेम, अलग कप्तानविराट कोहली का रेजिग्नेशन लेटर याद करिए. कोहली ने साफ लिखा था कि वह सिर्फ T20I की कप्तानी छोड़ रहे हैं. वनडे और टेस्ट में टीम को लीड करते रहेंगे. फिर कुछ ही वक्त बात कोहली से वनडे की कप्तानी भी ले ली गई. कहा गया कि भारत सफेद गेंद से दो कप्तान नहीं रखेगा. और इसके कुछ वक्त बाद कोहली ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी.
रोहित शर्मा पहले वनडे और T20I और फिर टेस्ट के कप्तान भी बने. उनकी कप्तानी में हम एशिया कप और T20I वर्ल्ड कप में निराश हो चुके हैं. और अब BCCI ने भविष्य देखते हुए हार्दिक पंड्या को T20I टीम की कप्तानी सौंप दी है. ऊपर से देखें तो हार्दिक स्टैंड इन कैप्टन ही दिख रहे हैं. लेकिन अंदरखाने चीजें साफ हैं. हार्दिक ही भविष्य के कप्तान हैं.
और ये बात ना सिर्फ टीम से जुड़े लोग, बल्कि बाहर बैठे ब्रॉडकास्टर्स को भी पता है. तभी तो उन्होंने श्रीलंका के साथ होने वाली T20I सीरीज़ की टीम घोषित होने से पहले ही बता दिया था कि हार्दिक इस टीम के कप्तान होंगे. यानी अब भारत के पास व्हाइट बॉल में दो अलग-अलग कप्तान हैं. जैसा कि विराट कोहली चाहते थे. और ये व्यवस्था कम से कम इस साल के वनडे वर्ल्ड कप तक तो रहेगी ही.
उस वक्त ऐसे किसी आइडिया का घनघोर विरोध करने वाली BCCI अब इस व्यवस्था से खुश है. अब ऐसे में आप सोचिए और हमें बताइए कि एक बंदे को निपटाने के लिए BCCI ने क्या कुछ नहीं किया. और इस किए-धरे का नतीजा तो खैर हम सब देख ही रहे हैं.
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