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सचिन से तुलना पर शर्मिंदा क्यों हो जाते थे विराट कोहली?

खुद कोहली से सुनिए.

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सचिन तेंडुलकर-विराट कोहली (रॉयटर्स-पीटीआई)

सचिन तेंडुलकर और विराट कोहली. क्रिकेट के दो मास्टर्स. सालों से ऐसी बहस चल रही है कि इन दोनों में बेहतर कौन है. सचिन को सालों से 'क्रिकेट का भगवान' माना जाता है. जबकि विराट के फैन उन्हें 'मॉडर्न डे ग्रेट' मानते हैं. इन दोनों बल्लेबाजों ने टेस्ट और वनडे क्रिकेट में बहुत सारे रन बनाए हैं.

सचिन और विराट की ये बहस सालों पहले शुरू हुई थी. कोहली जैसे-जैसे सचिन के रिकॉर्ड्स तोड़ रहे थे, बहस बढ़ती जा रही थी. और अब तो इंटरनेशनल सेंचुरी के मामले में भी कोहली, सचिन के काफ़ी क़रीब आ गए हैं. ऐसे में ये बहस रुकने का नाम नहीं ले रही.

लेकिन विराट ने सोमवार, 17 अप्रैल को इस बारे में एक 'शर्मिंदा' करने वाला खुलासा किया है. जियो सिनेमा पर रॉबिन उथप्पा के साथ एक इंटरव्यू के दौरान विराट ने कहा,

'मैं हमेशा ही लोगों से कहता रहता हूं कि मेरे पास टैलेंट था लेकिन मैं कोई ऐसा नहीं था कि जिसे देखकर आप बोल पड़ें- हे भगवान, ये अविश्वसनीय है. मैं अच्छा था और मैं अपने टैलेंट के साथ कुछ कर भी ले गया, लेकिन मुझे पता था कि मैं सबसे ज्यादा गिफ्टेड बंदों में से एक नहीं हूं. मैं शुरुआत से ही बहुत दृढ़निश्चय वाला बंदा था, लेकिन मुझे ये स्वीकारने में कोई दिक्कत नहीं है, कि मैंने अपने सबसे खतरनाक सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं 34 साल की उम्र में, इस हाल में यहा बैठूंगा.'

कोहली ने इसी बातचीत में स्वीकार किया कि सचिन के साथ उनकी लंबी तुलना से वह हमेशा ही 'शर्मिंदा' हुए. और हमेशा ही उन्होंने इसे हंसकर टाल दिया. विराट ने कहा,

'जब भी सचिन से तुलना होती है, मैं शर्मिंदा हो जाता हूं. मैं सोचता हूं कि ये लोग कहां से ऐसे स्टैट्स और तमाम चीजें लेकर आ रहे हैं. लेकिन ये स्टैट्स आपको अलग स्टोरी बताते हैं. एक बच्चे के रूप में, जब आप बड़े हो रहे होते हैं उस वक्त कोई प्लेयर आप पर जो इम्पैक्ट छोड़ता है, वो बहुत अलग होता है. मैं हर बार बस इस पर हंस देता हूं. इन लोगों को गेम का कोई आइडिया नहीं है. सचिन हमेशा ही मेरे लिए एक इमोशन रहे हैं.

आप किसी से भी बात करिए, वो सचिन को किसी अपने की तरह ही देखते हैं. क्योंकि सभी को उन पर भरोसा है. वह प्रेरणास्त्रोत थे, जब भी वह रन बनाते थे, जीवन अच्छा होता था. सचिन और विव रिचर्ड्स से किसी की भी तुलना नहीं होनी चाहिए. क्योंकि उन्होंने अपने-अपने एरा में गेम में क्रांति लगाई और उनमें लोगों को जितना यकीन था, ये बहुत रेयर है. किसी एक प्लेयर में इतना भरोसा सच में बहुत रेयर है.'

सचिन और विराट की तुलना तो चलती रहेगी. आप भी चलते रहिए लल्लनटॉप स्पोर्ट्स के साथ. और इस तुलना पर आपके जो भी विचार हों, कॉमेंट्स में बता दीजिए

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