पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक्स के फ़ाइनल्स से डिसक्वालिफ़ाई हो गईं. उनका वज़न मानक सीमा से 100 ग्राम ज़्यादा निकला. उन्हें मुक़ाबले के लिए अयोग्य क़रार दिया गया. महीनों की और पिछली रात की जी-तोड़ मेहनत के बावजूद विनेश फोगाट गोल्ड मेडल जीतने के अपने सपने से चूक गईं जिसके पूरा होने के इंतजार में पूरा भारत बेसब्र था. मगर ऐसा हुआ कैसे? ये विनेश के एक साथी ने बताया है.
"बाल तक कटवा दिए", विनेश फोगाट के साथी ने बताई डिसक्वालिफिकेशन से पहले की कहानी
विनेश का नॉर्मल वेट रेंज 57 किलो है. वो 53 किलो फ़्री-स्टाइल लड़ती आई हैं. उन्होंने तीन किलो घटाकर 50 किलो वाली कैटगरी में हिस्सा लिया.
भारत से वहां पहुंची मीडिया ने उनके हवाले से रिपोर्ट किया है. दरअसल, विनेश का नॉर्मल वेट रेंज 57 किलो है. वो 53 किलो फ़्री-स्टाइल लड़ती आई हैं. उन्होंने तीन किलो घटाकर 50 किलो वाली कैटगरी में हिस्सा लिया. क्वॉलिफायर से पहले जब उनका वज़न हुआ, तो वो मैनेज कर ले गईं. वज़न आया, 49.9 किलो. जैसे विनेश और उनके सपोर्ट स्टाफ़ ने सुनियोजित काम किया है, एक्सपर्ट्स इसकी तारीफ़ करते हैं. कम समय में तीन किलो वज़न घटाने के बावजूद शरीर पर कोई निशान नहीं आए, तैयारी में कमी नहीं आई.
हालांकि, बाउट से पहले कुछ खाना तो पड़ेगा ही. राउंड ऑफ़ 16, क्वॉर्टर-फ़ाइनल, सेमी-फ़ाइनल. बैक-टू-बैक तीन मैचों के लिए अगर विनेश एक अच्छी ख़ुराक भी ले लें, तो उनका वज़न 53 किलो की रेंज में चला जाता.
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वेट कैटेगरी वाले जितने भी स्पोर्ट्स हैं - जैसे मुक्केबाज़ी, जुडो या कुश्ती - सबके खिलाड़ी वज़न होने से पहले भयंकर नर्वस होते हैं. अक्सर एक दिन पहले से खाना-पीना छोड़ देते हैं. लगातार भागते रहते हैं. जितना ज़्यादा यूरीन और पसीना निकाला जा सकता है, निकालते हैं. विनेश ने भी यही किया. उनके टीम-मेट ने बताया,
सेमी-फ़ाइनल ख़त्म होने तक उसका वजन 52.7 किलो था. इसके बाद वो रात भर नहीं सोई. न एक घूंट पानी पिया, न एक कौर खाना खाया. टीम ने बेजोड़ मेहनत की और सुबह तक वज़न 50.1 किलो तक ला दिया. मगर फिर समय नहीं बचा.
विनेश और सपोर्ट स्टाफ ने हर संभव प्रयास किया, जो किया जा सकता था. बाल कटवाए, साइकलिंग की, रस्सी कूदी, सॉना बाथ लिया. लेकिन बात नहीं बनी. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट की है कि भारतीय टीम ने थोड़े और समय की मांग की, मगर कोई हल नहीं निकल सका. इसके बाद ख़बर आई कि डी-हाइड्रेशन के चलते विनेश बेहोश हो गईं.
भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा ने भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पुष्टि की है कि संघ ने विश्व कुश्ती नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के सामने अपील दर्ज कराई है. एक वीडियो में पीटी उषा ने कहा,
ये बहुत चौंकाने वाला है. मैंने कुछ समय पहले ही ओलंपिक विलेज में विनेश से मिली और उसे विश्वास दिलाया कि ओलंपिक संघ, भारत सरकार और पूरा देश उसके साथ है... हम विनेश को हर तरह की मदद कर रहे हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश को अयोग्य ठहराने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर की है. वो इस पर यथासंभव सख़्त कार्रवाई कर रहा है. मुझे मालूम है कि विनेश और उनकी मेडिकल टीम ने रात भर अथक मेहनत की है.
जो लोग टीवी देखते हुए नुस्खे बांट रहे हैं, उनको अंदाज़ा नहीं कि एक रात में ढाई किलो वज़न घटाना लगभग नामुमकिन है. ESPN की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कम वजन वाली श्रेणी में फिट होने की कोशिश करने के लिए एथलीट इवेंट से कुछ हफ़्ते पहले अपने शरीर के वज़न का 10 प्रतिशत तक वज़न घटाते हैं. वजन मापने से ठीक पहले के 24 घंटे ख़ास तौर पर बहुत अहम और तनाव भरे होते हैं. एक बार वेट हो गया, तो वापस वज़न बढ़ाना होता है. जो लिक्विड और पोषण कम किया था, उसकी भरपाई करनी होती है.
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ओलंपिक पहलवानों के साथ से काम कर रहे फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मुनेश कुमार ने ESPN को बताया,
रोटी जैसे कार्बोहाइड्रेट खाने के बजाय, आप सलाद खाते हैं. साथ-साथ में अपना नियमित वर्कआउट करते हैं. आमतौर पर एक मुश्किल ट्रेनिंग के बाद भी पहलवान लगभग 1.5 और 2 किलो ही वज़न कम कर पाते हैं.
खेल के नियम यही हैं. एक ग्राम भी वजन ज़्यादा, तो डिसक्वालिफ़ाई.
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