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टाइगर पटौदी : क्रिकेट का वो नवाबी कप्तान, जिसने हीरोइन को गिफ्ट में रेफ्रिजरेटर दिए थे

क्या वाकई पटौदी ने ऐसा छक्का मारा था, जो शर्मिला टैगोर की गोद में जाकर गिरा था?

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मंसूर अली खान पटौदी के बड्डे पर जानिए शर्मिला टैगोर से उनकी शादी से जुड़े और कई अन्य रोचक किस्से.
खूबसूरत शर्मिला टैगोर. क्रिकेट के मैदान में जहां बैठतीं. मैदान में बल्ला पकड़े वो क्रिकेटर, उसी डायरेक्शन में छक्का मार देता. अपनी प्रेमिका को देखकर शॉट मारने का ये हुनर टीम इंडिया के सिर्फ एक खिलाड़ी के पास था, नाम था नवाब मंसूर अली खान पटौदी.
क्रिकेट, बॉलीवुड और मुहब्बत के मैदान में मशहूर ये 'अधपका किस्सा' आज आपको फिर सुनाते हैं. मौका है, मंसूर अली खान पटौदी के जन्मदिन का. आज ही के दिन 1941 में भोपाल में इनका जन्म हुआ था. इसी मौके पर हम आपको सुनाएंगे उनके 'क्रिकेटाना' और पर्सनल लाइफ के सात किस्से. पहले इनके बारे में ये बात जान लीजिए-  जुलाई 1961 की वो पहली तारीख थी. 20 बरस के मंसूर इंग्लैंड के होव में कार में सवार होकर कहीं जा रहे थे. तभी रास्ते में हादसा होता है. कार का शीशा टूटकर मंसूर की दायीं आंख में घुस जाता है. अस्पताल ले जाया जाता है. डॉक्टर बताते हैं, अब मंसूर की दायीं आंख कभी काम नहीं करेगी. मंसूर की एक आंख काम करना बंद कर चुकी थी, लेकिन उनका हौसला चौड़ से भरा था. छह महीने बीतते हैं. दिसंबर 1961 में  मंसूर इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करते हैं. उसी साल मद्रास में खेले तीसरे टेस्ट में 103 रन बनाते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ इंडिया पहली सीरीज जीत चुका था. जीत का क्रेडिट पूरी टीम को गया. लेकिन जिस एक खिलाड़ी ने इंदिरा गांधी से लेकर उस वक्त की बिकिनी पहनने वाली हिम्मती एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के मन, दिल में जगह बनाई, वो थे वही मंसूर अली खान पटौदी. जिन्हें बाद में दुनिया ने प्यार से टाइगर पटौदी पुकारा.
अब देखिए-सुनिए टाइगर पटौदी के सात रोचक किस्से.

1.

150 कमरों की हवेली. 100 से ज्यादा नौकर. गुड़गांव और भोपाल में पटौदियों की अब भी अच्छी खासी जमीन है. यहां जमीन को राजघरानों और महलों वाली जमीन समझिए. मंसूर अली नवाबों के खानदान से थे. अब्बा इफ्तिखार अली खान जाने-माने क्रिकेटर थे. इंग्लैंड की तरफ से खेलते थे. मंसूर जब 11 बरस के थे, तब अब्बा इफ्तिखार अली की दिल्ली में पोलो खेलते हुए मौत हो गई थी. कैलेंडर में तारीख थी 5 जनवरी. यानी वो तारीख, जब मंसूर का जन्मदिन होता था.

2.

मंसूर 21 बरस की उम्र में टीम इंडिया के कप्तान बन गए थे. उस वक्त के सबसे यंग कप्तान. कुल 46 मैच खेले, जिनमें 40 मैचों में कप्तानी की. इनमें से 9 मैचों में जीत मिली. 19 में हार और 19 मैच ड्रॉ रहे. इंडिया के बाहर पहली जीत दिलाने का क्रेडिट भी कप्तान पटौदी को ही जाता है. साल था 1968, मैच था न्यूजीलैंड के खिलाफ. 1961 से 1975 तक टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेले. करीब 2790 रन बनाए. mansoor-ali-khan-pataudi

3.

मंसूर अली खान पटौदी क्रिकेट के अलावा कई और खेलों में भी धुरंधर थे. हॉकी, रैकेट, सॉकर, बैडमिंटन खूब खेलते थे. अब्बा को पोलो का शौक था. बाद के दिनों में पटौदी IPL की गवर्निंग काउंसिल से जुड़े रहे. पटौदी के BCCI से लफड़े के भी चर्चे आम हैं. पटौदी ने BCCI पर पेमेंट न करने का आरोप लगाया. 2010 में IPL से साइड भी हो लिए. यानी नवाबी पूरी जोरों पर रही. पटौदी ने 1991 में भोपाल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, पर हार गए. nawab pataudi-1

4.

अब क्रिकेट से टाइगर पटौदी की मुहब्बत की तरफ बढ़ते हैं. साल 1967 में 'एन इवनिंग इन पेरिस' फिल्म में एक एक्ट्रेस ने बिकिनी पहनी. फिल्मफेयर मैगजीन के लिए शूट भी करवाया. सब तरफ हल्ला हो गया. एक्ट्रेस का नाम था शर्मिला टैगोर. टाइगर पटौदी और शर्मिला टैगोर की मुलाकात दोस्तों की वजह से हुई. ये मुलाकात यूं भी अलग थी कि टाइगर पटौदी पक्के नवाब फैमिली वाले थे, और शर्मिला बॉलीवुडिया और बंगाली एक्ट्रेस. दोनों का धर्म अलग था, लेकिन धागे के दो सिरे एकदूजे से मिलने की तरफ बढ़ रहे थे. sharmila-tagore-and-mansoor-ali-khan-pataudi

5.

रिलेशन के शुरुआती दिन चल रहे थे. टाइगर पटौदी ने शर्मिला टैगोर को एक गिफ्ट दिया. ये गिफ्ट था रेफ्रिजरेटर. सोचिए मुहब्बत में आज जब चॉकलेट टैडीबेयर दिए जाते हैं. एक ऐसा भी दौर था, एक ऐसा भी नवाब था जो अपनी महबूबा को रेफ्रिजरेटर दे रहा था. टाइगर पटौदी की बेटी सोहा अली खान ने दी लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया था,
'अब्बा ने एक नहीं, अम्मा को 7-7 रेफ्रिजरेटर भिजवाए.'
हालांकि ये गिफ्ट शर्मिला को इम्प्रैस नहीं कर पाए. लेकिन शर्मिला ने टाइगर से मिलने का मन बना लिया था. पटौदी ने इसके बाद वही ट्रिक अपनाई, जिसे आज भी रगड़ा जा रहा है. गुलाब का फूल भेजा 4 साल तक. तब जाकर कहीं नवाब को आगे के बरसों में जिंदगी भर के लिए 'नवाबन' मिल पाईं. tiger pataudi

6.

शर्मिला टैगोर बंगाली हिंदू परिवार से थीं. मंसूर अली खान नवाबों के परिवार से. जाहिर है कि दोनों परिवारों के ख्याल एक-दूजे से कोसों दूर थे. लेकिन फिर भी दोनों लवर्स परिवारों को मनाने में कामयाब हो गए. मार्च 1967 में दोनों ने सगाई की. 27 दिसंबर 1969 को ब्याह रचा लिया. कहा गया कि शर्मिला नवाब से शादी के लिए हिंदू से मुसलमान हो गईं. शर्मिला टैगोर का नाम बदलकर हो गया आयशा सुल्तान. हालांकि दुनिया आज भी शर्मिला को शर्मिला टैगोर नाम से ही जानती है. दोनों की शादी में तब के प्रेसिडेंट जाकिर हुसैन और इंदिरा गांधी भी शामिल हुए थे. mansoor ali khan pataudi marriage अब थोड़ी रिश्तेदारी की बात...

7.

शर्मिला टैगोर और टाइगर पटौदी के तीन बच्चों को आप जानते ही हैं. सैफ अली, सोहा अली और सबा अली खान. सैफ और सोहा फिल्मों में हैं. सबा जूलरी का बिजनेस करती हैं. नवाब सैफ अली खान की वाइफ करीना कपूर हैं. अब सरहद पार के रिलेशन की बात. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के जो चेयरमैन रहे शहरयार खान. ये टाइगर पटौदी के कजन हैं. पाकिस्तानी आर्मी में एक मेजर जनरल हुए. नाम था शेर अली खान पटौदी. ये टाइगर पटौदी के अंकल थे. pataudi-family-pic टाइगर पटौदी ने एक ऑटोबायोग्राफी लिखी थी, द टाइगर्स टेल. अपना नाम टाइगर पड़ने के बारे में मंसूर अली खान पटौदी ने एक बार कहा था,
'टाइगर नाम मुझे बहुत छोटे में मिल गया था. तब मैंने क्रिकेट खेलना भी शुरू नहीं किया था. ये नाम मुझे क्यों मिला, पता नहीं. पर जहां तक मुझे याद है. जब मैं छोटा था तो टाइगर की तरह ही हाथ और पैरों से फर्श पर चल लेता था.'

मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर की लव स्टोरी पर बेटी सोहा अली ने दी लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कई मजेदार किस्से बताए थे. इस दौरान सोहा से ये सवाल भी किया गया कि क्या वाकई मंसूर अली खान पटौदी ने ऐसा छक्का मारा था, जो शर्मिला टैगोर की गोद में जाकर गिरा था. आइए देखिए, इस पर सोहा ने क्या जवाब दिया- https://www.youtube.com/watch?v=M36YA8ucPBc