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तेजिंदरपाल सिंह टूरः 16 साल के इंतज़ार के बाद आया है शॉटपुट में भारत का गोल्ड

सिर्फ गोल्ड ही नहीं बल्कि एशियन गेम्स में शॉटपुट का नया रिकॉर्ड भी बना है.

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मेडल जीतने के बाद तिरंगे के साथ तेजिंदर.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में शनिवार को भारत को सातवां गोल्ड मेडल हासिल हुआ. पुरुषों के शॉटपुट इवेंट में तजिंदरपाल सिंह टूर ने 20.75 मीटर गोला फेंककर गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने एशियन गेम्स में शॉटपुट का नया रिकॉर्ड भी बनाया है. तेजिंदर ने शुरुआत में 19.96 मीटर गोला फेंका. उनको चुनौती देने मैदान में उतरे चीन के लियू यांग 19 .52 मीटर और कज़ाकिस्तान के इवान इवानोव 19.40 मीटर गोला फेंककर उनसे पिछड़ गए. शॉटपुट में भारत को गोल्ड मेडल के लिए पूरे 16 साल का इंतज़ार करना पड़ा है. तेजिंदर से पहले बुसान में हुए 2002 के एशियन गेम्स में बहादुर सिंह सागू ने 19.03 मीटर गोला फेंककर गोल्ड जीता था. तेजिंदर आठवें ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स के शॉटपुट इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है.

क्रिकेटर बनना चाहते थे तेजिंदर

पंजाब के मोगा जिले के खोसा पंडो गांव में जन्मे तजिंदर बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे. लंबा-चौड़ा और तगड़ा शरीर देखकर उनके पिताजी ने शॉटपुट में हाथ आजमाने को कहा. तेजिंदर ने उनकी बात मानी और जुट गए प्रैक्टिस में. उम्र के 23 साल पूरे कर चुके तेजिंदर ने अपनी पढ़ाई भठिंडा के मालवा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन से पूरी की है. कॉलेज से फिजिकल एजुकेशन में डिग्री करने के बाद उन्होंने भारतीय नौसेना स्पोर्ट्स कोटे से जॉइन की. तेजिंदर ने पिछले साल 2017 में भुवनेश्वर में हुई एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इस साल 2018 में हुए कामनवेल्थ गेम्स में उन्हें निराशा हाथ लगी थी. इस मौके पर उन्हें खेलमंत्री राज्यवर्धन राठौर ने ट्वीट कर बताई दी है. एशिया के इस नए चैंपियन को हमारी तरफ से झोला भर बधाई.
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