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T20 वर्ल्ड कप: भारत-ऑस्ट्रेलिया के 'सुपर 8' मैच को 'फिक्स' क्यों कहा जा रहा?

अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में 20 टीमों ने हिस्सा लिया था. इन टीमों को 4-4 ग्रुप में बांटा गया था. यानी एक ग्रुप में 5 टीमें. अब ग्रुप स्टेज के बाद 8 टीमें बची हैं. जिस तरह से इन आठ टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है, उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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टी20 वर्ल्डकप में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबला 24 जून को खेला जाएगा. (तस्वीर: PTI)

T20 वर्ल्डकप 2024 अब अपने अगले दौर में पहुंच चुका है. टूर्नामेंट की आठ टीमें अब सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए भिड़ेंगी. पर जिस तरह से इन आठ टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है, उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल किया जा रहा है कि क्या ICC ने ये सब कुछ पहले से तय कर रखा था. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले को लेकर है जो 24 जून को खेला जाएगा.

क्या ये पहले से ‘फिक्स’ थे सुपर 8 के मैच?

अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में 20 टीमों ने हिस्सा लिया था. इन टीमों को 4-4 ग्रुप में बांटा गया था. यानी एक ग्रुप में 5 टीमें. अब ग्रुप स्टेज के बाद 8 टीमें बची हैं. भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और संयुक्त राज़्य अमेरिका. इन 8 टीमों को अब दो ग्रुप में बांटा गया है. पहले ग्रुप में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश हैं. जबकि दूसरे ग्रुप में बाकी बची 4 टीमों को रखा गया है.

आमतौर पर होता यूं है कि ग्रुप स्टेज में एक ग्रुप की टॉपर टीम, दूसरे ग्रुप की सेकेंड बेस्ट यानी दूसरे नंबर पर आने वाली टीम से भिड़ती है. इसे स्पोर्ट्स की भाषा में कहते हैं 'सीडिंग'. लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है. अपने-अपने ग्रुप की टॉपर रहीं भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक ही ग्रुप में रखा गया है. ये देख लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि ऐसा कैसे?

ICC ने भी इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं किया. तो सवाल उठना लाजमी है. इसे लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का एक पोस्ट वायरल है. उन्होंने X पर लिखा कि हालिया टी20 वर्ल्डकप में सुपर 8 की ग्रुपिंग इस आधार पर नहीं की गई है कि ग्रुप में कौन सी टीम किस स्थान पर है, बल्कि यह 'पहले से तय’ था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया आईसीसी प्री-सीडिंग के कारण एक ही ग्रुप में होंगे.


अब ये जान लेते हैं प्री डिसाइडेड सीडिंग के आधार पर टीमों की ग्रुपिंग किस तरह की गई है.

A1- भारत, A2- पाकिस्तान

B1- इंग्लैंड, B2- ऑस्ट्रेलिया

C1- न्यूजीलैंड, C2- वेस्टइंडीज

D1- दक्षिण अफ्रीका, D2- श्रीलंका

इसका मतलब हुआ कि ग्रुप-B में इंग्लैंड को टॉप की टीम और ऑस्ट्रेलिया को दूसरे नंबर की टीम माना गया है. टूर्नामेंट शुरू होने के दौरान ग्रुप-B में पांच टीमें थी. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, नामिबिया, स्कॉटलैंड और ओमान. इन टीमों के बीच आपस में लीग मैच हुए. ऑस्ट्रेलिया ने अपने चारों मैच जीतकर 8 प्वाइंट हासिल किए. जबकि इंग्लैंड ने 2 जीत, 1 हार और 1 ड्रॉ के बाद 4 मैचों में 5 प्वाइंट अर्जित किए. कायदे से तो यही होना चाहिए कि जिसके नंबर ज्यादा, वो टॉप पर रहेगा. यानी ऑस्ट्रेलिया को टॉप पर होना चाहिए था. लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ है. पहले से जो डिसाइडेड था, वही हुआ. इंग्लैंड पहले नंबर पर और ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर.

अगर ये नहीं होता तो क्या होता?

सीडिंग के नियमों के आधार पर चला जाता तो सुपर-8 की ग्रुपिंग कुछ अलग होती. दो ग्रुप. एक ग्रुप में होते भारत, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और बांग्लदेश और दूसरे ग्रुप में जगह मिलती ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका को. लेकिन इस बार ICC ने सीडिंग के हिसाब से सुपर-8 की टीमें नहीं चुनी हैं. इस बार इस्तेमाल किया गया है प्री-सीडिंग का फॉर्मूला. यानी ICC ने पहले से तय कर लिया था कि किस टीम को किस ग्रुप में रखना होगा.

इसीलिए भारत और ऑस्ट्रेलिया अब एक ग्रुप में हैं. 24 जून को वेस्टइंडीज के डैरेन सैमी नेशनल स्टेडियम में दोनों टीमें भिड़ेंगी. दोनों टीमों के बीच होने वाले मुकाबले का इंतज़ार खेल प्रेमियों को हमेशा रहता है. ऐसे में कहा जा रहा कि दोनों टीमों के बीच मुकाबला होने से रोमांच और व्यूरशिप चरम पर होंगे. तो कयास यही लगाए जा रहे हैं कि ICC ने इसी कारण इस बार प्री-सीडिंग को अपनाया है. हालांकि, ICC ने अभी कारण को लेकर कुछ साफ नहीं किया है.

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