The Lallantop

कहानी मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की, जिसे एक ज़िद पर छह महीने में बना दिया गया था

महाराष्ट्र सरकार इसे पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी कर रही है

post-main-image
वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम ने कई इतिहास बनते देखे हैं. अब इसे पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी हो रही है. फोटो: Twitter
भारतीय क्रिकेट ने वैसे तो कई सुनहरी यादें देखी हैं. लेकिन भारतीय सरज़मीं पर अगर कोई सबसे बड़ी खुशनुमा याद है तो वो है भारत की 2011 की विश्वकप जीत. महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल के लंबे इंतज़ार के बाद विश्वकप पर कब्ज़ा जमाया. और जिस मैदान पर ये जीत आई, उसका नाम है मुंबई का वानखेड़े क्रिकेट मैदान.
मुंबई में मौजूद इस क्रिकेट स्टेडियम ने विश्वकप जीत के अलावा भी बहुत कुछ देखा है, फिर चाहे वो सचिन तेंडुलकर का क्रिकेट से संन्यास हो या फिर रोहित शर्मा का डेब्यू.
लेकिन अब हो सकता है कि इस ऐतिहासिक मैदान को पर्यटकों के लिए भी खोला जाए. महाराष्ट्र के टूरिज़्म मिनिस्टर आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करके कहा है कि उनका वानखेड़े में पर्यटकों को मंज़ूरी देने का प्लान है. हालांकि वानखेड़े के आसपास रहने वाले लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है. वहां के लोकल रेसिडेंट्स ने इससे ट्रेफिक और अपनी सुरक्षा की चिंता ज़ाहिर की है.
मुंबई को आप भारत की ट्रेडिशनल क्रिकेट कैपिटल भी कह सकते हैं. मुंबई में क्रिकेट की शुरुआत से अब तक तीन अलग मैदानों पर क्रिकेट देखने को मिला है.
पहला, बॉम्बे जिमखाना क्रिकेट ग्राउंड. बॉम्बे जिमखाना ने भारत में भारत का पहला टेस्ट मैच होस्ट किया. जिमखाना क्रिकेट मैदान का इतिहास बहुत पुराना है. साल 1875 में यह स्थापित हुआ. इस मैदान पर भारतीयों में सिर्फ सर्वेन्ट्स को ही एंट्री दी जाती थी. तब भारतीय क्रिकेट के दिग्गज रणजीतसिंह जी को भी इस मैदान में जाने से रोक दिया गया था. हालांकि बाद में ये नियम भारतीय क्रिकेटर्स के लिए बदल दिया गया.
जिमखाना क्रिकेट मैदान के अलावा दूसरा मैदान, सीसीआई यानि क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया का ब्रेबॉर्न स्टेडियम. ये मैदान मुंबई में 17 सालों तक इस्तेमाल किया गया. लेकिन सीसीआई और बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद के बाद ब्रेबॉर्न स्टेडियम की किस्मत खराब हो गई.
सीसीआई और बीसीए (MCA) के बीच मैच के टिकटों के आवंटन को लेकर बड़ा विवाद हुआ था. 1973 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट के बाद ये विवाद चरम पर पहुंच गया. इसके बाद राजनेता और बीसीए के सेक्रेटरी शेशराव कृष्णराव वानखेड़े ने एक अलग स्टेडियम बनाने का फैसला किया. कहा जाता है कि छह महीने के अंदर ही 1975 में ब्रेबॉर्न स्टेडियम से बस कुछ ही दूरी पर 45000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था वाला वानखेडे स्टेडियम बनाकर तैयार कर दिया गया.
इसके साथ ही वानखेड़े स्टेडियम ने पूरी तरह से ब्रेबॉर्न स्टेडियम को खत्म कर दिया.
1974-75 से शुरू हुआ वानखेड़े का सुनहरा दौर:
# स्टेडियम के बनने के बाद पहली बार भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच 1974-75 में इस मैदान का पहला टेस्ट मैच खेला गया. पहले ही मैच में ये मैदान इंटरनेशनली फेमस हो गया. वजह क्लाइव लॉयड की 242 रनों की आतिशी पारी.
# इसके साथ ही भारत के दिग्गज कप्तान टाइगर मंसूर अली खां पटौदी का भी ये आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. भारत ने इस मैच को 201 रनों से गंवाया. नए नवेले मैदान पर मैच देखने पहुंचे दर्शकों ने भी घेरा तोड़ा, और पिच के पास पहुंच गए. फैंस लॉयड को बधाई देना चाहते थे लेकिन पुलिस, फैंस और लॉयड के बीच आ गई.
# जनवरी 1975 में पहले टेस्ट के लगभग दो साल बाद नवंबर 1976 में जाकर भारत को यहां पहली जीत मिली. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत ने 162 रनों की शानदार जीत दर्ज की.
Sunil Gavaskar Batting 700
वानखेड़े मैदान पर एक बार अंपायर्स पर भड़क गए थे Sunil Gavaskar (गेटी फाइल फोटो)

# इस मैदान पर ही साल 1978-79 में ग्रेट सुनील गावस्कर की वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 205 रनों की शानदार पारी आई. वहीं एलविन कालीचरन ने भी इसी मैच में 187 रनों का बेहतरीन क्रिकेट दिखाया.
# साल 1980 में जुबली टेस्ट के दौरान इयान बॉथम ने इस मैदान पर शतक जमाया और 13 विकेट भी चटकाए. उनके लाजवाब खेल से इंग्लैंड ने इस मैच को 10 विकेट से जीता था.
# इस मैदान पर आज भी किसी भी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 224 रन का विनोद कांबली के नाम है. अपने होम ग्राउंड पर कांबली ने 1992-93 में तीसरे टेस्ट में ही दोहरा शतक जड़ दिया था.
# इसके अलावा 1985 में रवि शास्त्री के एक ओवर में छह छक्के भी इसी मैदान पर आए थे. जब उन्होंने बड़ौदा के तिलक राज की गेंदों पर लगातार छह छक्के मारे थे.
Cricket World Cup 2011
Cricket World Cup 2011

# साल 2011 में इस मैदान ने भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा इतिहास बनते देखा. 28 साल बाद भारत ने क्रिकेट का विश्वकप इसी मैदान पर जीता.
# साल 2013 में दिग्गज सचिन तेंडुलकर ने भी इसी मैदान पर अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला, और पिच को चूमकर अपनी सरज़मीं को शुक्रिया अदा किया.