बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी. बस शुरू ही होने वाली है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल खेलना है, तो टीम इंडिया को यहां अच्छा करना ही होगा. और यहां अच्छा करने के लिए जरूरी है अच्छी प्लानिंग. प्लानिंग, जो करेंगे गौतम गंभीर. या शायद उन्होंने अब तक कर भी ली होगी. और इसी प्लानिंग के एक हिस्से पर उठा है सवाल.
गंभीर का प्लान बेकार... पर्थ टेस्ट से पहले किस बात पर भड़का पूर्व क्रिकेटर?
गौतम गंभीर ने पर्थ टेस्ट की प्लानिंग लगभग पूरी कर ली है. इस प्लानिंग में एक प्लेयर का डेब्यू भी शामिल बताया जा रहा है. लेकिन ये प्लान भारत के एक पूर्व क्रिकेटर को ही पसंद नहीं आया है.
न्यूज़ीलैंड के हाथों घर में क्लीन-स्वीप होने के बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया पहुंची है. WTC फ़ाइनल खेलने के लिए अब उन्हें यहां पांच में से चार टेस्ट मैच अपने नाम करने होंगे. अगर ऐसा कर लिया, तो इंडिया बिना किसी पर डिपेंड हुए फ़ाइनल तक पहुंच सकता है. ऐसा नहीं हुआ, तो निकलेगा कैल्कुलेटर.
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और इस कैल्कुलेटर के निकलने से पहले, 22 तारीख से शुरू हो रहा है पर्थ टेस्ट. ख़बरें थीं कि इस टेस्ट से पेस बोलिंग ऑल-राउंडर नितीश कुमार रेड्डी का टेस्ट करियर शुरू हो सकता है. और ये ख़बर पूर्व इंडियन पेसर डोड्डा गणेश को पसंद नहीं आई. उन्होंने इसका विरोध करते हुए X पर लिखा,
'या जो एक जेनुइन बोलर को ले लीजिए, या फिर अगर आपको लगता है कि बैटिंग मजबूत करनी है तो एक जेनुइन बैटर ले लीजिए. टेस्ट्स में नितीश रेड्डी की ये फ़ास्ट ट्रैकिंग किसी काम की नहीं है. वह अभी भी लंबे फ़ॉर्मेट के लिए तैयार नहीं हैं.'
बता दें कि रेड्डी ने इस बरस IPL में कमाल का खेल दिखाया था. लेकिन लाल गेंद की क्रिकेट में वह बहुत टेस्टेड नहीं हैं. रेड्डी ने अभी तक कुल 23 फ़र्स्ट क्लास मैच ही खेले हैं. इन मैचेज़ में इन्होंने 56 विकेट निकाले हैं. रेड्डी का गेंद से ऐवरेज़ लगभग 27 का है. जबकि स्ट्राइक रेट 49.5 का. इन्होंने फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में दो बार पारी में पांच विकेट भी निकाले हैं. बात बैटिंग की करें तो रेड्डी ने फ़र्स्ट क्लास मैच में 21 की ऐवरेज़ से 779 रन जोड़े हैं. इनके नाम एक शतक और दो अर्ध-शतक हैं.
टीम मैनेजमेंट अपनी पुरानी रणनीति पर ही चलना चाह रहा है. घर में होने वाले टेस्ट मैचेज़ में ये लोग अश्विन और जडेजा के साथ जाते हैं. ये लोग बोलिंग के साथ बैटिंग भी कर लेते हैं. इसी वजह से टीम के लिए इनका सेलेक्शन आसान पड़ता है. विदेश के मैचेज़ में अभी हमारे पास ये लग्ज़री नहीं है. टीम के पास जेनुइन पेस बोलिंग ऑल-राउंडर्स की कमी है.
या ये भी कह सकते हैं कि टीम ने रेड्डी पर ज्यादा भरोसा दिखाया है. पिछली बार टीम के साथ शार्दुल ठाकुर थे. जिन्होंने बैटिंग में अच्छा योगदान दिया था. लेकिन इस बार उन्हें किनारे लगा दिया गया. और 21 साल के रेड्डी को टेस्ट टीम में शामिल कर लिया गया. मैनेजमेंट की सोच है कि रेड्डी बैटिंग और बोलिंग दोनों में थोड़ा-थोड़ा योगदान दे सकते हैं.
चूंकि यहां अश्विन और जडेजा के एकसाथ खेलने की उम्मीद कम ही है. इसलिए टीम को ऐसा बल्लेबाज चाहिए जो थोड़ी-बहुत पेस बोलिंग भी कर ले. पर्थ की विकेट से पेसर्स को मदद मिलेगी, ऐसे में टीम की एक्स्ट्रा पेसर की जरूरत भी पूरी हो जाएगी. और बैटिंग में भी गहराई होगी.
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