एक टीम के नाम 41 ट्रॉफी. दूसरी टीम के नाम सिर्फ एक. और अब जाकर, आखिरकार, सौराष्ट्र (Saurashtra) ने मुंबई (Mumbai) को हरा दिया है. रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में दोनों टीम्स 59 बार आमने सामने आ चुकी हैं. सौराष्ट्र ने मुंबई को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में ही हराया. इस मैच के बाद धर्मेंन्द्रसिंह जडेजा को मैन ऑफ द मैच चुना गया. जडेजा ने इस मैच में 114 रन बनाए और छह विकेट चटकाए.
पृथ्वी, सूर्या, रहाणे, सरफ़राज़, मुंबई को मिलकर नहीं बचा सके!
सौराष्ट्र ने इतिहास रच दिया...
हैरान करने वाली बात ये है कि सौराष्ट्र ने ये कारनामा अपने दिग्गज प्लेयर्स चेतेश्वर पुजारा और जयदेव उनादकट के बिना कर दिखाया है. वहीं दूसरी ओर मुंबई की टीम में यशस्वी जयसवाल, पृथ्वी शॉ, सूर्यकुमार यादव, आजिंक्य रहाणे और सरफराज ख़ान जैसे प्लेयर्स शामिल थे.
#मैच में क्या हुआ?
सौराष्ट्र ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करने का फैसला किया. पहली पारी में कैप्टन अर्पित वसवदा ने शानदार 75 रन की पारी खेली. मुंबई के ऑलराउंडर शम्स मुलानी ने चार विकेट चटकाए. सौराष्ट्र पहली पारी में 289 रन ही बना सकी.
अब मुंबई की बारी. पृथ्वी शॉ चार और यशस्वी जयसवाल दो रन बनाकर पविलियन लौट गए. सूर्यकुमार यादव ने 95 और सरफराज़ ख़ान ने 75 रन बनाकर पारी को संभाला. हालांकि, इसके बावजूद मुंबई 230 तक ही पहुंच सकी. धर्मेंन्द्रसिंह जडेजा ने चार विकेट चटकाए. उनके साथ युवराजसिंह डोडिया ने निभाया. डोडिया ने भी चार विकेट लिए.
मैच बन गया था. दूसरी पारी में सौराष्ट्र की बैटिंग लड़खड़ा गई. 77 पर छह विकेट गिर चुके थे. कैप्टन अर्पित और शेलडन जैकसन जैसे सीनियर प्लेयर्स वापस पविलियन लौट चुके थे. इसके बाद धर्मेंन्द्रसिंह ने 90 रन की शानदार पारी खेली और मैच को बनाया. सौराष्ट्र ने दूसरी पारी में 220 रन बनाए. पहली पारी की लीड जोड़कर मुंबई के सामने 280 रन का लक्ष्य रखा गया.
पारी का चौथा दिन और स्पिनिंग पिच. लेकिन इतनी शानदार बैटिंग लाइनअप देख मुंबई को खारिज़ करना गलत होता. पृथ्वी शॉ ने शुरुआत भी अच्छी दिलाई और 68 रन की पारी खेली. पर किसी भी बल्लेबाज़ ने उनका साथ नहीं दिया. सूर्या ने 38 और शम्स मुलानी ने 34 रन की पारी खेली, लेकिन इतना काफी नही था. मुंबई की टीम 231 तक ही पहुंच सकी और सौराष्ट्र ने ये मैच 48 रन से जीत लिया.
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