1980-90 के दशक में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम मैच कम खेलती थी, और उन पर आरोप ज्यादा लगते थे. इस दौरान कई पाकिस्तानी क्रिकेटर्स पर करप्शन के आरोप लगे. और उसी दौरान एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ऐसा भी था, जो ऐसे प्लेयर्स के खिलाफ़ लगातार एक्शन की मांग कर रहा था. उसने ऐसे प्लेयर्स के खिलाफ़ प्रेसिडेंट को चिट्ठियां तक लिख डालीं. और बाद में उसने इन चिट्ठियों की भारी कीमत चुकाई.
मैच फिक्सिंग के खिलाफ बोल, सर पर बंदूक रखवाने वाला पाकिस्तानी क्रिकेटर
'अगर मैं मुड़कर देखूंगा तो मुझे जान से मार देंगे.’
जी हां, पाकिस्तान में ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं, जो करप्शन के खिलाफ़ खड़े हुए. और इस चक्कर में कई बार इनको बंदूकधारियों का सामना भी करना पड़ा था. इस प्लेयर के साथ भी ऐसा हुआ. वैसे, जादूगर ये भी कम नहीं थे. कई दफ़ा रिटायरमेंट का ऐलान कर, ये वापसी कर चुके थे.
आज आपको इनका करप्शन से लड़ने वाला क़िस्सा सुनाते हैं. और शुरुआत इनका नाम बताकर करते हैं. हम बात कर रहे हैं पूर्व पाकिस्तानी पेसर सरफ़राज़ नवाज़ की. सरफ़राज़ को रिवर्स-स्विंग का फाउंडर कहा जाता है. इन्होंने ये कला आगे इमरान ख़ान को सिखाई. और वहां से ये पाकिस्तान में आगे फैली.
क़िस्से पर लौटते हैं. एक दौर में पाकिस्तानी क्रिकेट में भ्रष्टाचार बहुत आम बात थी. और सरफ़राज़ किसी भी क़ीमत पर इसे सुधारना चाहते थे. क्रिकइंफों के अनुसार, सरफ़राज़ ने इस दौरान प्रेसिडेंट को चिट्ठियां लिखीं. इन चिट्ठियों में वह लिखते थे,
‘इन आरोपों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये गंभीर प्रकृति के हैं, सच्चाई सामने आनी चाहिए. मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि जब पहले से अधिक खिलाड़ी इस घिनौने मामले के बारे में बोलने के लिए तैयार हैं, तो आपको तत्काल जांच करनी चाहिए.’
सरफ़राज़ पाकिस्तानी प्रेसिडेंट को लगातार ऐसे पत्र लिखते थे. इसमें मैच-फिक्सिंग, इन मामलों में शामिल खिलाड़ियों के बारे में जानकारी देते थे. और एक बार इन पत्रों के जवाब में सरफ़राज़ से कहा गया कि वो ये मामला PCB के सामने उठाएं. जब उन्होंने ऐसा किया, तो PCB ने बड़े ही आराम से इस मामले को रफ़ा-दफा कर दिया. इस मामले पर सरफ़राज़ ने PCB से कहा था,
‘हां, बेशक ये संवेदनशील मुद्दे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम आंखें मूंद लें. मेरा मानना है कि स्थिति किस हद तक बिगड़ी है, इसके बारे में आपको ठीक से जानकारी नहीं दी गई है. अन्यथा आपने इसे सुधारने के लिए जरूर कुछ किया होता.’
सरफ़राज़, पाकिस्तानी क्रिकेट में होने वाली इस मैच-फिक्सिंग से लड़ते रहे. और इसी चक्कर में उनको कई बार धमकियां मिली. साल 2010 में पार्क में घूमते हुए सरफ़राज़ को जान से मारने की धमकी मिली थी. इस बारे में AFP से उन्होंने कहा था,
‘पिछले हफ्ते इस्लामाबाद के एक पार्क में टहलते हुए दो लोगों ने पीछे से चिल्लाते हुए कहा कि मुझे बयान देना बंद कर देना चाहिए. और धमकी दी कि अगर मैं मुड़कर उन्हें देखूंगा तो मुझे जान से मार देंगे.’
हालांकि, सरफ़राज़ ने यह भी कहा कि वो इन धमकियों की चिंता नहीं करते. वो बोले,
‘मैंने कभी किसी पद की परवाह नहीं की. और न ही मुझे इन धमकियों की परवाह है. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा. और मैं क्रिकेट के हमारे प्यारे खेल को ऐसे सभी भ्रष्टाचारों से मुक्त करने के प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार हूं.’
इसके साथ साल 2017 में भी सरफ़राज़ को जान से मारने की धमकी मिली थी. इस बार वो कोर्ट में अपना बयान दर्ज़ करवाकर वापस आ रहे थे. इस दौरान उनकी गाड़ी को किसी अज्ञात गाड़ी ने रोक लिया. बाद में पता चला कि दो लड़के अपनी गाड़ी से बाहर आए. और उन्होंने हथियार निकाल लिए.
एक व्यक्ति कार के सामने खड़ा रहा, जबकि दूसरे ने नवाज से बात की और उन्हें PCB, प्लेयर और बुकी के खिलाफ बयान देना बंद करने की चेतावनी दी. और कोर्ट में मामले को आगे बढ़ाने से रुकने को कहा.
बताते चलें, सरफ़राज़ ने पाकिस्तान के लिए 55 टेस्ट में 177 विकेट निकाले हैं. और वनडे क्रिकेट में उनके नाम 45 मैच में 63 विकेट हैं.
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