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सरफ़राज़ का शतक देख लिया, अब इसके पीछे की बड़ी सीख भी जान लो!

सरफ़राज़ खान ने टेस्ट सेंचुरी मार दी है. बेंगलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में इन्होंने कमाल की बैटिंग करते हुए 110 गेंदों पर शतक जड़ा. लोगों ने इस शतक का खूब लुत्फ़ उठाया लेकिन इसके पीछे की कहानी पर कम ही लोगों ने गौर किया होगा.

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सरफ़राज़ के शतक में छिपी है सीख (AP)

सरफ़राज़ खान का इंतजार खत्म हुआ. आखिरकार उन्होंने टेस्ट में शतक जड़ ही दिया. अब कुछ लोग कहेंगे कि सरफ़राज़ ने अभी टेस्ट ही कितने खेले हैं. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि इन चंद टेस्ट्स से पहले, सरफ़राज़ ने दर्जनों फ़र्स्ट क्लास मैच खेले. हजारों रन बनाए. 15 शतक जड़े और ये सबकुछ 69 की ऐवरेज़ के साथ.

इतना सब करने के बाद उनका टेस्ट डेब्यू हुआ. अपने पहले तीन टेस्ट में सरफ़राज़ ने तीन पचासों के साथ 200 रन बनाए. फिर भी उनके हिस्से बेंच ही आई. आखिरकार, जब शुभमन गिल की गर्दन में अकड़न हुई तब सरफ़राज़ बेंच से उठकर स्टार्टिंग इलेवन में आ पाए.

आए तो भी अपनी पसंदीदा पोजिशन पर नहीं. गिल की चोट और केएल राहुल के फ़िक्स रोल के चलते सरफ़राज़ को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ बेंगलुरु टेस्ट में नंबर चार पर बैटिंग करनी पड़ी. ये वही टेस्ट है, जहां पहली पारी में भारतीय टीम 46 रन पर सिमट गई थी. सरफ़राज़ का यहां खाता नहीं खुला.

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लोगों ने खूब सुनाया. बोले ऐसे शॉट की जरूरत ही क्या थी. अभी-अभी विकेट गिरा था, थोड़ा रुककर खेल लेते. पहली पारी में सरफ़राज़ सीधा खेलने के चक्कर में आउट हुए थे. काउंटर अटैक के चक्कर में उन्होंने गेंद को सामने की ओर मारा. मिड-ऑफ़ पर खड़े डेवन कॉन्वे थोड़ा वाइड थे. लेकिन उन्होंने अपना दाहिना हाथ निकालते हुए डाइव मारी और कमाल का कैच पकड़ लिया.

Sarfaraz Khan Wagon Wheel
सरफ़राज़ खान ने अपनी सेंचुरी में इस तरह बनाए सारे रन (BCCI.TV)

और सरफ़राज़ को दूसरी पारी में ये चीज एकदम अच्छे से याद रही. तभी तो, आप दूसरी पारी की उनकी वैगन व्हील देखिए. सरफ़राज़ ने विकेट के सामने, वी में कुल तीन से चार शॉट्स ही खेले हैं. और इन शॉट्स के जरिए सिर्फ़ सात रन स्कोर किए. यानी पहली पारी की असफलता के बाद, सरफ़राज़ ने जो सबक लिया वो सिर्फ़ बातों तक नहीं रहा. सरफ़राज़ ने उसे करके दिखाया. उन्होंने इस पारी में कमाल का कंट्रोल दिखाते हुए, ज्यादातर रन स्क्वॉयर ऑफ़ द विकेट और थर्ड मैन के रीज़न में बनाए.

सरफ़राज़ ने इतनी कमाल बैटिंग की, कि न्यूज़ीलैंड वाले बार-बार अपनी फ़ील्डिंग ही एडजस्ट करते रहे. और इसी का रिज़ल्ट बना वो शॉट, जिससे सरफ़राज़ की सेंचुरी पूरी हुई. टिम साउदी की गेंद पर उन्होंने कमाल का बैक-फ़ुट पंच मार चौका जड़ा. और पूरा कर लिया अपना पहला टेस्ट और 16वां फ़र्स्ट क्लास शतक. बार-बार लेट कट करके सरफ़राज़ ने ये फ़ील्ड सेट कराई थी. और जैसे ही जगह मिली, डीप कवर की ओर पंच के जरिए चौका जड़ दिया.

शतक पूरा होते ही सरफ़राज़ ने हेलमेट निकाला. बल्ला और हेलमेट हाथों में थाम एक विक्ट्री लैप सी पूरी की. भयंकर अग्रेसिव सेलिब्रेशन किया और फिर ऋषभ पंत को गले लगा लिया. इन सबके बीच भारतीय ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर व्यक्ति ने खड़े होकर सरफ़राज़ का अभिवादन भी किया. सरफ़राज़ के शतक के दम पर भारतीय टीम ने दूसरी पारी में बढ़िया वापसी भी कर ली है. मैच के चौथे दिन, बारिश के चलते खेल रुका तब तक भारत ने तीन विकेट खोकर 344 रन बना लिए थे. टीम इंडिया अब सिर्फ़ 12 रन पीछे है. सरफ़राज़ 125 और ऋषभ पंत 53 रन बनाकर नाबाद हैं.

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