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अगला सुनील गावस्कर बताया गया वो दिग्गज, जिसके स्टैट्स से ज़्यादा कमेंट्स पर बात होती है

संजय मांजरेकर की तमाम कॉन्ट्रोवर्सीज याद हैं?

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संजय मांजरेकर (फोटो - ट्विटर)

म़िर्जापुर, गेम ऑफ थ्रोन्स, वाइकिंग्स. इन सभी वेब सीरीज़ में हमने सिर्फ एक लड़ाई देखी है. गद्दी की लड़ाई. चाहे सरसी हों या फिर अखण्डानंद त्रिपाठी, इनकी कोशिश तो अपने ही बच्चों को आगे बढ़ाने की रही. लेकिन तक़रीबन हर बार ही कहीं ना कहीं से एक रैग्नार लोथब्रोक उठ आता था.

और भले ही रैग्नार खुद आगे आकर एक डायनेस्टी शुरू कर दे. खुद उन्हीं शासकों जैसा हो जाए. लेकिन उसके आने से एक उम्मीद होती है. उम्मीद, कि छोटे लोग भी बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. छोटे लोग भी दिग्गजों में शामिल हो सकते हैं. और छोटे लोग भी बड़े लोगों की जगह ले सकते हैं. जैसे क्रिकेट की दुनिया में रैग्नार जैसे उठे सचिन तेंडुलकर. और बाद में उनकी जगह ली विराट कोहली ने.

राहुल द्रविड गए, तो चेतेश्वर पुजारा आ गए. और इसी कड़ी में थोड़ा और पीछे जाएं, तो जब सुनील गावस्कर गए थे… तब उनकी जगह संजय मांजरेकर आए थे. अब आप कहीं से आंकड़े उठा लाएंगे. और कहें कि कहां गावस्कर और कहां मांजरेकर. तो सरजी थोड़ा चिल करिए. भले ही मांजरेकर लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए, लेकिन जब वो आए थे तो लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें थीं.

मांजरेकर ने साल 1987 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ़ डेब्यू किया था. और इस डेब्यू के वक्त उन्हें अगला गावस्कर बताया गया था. भूलने लायक डेब्यू के बाद संजय ने साल 1988-89 में वेस्ट इंडीज़ टूर पर सेंचुरी भी मारी. और फिर जब टीम इंडिया ने साल 1989-90 में पाकिस्तान का दौरा किया. तब वहां संजय ने एक दोहरा शतक और एक शतक लगाया. और जिस तरीके से इमरान खान, वसीम अकरम, अब्दुल कादिर और युवा व़कार यूनुस को खेला, उसे देख सब ने यही कहा कि 1990 के दौर में ये लड़का राज़ करेगा.

#Sanjay Manjarekar

लेकिन ऐसा हो नहीं पाया, संजय मांजरेकर को बाउंसी पिच पर काफी परेशानी हुई. साल 1991-92 में जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, तो वहां संजय हैरान दिखे. उनका वो टूर 22 की एवरेज से 197 रन पर ही खत्म हो गया. संजय ने साल 1997 में खुद को ओपनर के तौर पर भी ट्राई किया. लेकिन इससे भी काम नहीं बना. और वो धीरे-धीरे इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर हो गए. संजय ने 37 टेस्ट मैच खेले. इनमें उन्होंने 37.14 की एवरेज से 2043 रन बनाए. हालांकि, उनके फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड्स काफी शानदार है. 147 मैच में उनके नाम 31 शतक के साथ 10252 रन हैं.

संजय मांजरेकर का क्रिकेटिग करियर कम ही लोगों को याद है. लेकिन उनकी कॉमेंट्री और इस दौरान किए गए कॉमेंट्स कम ही लोग भूले होंगे. 12 जुलाई 1965 को जन्मे संजय मांजरेकर आज 57 साल के हो गए. तो चलिए आज संजय के जन्मदिन पर आपको उनके कुछ ऐसे कॉमेंट्स के बारे में बताते हैं जिनके चलते खूब बवाल मचा. 

#टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं है विराट

ये बात साल 2011-12 की है. जब टीम इंडिया चार टेस्ट मैच खेलने ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी. इस सीरीज़ के दो मैच हम गंवा चुके थे. पर्थ में तीसरा मुकाबला होना था. और आज की तरह इस वक्त भी जमकर चर्चा हो रही थी, कि विराट कोहली को ड्रॉप कर देना चाहिए. लेकिन मांजरेकर ने कहा था कि विराट को पर्थ में जरूर खेलना चाहिए ताकि ये प्रूव हो जाए कि वो यहां के लायक नहीं है.

उन्होंने कहा, 

‘मैं VVS को ड्रॉप कर रोहित को अगले टेस्ट में खिलाऊंगा. ये लम्बे समय तक समझ में आता है. विराट को एक और टेस्ट दो, ये निश्चित करने के लिए कि वो यहां के लायक नहीं है.’

विराट ने संजय मांजरेकर की इस बात का जवाब मुंहजबानी तो कभी नहीं दिया. लेकिन उनका बल्ला जरूर बोला. पर्थ मैच की दूसरी पारी में विराट ने 75 रन की पारी खेली. उसके बाद चौथे टेस्ट मैच में शतक भी जड़ा. और आज विराट के जो आंकड़े हैं. वो बता ही रहे हैं कि वो कहां के लायक हैं.

#पोलार्ड के पास दिमाग नहीं है

कायरन पोलार्ड. वेस्ट इंडीज़ टीम के पूर्व कप्तान और IPL टीम मुंबई इंडियंस का अहम हिस्सा. पोलार्ड तूफानी बल्लेबाजी करने का दम रखते है. और टीम के लिए काफी नीचे बल्लेबाजी करने आते है. लेकिन एक मैच में उन्होंने खुद को ऊपर प्रमोट कर लिया था. और इस फैसले से संजय मांजरेकर बड़े गुस्से में आ गए थे. इस फैसले पर वो बोले, 

‘पोलार्ड के पास दिमाग नहीं है.’

हालांकि उसके तुरंत बाद मांजरेकर अपने बयान से पलट गए. और कहा कि मुंबई इंडियंस ने उनको ऊपर भेजकर सही किया.

#अश्विन ऑल टाइम ग्रेट नहीं है

आपको याद है साल 2021. जब हमको इंग्लैंड में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलना था. उस समय संजय मांजरेकर ने एक बात कही थी. उन्होंने कहा कि आर. अश्विन को जब ऑल टाइम ग्रेट कहा जाता है तो मुझे परेशानी होती है. संजय ने कहा,

‘जब लोग अश्विन के बारे में ऑल टाइम ग्रेट वाली बात कहते हैं, तो मुझे थोड़ी परेशानी होती है. एक छोटी सी शिकायत जो मेरी अश्विन से है वो ये है कि जब आप सेना (SENA – South Africa, England, New Zealand, Australia) देशों में देखते है, तो वहां अश्विन के नाम एक भी पांच विकेट हॉल नहीं है.’

संजय मांजरेकर की इस बात का जवाब अश्विन ने भी दिया. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने लिखा, 

‘ऐसी बातें मत बोलो, ये दुखती हैं.’

#टुकड़ों में परफॉर्म करने वाला क्रिकेटर

संजय मांजरेकर का कुछ ऐसा सा बयान आपको याद आ रहा है? क्योंकि 2019 वर्ल्ड कप के दौरान इस बयान ने खूब तूल पकड़ी थी. दरअसल, उस दौरान संजय ने रविंद्र जडेजा पर निशाना साधते हुए उनको टुकड़ों में परफॉर्म करने वाला खिलाड़ी बताया था. जडेजा के लिए उन्होंने कहा,

‘मैं टुकड़ों में परफॉर्म करने वाले खिलाड़ियों का बड़ा फैन नहीं हूं, जो इस समय 50 ओवर वाले क्रिकेट में रविंद्र जडेजा है. टेस्ट मैच में, वो सिर्फ गेंदबाज हैं. लेकिन 50 ओवर क्रिकेट में, मैं एक बैट्समेन और एक स्पिनर रखूंगा.’

संजय मांजरेकर के इस बयान से जडेजा भड़क गए थे. उन्होंने पहले ट्विटर और फिर बल्ले से इसका जवाब दिया. ट्विटर पर मांजरेकर को टैग कर खरी-खोटी सुनाने के बाद जड्डू ने 2019 वर्ल्ड कप में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 59 गेंदों में 77 रन की पारी खेली थी. और अकेले दम पर टीम को जीत के एक दम क़रीब ले गए थे. जडेजा की इस परफॉर्मेंस के बाद संजय मांजरेकर ने फिर एक बात कही. इस बार वो बोले,

‘टुकड़ों वाले खिलाड़ी की तरफ से शानदार परफॉर्मेंस, उसने मुझे सभी मोर्चों पर चीर दिया है.’

#हार्दिक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज नहीं

हार्दिक पंड्या. साल 2019 वर्ल्ड कप के समय से ही हार्दिक कई बार अंदर-बाहर हुए हैं. कारण उनकी परफॉर्मेंस नहीं, उनकी चोट रही है. फिर साल 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार्दिक ने कमबैक किया. लेकिन उनके कमबैक करने से पहले ही संजय मांजरेकर बोले कि वो स्पेशलिस्ट बैटर के तौर पर नहीं खेल पाएंगे. मांजरेकर ने कहा था,

‘मेरा सेलेक्शन और विचार उस सिद्धांत पर आधारित हैं, जिसे मैंने सालों से सीखा है. अगर आपके पास ऐसा स्पेशलिस्ट है, जो सिर्फ एक चीज़ के लिए टीम में एंट्री करता है, तो आप अपनी टीम ऐसे खिलाड़ियों से भरते हो. और हार्दिक पंड्या मेरी उस टीम में नहीं होंगे.’

बता दें, हार्दिक ने उस सीरीज़ में बहुत शानदार परफॉर्म किया था. जिसके बाद संजय मांजरेकर ने फिर कहा,

‘हार्दिक के 50 ओवर क्रिकेट में सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेलने में थोड़ा संदेह था. लेकिन अब और नहीं.’

संजय मांजरेकर अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं. हालांकि कुछ फ़ैन्स उनकी ईमानदारी की तारीफ भी करते हैं. और चाहते हैं कि संजय ऐसे ही बने रहें. 

पंत बल्लेबाजी के दौरान क्या कह गए कि हर कोई उससे सुनकर मज़े ले रहा है