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इंग्लैण्ड में टेस्ट सीरीज के लिए रोहित शर्मा सबसे बेहतर कप्तान! कारण जान लीजिए

England में Test Series के दौरान अच्छे-अच्छे कप्तान भी बेबस नजर आते हैं. भारत को आखिरी बार 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में वहां जीत मिली थी.

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जून महीने से इंग्लैण्ड में टेस्ट सीरीज होना है. (तस्वीर: AP)

रोहित शर्मा के करियर को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही थीं. लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की शानदार जीत और फाइनल मुकाबले में रोहित की बल्लेबाजी के बाद स्थितियां बदल गई हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैण्ड में होने वाले टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा ही टीम के कप्तान हो सकते हैं. जून में शुरू होने वाली इस सीरीज के तहत पांच मैच खेले जाएंगे. 

वरिष्ठ पत्रकार संदीप द्विवेदी अपने कॉलम में लिखते हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के बाद ही रोहित को आश्वासन दिया गया. उन्हें भरोसा दिलाया गया कि वो इंग्लैण्ड दौरे के लिए कप्तान बने रहेंगे. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार के बाद से, नए खिलाड़ी को कैपेंटसी देने की चर्चा चल रही थी. अब इन अटकलों पर रोक लगती दिख रही है. 

Rohit Sharma बेहतर कैप्टन क्यों हैं?

शर्मा की बेहतर कप्तानी का सबूत उनके खेल के रिकॉर्ड से भी पता चलता है. उन्होंने भारत को लगातार दो ICC टाइटल दिलाए हैं. ESPN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ICC लिमिटेड-ओवर टूर्नामेंट में उन्हें 27 बार जीत और तीन बार हार मिली है. उनकी जीत और हार का अनुपात (Win-Loss Ratio) 9.00 है. ये किसी भी उस कप्तान के लिए एक उम्दा अंक है जिसने तीन टूर्नामेंटों में कम से कम 15 मैचों में कप्तानी की है.

आईसीसी मेन्स टूर्नामेंट में सबसे अधिक जीत हासिल करने वाले कप्तानों की फेहरिश्त में रोहित तीसरे नंबर हैं. 41 जीत के साथ पहले नंबर पर महेंद्र सिंह धोनी और 40 जीत के साथ दूसरे नंबर रिकी पोंटिंग हैं.

रिकॉर्ड के अलावा रोहित के फैसले लेने की क्षमता की भी बात की जाती है. खासकर तब, जब वो गेंदबाजी और फील्डिंग को लेकर अपनी स्ट्रेटजी में ऑन-ग्राउंड बदलाव करते हैं.

टेस्ट क्रिकेट में रोहित की कप्तानी

जानकारों की मानें तो रोहित एक बेहतर कैप्टन हैं. लेकिन क्या ये बात उनके लिए टेस्ट क्रिकेट को लेकर भी लागू होती है? पिछले साल घरेलू मैदान पर खेलते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में भारत की बुरी हार हुई. कप्तान रोहित शर्मा ही थे. उनकी खूब आलोचना हुई. 

लेकिन अब बात करते हैं कुछ पुराने रिकॉर्ड की. टेस्ट क्रिकेट में रोहित की कप्तानी में टीम को 50 प्रतिशत से अधिक मैचों में जीत मिली है. उनकी कैपटेंसी में 24 में से 12 टेस्ट मुकाबलों में टीम को जीत मिली है और तीन मैच ड्रॉ हुए हैं. 

टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी को लेकर रोहित का मामला श्रेष्ठ और सर्वश्रेष्ठ के कहीं बीच में फंसा दिखता है. लेकिन फिर यहां दो सवाल आते हैं. पहला ये कि इंग्लैण्ड में टेस्ट क्रिकेट जीतना कितना मुश्किल है. और दूसरा सवाल ये है कि भारत के पास कप्तानी के लिए क्या-क्या विकल्प मौजूद हैं.

इंग्लैण्ड में टेस्ट जीतना कितना मुश्किल है?

इग्लैण्ड में भारत को आखिरी बार 2007 में  राहुल द्रविड़ की अगुआई में जीत मिली थी. अक्सर माना जाता है कि वहां स्विंग गेंदबाजों का बोलबाला है. लेकिन पूरी तरह से ऐसा नहीं है. सच ये है कि बल्लेबाज यहां शुरुआत की कठीन पारी के बाद लंबी साझेदारी कर सकते हैं. सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब टीम मुश्किल में फंस जाती है. लगातार विकेट गिरने लगते हैं. ऐसे में बड़े-बड़े कप्तान भी विवश नजर आते हैं.

जानकार बताते हैं कि यही वो मौका होता है जब कप्तान की काबिलियत का पता चलता है. मैच को हाथ से निकलते देख कप्तान बीच में ही हार नहीं मान सकते. ऐसा देखा गया है कि रोहित अपनी कप्तानी के दौरान तनाव में तो होते हैं लेकिन फैसले लेते वक्त धैर्य और समझदारी से काम लेते हैं. जब टेस्ट मैच में टीम मुश्किल में होती है, तब भी वो शांत रहते हैं और सही मौके का इंतजार करते हैं. 

रोहित नहीं तो कौन?

अब लाख टके का सवाल ये है कि इंग्लैण्ड में टेस्ट सीरीज को लेकर भारत के पास क्या विकल्प हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ओपनिंग बैटिंग के लिए भारत के पास कई बेहतर विकल्प हैं. जैसे- यशस्वी जायसवाल, अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, संजू सैमसन और केएल राहुल. लेकिन फिलहाल टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नजर नहीं आता जो रोहित की तरह सूझबूझ से कप्तानी कर सके. 

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रोहित ने मैदान पर लंबा समय बिताया है. कई बार टीम को मुश्किलों से बाहर निकाला है. छह आईपीएल जीते हैं. कई बार गेंदबाजों के पसीने छुड़ाए हैं. दो आईसीसी टाइटल अपने नाम किया. ये वो तमाम कारण हैं जिससे उन्हें कप्तानी के मामले में एक और एक्सटेंशन मिला है.

उनके बाद जसप्रीत बुमराह कप्तान के एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. उनके खेल पर गौर करें तो वो इसके लिए योग्य नजर आते हैं. वो बल्लेबाज के दिमाग को अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं. उनके शॉट्स का अनुमान भी लगा लेते हैं. जानकारों कि मानें तो बुमराह का भी समय आएगा.

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