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रोहित-द्रविड़ की 'बुरी लत' का बोझ कब तक उठाएगी टीम इंडिया?

रोहित-राहुल ने फिर डुबो दिया.

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ भी रोहित से वही गलती हुई (एपी फोटो)

रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़. गाजे-बाजे के साथ टीम इंडिया को लीड करने के लिए लाई गई नई टीम. कहा गया कि ये दोनों मिलकर अच्छे दिन लाएंगे. पेटीएम ट्रॉफी जीत रही टीम इंडिया को बड़े इवेंट्स जिताएंगे. और ये दोनों अपनी पहली ही चुनौती में फेल रहे. भारतीय वीर एशिया कप में खेत रहे. सुपर फोर में दोनों मैच हारकर भारतीय टीम वहां से फारिग हुई.

घर लौटी. विश्राम किया. अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेलने उतरे. 20 सितंबर, दिन मंगलवार को मोहाली में पहला T20I मैच खेला गया. बल्लेबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया. बोर्ड पर 208 रन टांग दिए. लेकिन हमारे बोलर्स से इतना बड़ा स्कोर भी डिफेंड ना हुआ. हम ये मैच चार गेंदें बाकी रहते ही हार गए. क्यों हारे? क्योंकि बेस्ट कोच और बेस्ट कैप्टन डुओ ने फिर वही गलती की, जो उन्होंने एशिया कप के सुपर फोर में की थी.

# Rohit-Dravid-Bhuvi

सारे बोलर्स पिट रहे थे. आखिरी 12 गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया को 18 रन चाहिए थे. हमारे पास दो विकेट ले चुके उमेश यादव और हार्दिक पंड्या के रूप में दो ऑप्शन थे. हां ठीक है कि हार्दिक अपने पहले दो ओवर में 22 और उमेश 27 रन दे चुके थे. लेकिन जब भुवी कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीम्स के आगे 19वें ओवर में बुरी तरह से पिट चुके थे, ऐसे में फिर से उन्हें 19वां ओवर देने के पीछे का मास्टरस्ट्रोक मैं तो नहीं डीकोड कर पा रहा. आप कर पा रहे हों तो बताएं.

रोहित ने भुवी को 19वां ओवर दिया. भुवी ने पहली ही गेंद लेग स्टंप के इतनी बाहर फेंकी कि अंपायर ने इसे देख अपने हाथ चौड़े कर दिए. गेंद वाइ़़ड निकल गई. इसके बाद भुवी ने अगली गेंद फुल लेंथ फेंकी. ये भी लेग स्टंप की लाइन में. लेकिन इस पर सिर्फ एक रन आया. अगली गेंद फुल लेंथ, ऑफ स्टंप की ओर. फिर एक सिंगल. और इसके बाद भुवी ने अगली गेंद घुटने की हाइट पर फुलटॉस फेंकी.

लेकिन उनका भाग्य अच्छा था कि टिम डेविड इसे उड़ा नहीं पाए. गेंद पैड से लगकर निकल गई और इस पर लेग बाई का एक रन आया. अभी तक इस ओवर की तीन गेंदों पर सिर्फ तीन रन आए थे. रोहित की तारीफ वाले ट्वीट्स लिखे जा चुके थे. लोग सेंड बटन दबाने के एकदम क़रीब थे, कि भुवी ने अगली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर लो फुलटॉस मारी. वेड ने कमाल की कवर ड्राइव के जरिए इसे चौके के लिए भेज दिया.

अगली गेंद छोटी थी और वेड ने इस पर मंझला रिजल्ट लेते हुए चार रन बटोरे. ओवर की आखिरी गेंद फिर से शॉर्ट थी. वेड ने इस पर भी चार रन बटोर लिए. इस प्रकार भुवी के फेंके गए 19वें ओवर में 16 रन आ गए. और यहीं पर मैच का दी एंड हो गया. टीम इंडिया को बड़े टूर्नामेंट जिताने के लिए लाई गई कोच और कप्तान की जोड़ी लगातार तीन दफ़ा सेम टू सेम मिस्टेक दोहरा चुकी है.

और आगे भी शायद ये दोहराएंगे ही. क्योंकि गलती एक बार होती है, एक से ज्यादा बार जो हो जाए, उसे गलती नहीं कहते, ये तो फिर लत हो जाती है. और लत आसानी से छूटती नहीं. ऐसे में इनसे क्या उम्मीद रखी जाए, समझ नहीं आता.

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