रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli). ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के बाद से ही दोनों खिलाड़ियों के रिटायरमेंट को लेकर काफी चर्चा हो रही है. टेस्ट क्रिकेट में उनकी फॉर्म को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मामले पर दिग्गज क्रिकेटर रिकी पॉन्टिंग (Ricky Ponting) ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही, पॉन्टिंग ने यह भी बताया है कि जब राहुल द्रविड़ (Ponting on Dravid) खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, तब उन्होंने पूर्व भारतीय क्रिकेटर की किस तरह मदद की थी.
रिकी पॉन्टिंग ना होते तो समय से पहले रिटायर हो चुके होते राहुल द्रविड़!
Ricky Ponting ने ये बताया कि जब राहुल द्रविड़ (Ponting on Dravid) खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, तब उन्होंने कैसे पूर्व भारतीय क्रिकेटर की मदद की थी. साथ ही उन्होंने Rohit Sharma और Virat Kohli के रिटायरमेंट की बातों पर भी अपनी राय रखी है.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े संदीप द्विवेदी ने पॉन्टिंग से सवाल किया कि जब द्रविड़ अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब उन्होंने भारतीय बल्लेबाज़ को एक सलाह दी थी. क्या अब वह मुश्किल दौर से गुजर रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली को भी कुछ सलाह देना चाहेंगे? इसके जवाब में पॉन्टिंग ने कहा,
मैं रोहित-कोहली को कभी कम नहीं आंकूंगा. यह अलग बात है कि मैं उन्हें वही संदेश दूं या नहीं, जो मैंने राहुल द्रविड़ को दिया था. लेकिन जब ये खिलाड़ी भारत के लिए खेलते हैं, तो बहुत अच्छा लगता है. उम्मीद करता हूं कि वे आगे भी कई वर्षों तक खेलते रहें.
पॉन्टिंग ने आगे कहा,
"वो चैंपियन हैं और इसके पीछे एक वजह है—वो हर बार किसी न किसी तरह वापसी करना जानते हैं. पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसा हुआ है जब विराट मुश्किल में थे, लेकिन उन्होंने वापसी की. वो एक हाई-क्वालिटी खिलाड़ी हैं, और शायद रोहित भी कुछ वैसे ही हैं. टेस्ट क्रिकेट अब उनके लिए थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन रोहित ने साफ कह दिया है कि वो व्हाइट बॉल क्रिकेट (वनडे) से कहीं नहीं जा रहे हैं. जबकि विराट व्हाइट बॉल के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक हैं.
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अब सवाल ये है कि पॉन्टिंग ने द्रविड़ को क्या मैसेज दिया था? इसका जवाब खुद पॉन्टिंग ने दिया,
द्रविड़ हमारे ही खिलाफ एक सीरीज़ खेल रहे थे, जहां वो संघर्ष कर रहे थे. मीडिया में भी बहुत सारी बातें हो रही थीं, जो उन्हें अंदर से परेशान कर रही थीं. राहुल और मेरी हमेशा बहुत अच्छी बनती रही है. हम दोनों ने अपने-अपने देशों के लिए लंबे समय तक नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी की है और बेहतरीन प्रतियोगी रहे हैं. उनके जैसे खिलाड़ियों के लिए, क्लास और क्वालिटी कभी खत्म नहीं होती. बस कुछ लोग ऐसी मुश्किल परिस्थितियों से बाहर नहीं निकल पाते.
पॉन्टिंग ने आगे कहा,
मैंने द्रविड़ से बस इतना कहा था कि देखिए, बाहर की बातों की परवाह मत कीजिए. खुद पर भरोसा रखिए और उन चीज़ों पर वापस फोकस कीजिए, जिन्होंने आपको एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाया है. अगर आप उन्हीं चीज़ों पर ध्यान देंगे और छोटी-मोटी बातों को नज़रअंदाज़ करेंगे, तो आप अपने करियर का अंत भी बहुत शानदार तरीक़े से कर सकते हैं. द्रविड़ ने वही किया और फिर उन्होंने ज़बरदस्त वापसी की.
पॉन्टिंग ने साथ ही बताया कि जब वह अपने करियर के अंतिम दौर में संघर्ष कर रहे थे, तब द्रविड़ ने भी उन्हें इसी तरह का मैसेज दिया था. बताते चलें कि द्रविड़ ने जनवरी 2012 में जबकि पॉन्टिंग ने दिसंबर 2012 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था.
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