प्रिया सिंह (Priya Singh). राजस्थान की महिला बॉडी बिल्डर. पिछले कुछ समय में प्रिया काफी चर्चा में हैं. वजह है थाईलैंड में हुई वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में उनका गोल्ड मेडल जीतना. 18 दिसंबर को हुए इस इवेंट में प्रिया ने ये मेडल अपने नाम किया. इस उपलब्धि के बाद उन्हें राज्य सरकार की तरफ से सम्मानित भी किया गया.
30 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रिया सिंह से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी. इस दौरान वहां सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली भी मौजूद रहे. जूली ने जयपुर में घर जाकर प्रिया सिंह को सम्मानित किया. इस दौरान मंत्री ने उन्हें अपने विभाग का ब्रांड एंबेसडर बनाने की घोषणा की.
बॉडी बिल्डिंग में जीता गोल्ड, राजस्थान सरकार से हुई सम्मानित... फिर लगा इवेंट फ़र्जी होने का आरोप!
गोल्ड मेडल जीतकर चर्चा में आई थी बॉडी बिल्डर.
यहां तक सब ठीक था, लेकिन अब इस मामले पर एक नई अपडेट है. राजस्थान बॉडी बिल्डिंग असोसिएशन ने इस इवेंट को ही फर्जी बता दिया है. स्टेट बॉडी बिल्डिंग असोसिएशन ने सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर फर्जी खेल संघों की जांच करने की मांग की है. साथ ही असोसिएशन ने प्रिया सिंह को सम्मानित किए जाने पर भी आपत्ति उठाई है. असोसिएशन के अध्यक्ष नवीन यादव की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि ये इवेंट किसी मान्यता प्राप्त संघ ने नहीं, बल्कि पंजाब के एक NGO ने करवाया है.
नवीन यादव के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा इस तरह बिना जांच के प्रिया सिंह को सम्मानित किए जाने से बाकी खिलाड़ियों को काफी निराशा मिली है. उन्होंने लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा,
# Priya Singh ने आरोपों को नकारा‘ये इवेंट न तो किसी मान्यता प्राप्त खेल संघ और न ही खेल विभाग की ओर से कराया गया है. जिस संस्था ने प्रिया सिंह को मेडल दिया है, उसकी कोई मान्यता नहीं है. लेकिन राजस्थान सरकार के मंत्री बिना किसी जांच के उनको सम्मान दे रहे है. इससे उन खिलाड़ियों को गहरी निराशा हुई है, जो किसी मान्यता प्राप्त संघ से जुड़कर अपनी तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में हमने सरकार से मांग की है कि जितने भी नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट हो, सरकार उसकी पहले अपने स्तर पर जांच करवाए. क्योंकि कई सारे NGO और फर्जी खेल संघ, खिलाड़ियों से पैसा लेकर उन्हें देश-विदेश में मेडल दिलवा रहे हैं.’
वहीं बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह ने सरकार से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा,
‘अगर मैं गलत हूं तो सरकार मेरे खिलाफ कार्रवाई करे. वहीं अगर दूसरा पक्ष गलत है, तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे. सच्चाई सामने लाना सरकार का काम है. मैं एथलीट हूं तो इस मामले पर मैं कोई सफाई क्यों दूं?.’
अब इस मामले में क्या सच है और क्या झूठ, ये बात तो जांच के बाद ही पता चल पाएगी. लेकिन सरकार द्वारा सम्मानित किसी एथलीट को अपने ही स्टेट बॉडी बिल्डिंग असोसिएशन द्वारा फ़र्जी बताए जाने से सरकार की फजीहत तो हुई है.
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