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पृथ्वी ने ताबड़तोड़ सेंचुरी मार कहा- ज्यादा उम्मीद नहीं है, अभी मेरा पूरा फ़ोकस...

पृथ्वी शॉ ने चोट से जोरदार वापसी की है. शॉ ने अपने विस्फोटक अंदाज में सेंचुरी मारी. इस सेंचुरी के बाद उन्होंने ये भी कहा कि वह ज्यादा उम्मीदें नहीं कर रहे. अभी के लिए उनका फ़ोकस मुंबई को रणजी ट्रॉफ़ी जिताने पर है.

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अभी शॉ का फ़ोकस मुंबई को रणजी ट्रॉफ़ी जिताने पर है (फ़ाइल फ़ोटो)

पृथ्वी शॉ लौट आए हैं. चोट से वापसी के बाद इस युवा ओपनर ने रणजी ट्रॉफ़ी में बेहतरीन सेंचुरी मार दी है. छत्तीसगढ़ के खिलाफ़ दूसरी पारी में शॉ ने 185 गेंदों पर 159 रन बनाए. शॉ ने लंच से पहले ही अपनी सेंचुरी पूरी कर ली. इसके साथ ही वह दो बार ऐसा करने वाले पहले भारतीय भी बन गए.

शॉ इससे पहले भी फ़र्स्ट क्लास मैच के पहले दिन लंच से पहले सेंचुरी मार चुके हैं. उन्होंने असम के खिलाफ़ 383 रन की पारी के दौरान ये किया था. यह रणजी ट्रॉफ़ी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर भी है. छत्तीसगढ़ के खिलाफ़ ये कारनामा दोहराने के बाद एक बातचीत में शॉ ने बताया कि वह वापसी को लेकर थोड़े चिंतित थे.

शॉ ने कहा कि उन्हें डर था कि वह पहले जैसी बैटिंग कर पाएंगे या नहीं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शॉ बोले,

'मैं अच्छा करना चाहता था लेकिन कहीं ना कहीं मेरे दिमाग में ये बात जरूर थी कि मैं अपनी स्टाइल में बैटिंग कर पाऊंगा या नहीं. कैसे खेलूंगा. जब मैं वापसी करूंगा तो ये अच्छी होगी या नहीं. ये सारी चीजें चल रही थीं. लेकिन कुछ घंटों की बैटिंग के बाद चीजें नॉर्मल हो गईं.

मैं नर्वस नहीं था लेकिन जब मैंने बैटिंग शुरू की तो चीजें थोड़ी अजीब थीं. हालांकि, मैंने खुद को मोटिवेट किया कि सब ठीक हो जाएगा. मेरी बॉडी-लैंग्वेज ठीक थी.'

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शॉ की इस सेंचुरी के बाद फ़ैन्स को उम्मीद होगी कि वह अब टीम इंडिया में वापस आएंगे. लेकिन शॉ का फ़ोकस मुंबई को रणजी ट्रॉफ़ी जिताने पर है. उन्होंने कहा,

'मैं बहुत दूर तक नहीं सोच रहा. वर्तमान में रहना चाहता हूं. कोई उम्मीद नहीं है, मैं खुश हूं कि वापस क्रिकेट खेल पा रहा हूं. मैं अभी चोट से लौटा हूं और अपना बेस्ट देना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफ़ी जीतना है. और मैं इसमें जितना हो सके, उतना योगदान देना चाहता हूं.'

बात मैच की करें तो मुंबई की पहली पारी 351 पर खत्म हुई. भूपेन लालवानी ने 102 रन की पारी खेली. इनके अलावा मुंबई का कोई भी बल्लेबाज देर तक नहीं टिक पाया. जवाब में छत्तीसगढ़ ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक चार विकेट खोकर 180 रन बना लिए थे.

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