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Paris Olympics में मेडल जीते सरबजोत सिंह को शूटर किसने बनाया? बच्चों ने...

एक समर कैम्प के दौरान Sarabjot Singh ने कुछ बच्चों को एयरगन चलाते देखा था. इसके बाद से ही उन्होंने शूटिंग की तरफ जाने का फैसला किया. इससे पहले वो कुछ और बनना चाहते थे.

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सरबजोत सिंह ने मनु भाकर के साथ मिलकर किया कमाल. (फोटो: AP)

शूटर मनु भाकर (Manu bhaker) और सरबजोत सिंह (Sarabjot Singh) की जोड़ी ने भारत को Paris Olympics 2024 का दूसरा मेडल दिलाया है. इस जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कोरिया के शूटर्स को हराया. इससे पहले भारत का पहला मेडल भी मनु भाकर ने ही दिलाया. उनकी चर्चा पहले से हो रही थी. अब सरबजोत के भी चर्चे हैं. वो पहली बार ओलंपिक्स में हिस्सा ले रहे हैं और पहली ही बार में झंडा गाड़ दिया है.

सरबजोत सिंह के शूटर बनने की कहानी

सरबजोत सिंह का जन्म 30 सितंबर, 2001 को अंबाला के दीन गांव में हुआ था. उन्होंने महज 13 साल की उम्र में शूटिंग स्टार्ट की थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सरबजोत पहले एक फुटबॉलर बनना चाहते थे. लेकिन एक समर कैम्प के दौरान उन्होंने कुछ बच्चों को एयरगन चलाते देखा था. इसके बाद से ही उन्होंने शूटिंग की तरफ जाने का फैसला किया.

सरबजोत के पिता जितेंद्र सिंह किसान हैं. शूटिंग में करियर बनाने के लिए सरबजोत को अपने किसान पिता को काफी मनाना पड़ा. पिता से इजाजत मिलने के बाद अंबाला स्थित एआर अकादमी ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स में सरबजोत ट्रेनिंग लेने लगे.

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सरबजोत के यहां तक पहुंचने में उनके कोच अभिषेक राणा और दोस्त आदित्य मालरा का बड़ा योगदान रहा. सरबजोत के मुताबिक आदित्य पहले दिन से ही उनके साथ हैं और वो जीवन के हर स्टेज में उन्हें प्रेरित करते रहते हैं. वहीं अभिषेक राणा साल 2016 से उनके निजी कोच हैं. पेरिस ओलंपिक में भारतीय युवा शूटर के परचम लहराने के बाद उनके कोच अभिषेक राणा ने बताया कि सरबजोत हंगरी के शूटर कारोली टाकास से काफी प्रभावित हैं.

अभिषेक ने BBC को दिए एक इंटरव्यू में बताया,

“मैंने एक मोटिवेशनल स्पीकर से हंगरी के शूटर कारोली टाकास का क़िस्सा सुना था. कारोली ने एक ग्रेनेड धमाके में अपने दायां हाथ खोने के बावजूद बाएं हाथ से शूटिंग करना सीखा था. और उन्होंने ओलंपिक में शूटिंग इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. ये कहानी हमेशा मुझे और सरबजोत को प्रेरित करती रही है. इस कहानी से मैंने सीखा कि ज़िंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, आप अपने दृढ़ निश्चय से अपने लक्ष्य को पा सकते हैं. ये कहानी सरबजोत को हमेशा मोटिवेट करती रहती है और उन्हें फोकस बनाए रखने में मदद करती है.”

साल 2023 रहा शानदार

साल 2019 में सरबजोत ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने शूटिंग करियर की शुरुआत की थी. सरबजोत के लिए साल 2023 शानदार रहा. इस दौरान उन्होंने हांगझोऊ एशियन गेम्स 2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया. इतना ही नहीं उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सिल्वर मेडल भी जीता. इसकी खुशी इसलिए भी खास रही क्योंकि इवेंट वाले दिन सरबजोत का बर्थडे था.

इसके अलावा सरबजोत ने भोपाल में हुए 2023 वर्ल्ड कप के दौरान 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया. सरबजोत ने 2023 एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर पेरिस ओलंपिक्स के लिए टिकट हासिल किया था. उनके बेहतरीन प्रदर्शन के बाद उनके पिता काफी खुश नजर आए. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया,

“हम मनु और सरबजोत को ब्रॉन्ज मेडल मिलने पर बेहद खुश हैं. सबसे पहले तो मैं गुरुद्वारे जा रहा हूं. उसके बाद हम अपने गांव में बड़ा जश्न करेंगे.”

अब सरबजोत ने जिस तरह का खेल दिखाया है, उसको लेकर जश्न बनता ही है. हालांकि खुद सरबजोत अपने प्रदर्शन से कुछ ज्यादा खुश नहीं हैं. उनका इरादा ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीतने का है. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक्स में वो गोल्ड मेडल लाने की कोशिश करेंगे.

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