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कभी एक किलो तो कभी एक पॉइंट... छह मौके जब भारत ओलंपिक्स मेडल जीतते-जीतते रह गया!

Paris Olympics 2024 में Lakshya Sen और Manu Bhaker समेत कई एथलीट्स मेडल लाते-लाते रह गए. ये सभी बेहद मामूली अंतर से मेडल जीतने से चूक गए. चलिए आपको बताते हैं वो मौके, जब भारत मेडल लाते-लाते रह गया.

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मीराबाई चानू और लक्ष्य सेन भी मेडल से चूके (फोटो: PTI)

पेरिस ओलंपिक्स 2024 (Paris Olympics 2024) में भारत का अभियान लगभग खत्म हो चुका है. हमने इस बार ओलंपिक्स में छह मेडल जीते. नीरज चोपड़ा के सिल्वर मेडल को छोड़ दें, तो बाकी के सभी मेडल्स ब्रॉन्ज़ ही रहे. शूटिंग में भारत को सबसे ज्यादा तीन मेडल्स मिले. वहीं हॉकी, जैवलिन थ्रो और रेसलिंग में भारत को एक-एक मेडल हाथ लगा. स्टार शूटर मनु भाकर (Manu Bhaker) ने दो ब्रॉन्ज़ मेडल जीते. जबकि बेहद मामूली अंतर से वो मेडल्स की हैट्रिक लगाते-लगाते रह गईं. हालांकि ऐसा सिर्फ मनु के साथ ही नहीं हुआ, बल्कि ऐसे और भी एथलीट्स रहे जो बेहद मामूली अंतर से देश के लिए मेडल लाते-लाते रह गए.

शूटर अर्जुन बबूता महज एक-दो खराब शॉट की वजह से मेडल जीतने से चूक गए. जबकि बैडमिंटन में लक्ष्य सेन ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में बड़ी बढ़त लेने के बाद भी अपना मुकाबला हार गए. शूटिंग के अलावा आर्चरी और वेटलिफ्टिंग में भी हमारे एथलीट्स को किस्मत दगा दे गई. और हमारे एथलीट्स ने चौथे नंबर पर रहते हुए अपने अभियान का अंत किया. ये एथलीट्स कौन से रहें, आइये जानते हैं.

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# मनु भाकर

लिस्ट की शुरुआत पेरिस ओलंपिक्स में दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर से करते हैं. 25 मीटर पिस्टल इवेंट में मनु चौथे नंबर पर रहीं. मनु ने क्वॉलिफाइंग में 590 के स्कोर के साथ दूसरे नंबर पर रहते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई थी. जिसके बाद उनसे एक और मेडल की उम्मीदें बढ़ गई थी. फाइनल मुकाबले में भी मनु ने क्वॉलिफाइंग वाली फॉर्म बरकरार रखी.

पूरे मुकाबले के दौरान मनु लगातार मेडल की रेस में बनी हुई थी. छठवीं और सातवीं सीरीज में पांच में से चार-चार शॉट्स लगाकर मनु ने हंगरी की शूटर, नंबर तीन पर मौजूद वेरॉनिका मेजर के साथ मुकाबला टाई कर लिया था. हालांकि शूट ऑफ में मनु चूक गईं. वो पांच में से दो शॉट्स ही लगा पाईं जबकि मेजर ने चार शॉट्स मारकर ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम कर लिया.

# अर्जुन बबूता

मनु भाकर जैसा ही कुछ भारत के निशानेबाज अर्जुन बबूता (Arjun Babuta) के साथ भी हुआ. 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल मुकाबले में अर्जुन ने शानदार शुरुआत की. काफी समय तक वो नंबर-2 यानी सिल्वर मेडल वाली पोजिशन पर रहे. लेकिन आखिरी सीरीज़ में वो इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पाए. आखिरी शॉट में अर्जुन बस 9.5 अंक ही जुटा पाए. अर्जुन ने फाइनल में कुल 208.4 का स्कोर बनाया. जिसके बाद उन्हें चौथे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा.

# धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत

अब बात करते हैं आर्चरी की. जहां मिक्स्ड टीम इवेंट में धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की जोड़ी चौथे नंबर पर रही. ओलंपिक्स सेमी-फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने वाली इस भारतीय जोड़ी को वहां कोरिया की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद बारी आई ब्रॉन्ज़ मेडल मैच की. अमेरिका के खिलाफ मुकाबले में अच्छा खेल दिखाने के बाद भी भारतीय जोड़ी पिछड़ गई और मुकाबले को 6-2 के अंतर से गंवा बैठी.

# मीराबाई चानू

टोक्यो ओलंपिक्स की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू से हर किसी को पेरिस ओलंपिक्स में भी मेडल की आस थी. और भारतीय वेटलिफ्टर ने अपने मुकाबले के दौरान वो उम्मीदें जगा भी दी थी.  स्नैच में मीराबाई ने शानदार शुरुआत की. मीराबाई 88Kg का बेस्ट वजन उठाकर स्नैच में तीसरे नंबर पर थी. अब बारी थी क्लीन एंड जर्क की. जो मीराबाई का स्ट्रांग पॉइंट माना जाता है.

मीराबाई ने अपने दूसरे प्रयास में 111Kg का वजन सफलतापूर्वक उठाया. मेडल जीतने के लिए मीराबाई ने अपने आखिरी प्रयास में 114Kg वजन उठाने की कोशिश की. लेकिन उनका प्रयास विफल रहा. और वो महज एक किलो के मामूली अंतर से ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने से रह गईं.

# महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका

शूटिंग में एक बार और भारत को निराशा हाथ लगी. जबकि स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट में महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका की जोड़ी मेडल के बेहद करीब पहुंचकर चूक गई. ब्रॉन्ज़ मेडल के मुकाबले में इस भारतीय जोड़ी को चीन की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा. महज एक पॉइंट के अंतर से. चीन के जियांग यितिंग और एलयू जियानलिन की जोड़ी ने इस मुकाबले को 44-43 के अंतर से जीत लिया.

# लक्ष्य सेन

भारत के स्टार शटलर लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) भी मेडल जीतने के करीब पहुंचकर इससे महरूम रह गए. पूरे टूर्नामेंट में कमाल का खेल दिखाने वाले लक्ष्य सेन का सामना ब्रॉन्ज़ मेडल मुकाबले में मलेशिया के ली ज़ी जिया से था. लक्ष्य ने इस मैच में भी बेहतरीन फॉर्म का परिचय दिया और पहले गेम में उन्होंने 21-13 से आसान जीत दर्ज की. दूसरे गेम में भी लक्ष्य ने बेहतरीन शुरुआत की और 8-3 की बढ़त ले ली.

लेकिन यहां से लक्ष्य ने कई बार अनफोर्स्ड एरर किया. जिसका फायदा उठाते हुए मलेशियन शटलर ने गेम को 21-16 से जीत लिया. आखिरी गेम में ली ज़ी शुरुआत से ही लक्ष्य पर हावी नजर आए. उन्होंने कई बार लक्ष्य को एरर के लिए मजबूर किया और इस गेम को 21-11 से अपने नाम करते हुए ब्रॉन्ज़ मेडल भी जीत लिया.

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