Paris Paralympics 2024 Badminton में इंडियन शटलर्स ने कमाल कर दिया. इंडिया ने इस इवेंट में पांच मेडल्स जीते और रिकॉर्ड बना दिया. टोक्यो पैरालंपिक्स में इंडिया के हाथ चार मेडल लगे थे. इस बार इंडियन शटलर्स एक स्टेप आगे बढ़े और उन्होंने दो सिल्वर, दो ब्रॉन्ज़ और एक गोल्ड जीते. इंडिया को गोल्ड मेडल नीतेश कुमार ने दिलाया. सिल्वर मेडल सुहास यथिराज और तुलसीमती मुरुगेसन ने जीता. जबकि ब्रॉन्ज़ मेडल मनीषा रामदास और नित्या श्री के खाते में गए.
पेरिस पैरालंपिक्स: बैडमिंटन स्टार्स का जलवा, जीत लिए टोक्यो से भी ज्यादा मेडल्स!
पेरिस पैरालंपिक्स से मेडल्स आने का सिलसिला जारी है. बैडमिंटन प्लेयर्स ने भारत के खाते में कुल पांच मेडल्स डाल दिए हैं. भारत ने एक गोल्ड मेडल के साथ दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज़ मेडल्स अपने नाम किए.
SL3 कैटेगरी में खेलने वाले नीतेश का सामना ग्रेट ब्रिटेन के डैनिएल बेथल से हुआ. इस मैच से पहले नीतेश, डैनिएल के सामने नौ बार हारे थे. लेकिन इस मैच में उन्होंने इस स्ट्रीक को तोड़ दिया. 1 घंटे 20 मिनट चले इस मैच में नीतेश ने पहला गेम 21-14 से अपने नाम किया.
दूसरे गेम में ब्रिटिश शटलर ने वापसी की और इसे 21-18 से अपने नाम कर लिया. और फिर टक्कर के आखिरी सेट को नीतेश ने 23-21 से अपने नाम कर गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा कर लिया. इस पूरे मैच में खूब लम्बी रैलीज़ देखने को मिलीं. लेकिन नितेश ने धैर्य से काम लेते हुए गोल्ड अपने नाम कर लिया. SL3 कैटेगरी का ज़िक्र करें, तो इसमें वो प्लेयर्स खेलते हैं जिनको पैरों में तकलीफ होती है या फिर उनके पैर नहीं होते.
इस मैच के बाद SU5 कैटेगरी में खेलने वाली विमेन शटलर तुलसीमती मुरुगेस एक्शन में आई. तुलसीमती ने हमवतन मनीषा रामदास को हराकर गोल्ड मेडल मैच में जगह बनाई थी. फाइनल में पहुंचने के साथ ही तुलसीमती ने पैरालंपिक्स बैडमिंटन में इंडिया के लिए मेडल पक्का कर दिया. अब फाइनल मैच में इनका सामना चाइना की ज़िया कुइ यांग से होना था.
ज़िया ने टोक्यो पैरालंपिक्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. यानी तुलसीमती के लिए सोना जीतना आसान नहीं होने वाला था. और यही हुआ भी. चाइनीज़ शटलर तुलसीमती पर हावी रही. तुलसीमती इस मैच को सीधे गेम्स में 21-17 और 21-10 से हार गई. और उनको सिल्वर मेडल से संतुष्ट होना पड़ा. तुलसीमती ने फाइनल तक का सफर अपराजेय रहते हुए तय किया था.
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# मनीषा रामदाससेमी-फाइनल मैच में तुलसीमती से हारी मनीषा का सामना ब्रॉन्ज़ मेडल मैच में डेनमार्क की कैथरीन रोज़नग्रेन से हुआ. ये मैच मनीषा के लिए बेहद आसान रहा. उन्होंने सीधे गेम्स में इस मैच को जीतकर ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम कर लिया. 19 साल की मनीषा ने डैनिश प्लेयर को पूरे मैच में कोई मौका नहीं दिया. पहले गेम से ही उन्होंने डॉमिनेट किया और इसे 21-12 से अपने नाम कर लिया.
इसके बाद दूसरे गेम में भी मनीषा ने इस मोमेंटम को जारी रखा. और इस बार गेम को 21-8 से अपने नाम कर इतिहास रच दिया. इस जीत के साथ ही वह बैडमिंटन में पैरालंपिक्स मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गईं. मनीषा साल 2022 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप का गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है. बताते चलें कि बैडमिंटन की SU5 कैटेगरी में वो प्लेयर्स खेलते हैं, जिनके दोनों हाथ पूरी तरह से ठीक ना हों.
# सुहास यथिराजटोक्यो पैरांलिपक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास के लिए पेरिस पैरालंपिक्स के फाइनल मैच की कहानी भी सेम ही रही. इस बार भी उन्होंने सिल्वर मेडल ही जीता. और इस बार भी सुहास को टोक्यो पैरालंपिक्स के गोल्ड मेडलिस्ट फ्रेंच शटलर लूकस मज़ूर के हाथों हार मिली. टोक्यो में सुहास तीन गेम चले मैच में हारे थे. और इस बार दो गेम चले मैच में 9-21 और 13-21 से हारे.
34 मिनट चले इस मैच में लूकस ने पूरे तरीके से डॉमिनेट किया. सुहास द्वारा वापसी की हर कोशिश नाकाम रही. और अंत में उनको सिल्वर से ही संतुष्ट होना पड़ा. सुहास SL4 कैटेगरी में खेलते हैं. इस कैटेगरी में वो प्लेयर्स होते हैं, जिनको शरीर के निचले हिस्से में कोई तकलीफ होती है. और दौड़ने या भागने में समस्या होती है.
# नित्या श्रीबैडमिंटन फ़ैन्स के लिए दिन का अंत नित्या श्री के ब्रॉन्ज़ मेडल से हुआ. SH6 कैटेगरी में खेलने वाली नित्या का सामना इंडोनेशिया की रीना मारलीना से हुआ. नित्या ने इस मैच को सीधे गेम्स 21-14, 21-6 से अपने नाम किया. नित्या ने मैच की शुरुआत जबरदस्त तरीके से की थी. शुरुआत में ही उन्होंने 7-0 से बढ़त ले ली. लेकिन फिर इंडोनेशियन शटलर ने वापसी की और स्कोरलाइन को 10-10 पर ले आई.
यहां से नित्या ने वापस अपनी रिद्म पकड़ी और 13 मिनट में गेम को 21-14 से अपने नाम कर लिया. दूसरे गेम में तो नित्या ने इंडोनेशिया की शटलर को मौका ही नहीं दिया, पहले 10-2 की बढ़त ली और फिर 21-6 से गेम अपने नाम कर, ब्रॉन्ज़ मेडल भी जीत लिया. अब आपको ये भी बता देते हैं कि SH6 कैटेगरी में वो प्लेयर्स आते हैं जिनका कद छोटा होता है.
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